नेहरू से मोदी तक किसी ने भी नेताजी के अवशेष को लाने की कोशिश नहीं की : आशिष

कोलकाता, 24 जून (भाषा): स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस के पोते आशिष रे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली पहली सरकार से लेकर वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार तक सभी प्रशासन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने वाली सच्चाई में यकीन रखते आए हैं लेकिन उन्होंने जापान से नेताजी के अवशेष लाने की कोशिश नहीं की। रे ने बताया कि विभिन्न सरकारों ने टोक्यो के रेनकोजी मंदिर से नेताजी के अवशेष वापस लाने के लिए बोस के विस्तारित परिवार और उन राजनीतिक पार्टियों तक पहुंचने के बेहद कम प्रयास किए जो अवशेष की वापसी का विरोध कर रहे थे। दशकों से यह गहरा रहस्य बना रहा कि इस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नायकों में से शामिल बोस की मौत कैसे और कब हुई। रे को आशा है कि उनकी नई किताब ‘ लेड टू रेस्ट : द कंट्रोवर्सी ओवर सुभाष चंद्र बोसेज डेथ ’ इस विवाद को खत्म करेगी। उन्होंने कहा कि 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिहाराव और उनके विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अवशेष लाने की एक कोशिश की लेकिन वह काम पूरा नहीं कर पाए। लेखक ने दूसरी सरकारों को लापरवाही के लिए दोषी बताया।