डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की संगीत एलबम ‘सरघी’ प्रमुख शख्सियतों द्वारा रिलीज़

जालन्धर, 20 अगस्त : पत्रकारिता की व्यस्तता के बावजूद अपने संगीतमयी सफर को जारी रखते हुए डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द ने एक अन्य एलबम ‘सरघी’ संगीत प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत की है। यह उनकी 10वीं एलबम है, जिसमें उन्होंने आधुनिक पंजाबी ़गज़ल के प्रसिद्ध हस्ताक्षर डॉ. जगतार की मानवीय संवेदना को बयान करते हुए व जीवन के विभिन्न रंगों को चित्रित करती ़गज़लों को अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। 
एलबम का संगीत प्रसिद्ध संगीतकार पंडित ज्वाला प्रसाद ने तैयार किया है। एलबम के लोकार्पण समारोह में डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द ने एलबम में गज़लों को हारमोनियम द्वारा मंच पर पेश करके न केवल संगीत प्रेमियों को प्रसन्न किया, बल्कि उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ से डॉ. जगतार की शायरी को नई मंज़िल दी। एलबम की रिलीज़ के बाद वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की गायकी की तुलना प्रसिद्ध गज़ल गायकों के साथ करते हुए कहा कि डॉ. हमदर्द अपनी धुन के इस कदर पक्के हैं कि वह जिस कार्य को अपने मन में ठान लेते हैं, बस उसे उसको पूरा करके ही छोड़ते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान से सीधा समारोह में पहुंचे व डॉ. हमदर्द के साथ जुड़ी अपनी दिल की भावनाओं को अलग व शायराना अंदाज़ में व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए बेहद खुशी की बात है कि आज वह इस महफिल का हिस्सा बन सके हैं। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. हमदर्द को बहुपक्षीय शख्सियत बताते हुए कहा कि उनका पत्रकारिता व संगीत के क्षेत्र में अहम योगदान है। उन्होंने डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द को गुणों की गुथली बताते हुए कहा कि उनका कोई विकल्प नहीं है। डॉ. हमदर्द की शख्सियत के बारे में जब उनका यह शेयर ‘उसके कद का अंदाज़ा हो नहीं सकता, वो आसमान है, फिर भी सिर झुकाके बैठा है’ सुनाया तो सभी ने भरपूर तालियों की गड़गड़हाट से इसका सम्मान किया। सिद्धू ने डॉ. हमदर्द को पारस कहते हुए कहा कि उनकी संगत में बैठने का सौभाग्य किसी-किसी को ही मिलता है, व उनको इस बात का गर्व है कि डॉ. हमदर्द ने हमेशा उनको प्यार दिया है। उन्होंने डॉ. हमदर्द को अपने प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी है। उन्होंने डॉ. हमदर्द की गायन शैली व मधुर आवाज़ की भी भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के नौजवान गायकों को उनसे सीख लेने और स़ाफ-सुथरी व पारिवारिक गायकी से जुड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डॉ. हमदर्द की गायकी ने डॉ. जगतार की  गज़लों को अमर कर दिया है। इस अवसर पर डॉ. हमदर्द की दीर्घायु की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि वह भविष्य में भी इस तरह बुलंदियां छूते रहेंगे। इससे पूर्व ‘सरघी’ एलबम ‘अजीत’ भवन में बनाये गए नए आडीटोरियम में एक प्रभावशाली समारोह के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित प्रमुख शख्सियतों द्वारा क्रमबद्ध रिलीज़ की गई। मंच संचालन करते हुये डॉ. लखविन्द्र सिंह जौहल ने डॉ. जगतार की साहित्यिक सृजना की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि आज डॉ. हमदर्द ने उनकी गज़लों को आवाज़ देकर अमर बना दिया है।
डॉ. हमदर्द की प्रतिबद्धता मिसाल : डॉ. चीमा : पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की समाज के प्रति प्रतिबद्धता का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी कार्य किया, वह पूरी तरह प्रतिबद्धता से किया व उसको अपनी मंज़िल तक पहुंचा कर ही सांस लेते हैं। श्री आनंदपुर साहिब में निर्मित की गई विरासत-ए-खालसा व करतारपुर में निर्मित किए गए जंग-ए-आज़ादी यादगार का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन प्रोजैक्टों को पूरा करने के पीछे डॉ. हमदर्द की सोच व संकल्प ही है। स्तरीय पत्रकारिता के क्षेत्र में डाले जा रहे योगदान के लिए भी डॉ. हमदर्द की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. हमदर्द ने कभी भी सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। उन्होंने न केवल ‘पेड न्यूज़’ को नकारा बल्कि समाज को भी इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अनेकों चुनौतियों के बावजूद डॉ. हमदर्द ने ‘अजीत’ की साख को दाग नहीं लगने दिया व प्रत्येक कठिनाई का डट कर सामना किया है। उन्होंने डॉ. हमदर्द की गायकी की तुलना अनेकों प्रसिद्ध गज़ल गायकों के साथ करते हुए कहा कि उनको न केवल अपना यह गायकी सफर जारी रखना चाहिए है, बल्कि अगले वर्ष आ रहे श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के संबंध में एक धार्मिक ‘एलबम’ भी भेंट करनी चाहिए।
गायकी के साथ डॉ. हमदर्द का पुराना सम्बंध : डॉ. इकबाल सिंह : पुड्डुचेरी के पूर्व उप राज्यपाल डॉ. इकबाल सिंह ने डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द के साथ बिताए पुराने पलों को याद करते हुए कहा कि गायकी के साथ उनका रिश्ता बहुत पुराना है व स्कूल के समय से वह डॉ. हमदर्द के गीतों को सुनते आए हैं। उन्होंने कहा कि गायकी एक तपस्या है व डॉ. हमदर्द ने लगातार अभ्यास से अपनी इस कला में इतना निखार ला दिया है कि आज वह मेहंदी हसन व जगजीत सिंह जैसे गज़ल गायकों के क्रम में आ खड़े हुये हैं। उन्होंने डॉ. हमदर्द को नई एलबम की बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. जगतार की गज़लों का चयन करके एक बार पुन: अपने प्रत्यक्ष गायक होने का प्रमाण दिया है। उन्होंने डॉ. हमदर्द को अपना संगीत स़फर इस तरह जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. हमदर्द नई पीढ़ी के मार्ग दर्शक : इरविन खन्ना : श्री इरविन खन्ना ने डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की गायकी की प्रशंसा करते हुए कहा कि समय के साथ उनकी गायकी में निखार और परिपकवता आई है। उन्होंने कहा कि डॉ. हमदर्द की गायकी आत्मा को स्कून पहुंचाती है और वह अक्सर उनकी ‘आस्था’ एलबम में प्रार्थनाओं को सुनते रहते हैं। उन्होंने आशा प्रकट की कि डॉ. हमदर्द इसी तरह संगीत के क्षेत्र में अपना योगदान डालते  रहेंगे। उन्होंने कहा कि संगीत से जुड़ा व्यक्ति ही संवेदनशील हो सकता है और यही कारण है कि डा. हमदर्द के मन में मानवता के लिए प्यार और दर्द है। उनकी शख्सियत में पंजाब व पंजाबीयत की महक आती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में डॉ. हमदर्द गायकी के क्षेत्र में केवल अपना शौक पूरा करने के लिए नहीं आए बल्कि मातृ-भाषा पंजाबी के प्रति अपना दायित्व भी निभाते हुए संगीत द्वारा पंजाबी की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जहां पंजाबी गायकी कुमार्ग पर चल पड़ी है ऐसे में डॉ. हमदर्द नौजवानों के मार्ग दर्शक और नए गायकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। 
संगीत डॉ. हमदर्द की आत्मिक खुराक : विर्दी : इंजीनियर सुरिन्द्र सिंह विर्दी ने संगीत को डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की आत्मिक खुराक बताते हुए कहा कि पत्रकारिता बहुत ही संजीदा व तनाव वाला पेशा है और ऐसे में संगीत ही है, जो डॉ. हमदर्द को हर समय तरोताज़ा और स्वस्थ रखता है। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. हमदर्द द्वारा  ‘अजीत प्रकाशन समूह’ को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए डाले गए योगदान की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रत्येक चुनौती का डट कर सामना करते हुए ‘अजीत’ की साख को और मज़बूत किया है। उन्होंने डॉ. हमदर्द द्वारा शुरू की हरियावल लहर और जंग-ए-आज़ादी यादगार को भी एतिहासिक प्रोजैक्ट बताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपने समाज की बेहतरी के लिए काम किया है।
‘सरघी’ डॉ. जगतार को मेरी सच्ची श्रद्धांजलि : डॉ. हमदर्द : डा. बरजिन्दर सिंह हमदर्द ने प्रसिद्ध शायर डा. जगतार के साथ अपनी भावुक सांझ का ज़िक्र करते हुए कहा कि डा. जगतार उनके आदरणीय पिता डॉ. साधु सिंह हमदर्द के मित्र रहे हैं और उन्हें भी काफी समय डॉ. जगतार  के साथ बिताने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ऐसे में ‘सरघी’ एलबम एक तरह से उनको मेरी तरफ से छोटी सी श्रद्धांजलि है। यही वजह है कि इस समारोह द्वारा उन्होंने अपने बहुत ही निकटवर्ती साथियों के साथ पारिवारिक माहौल में अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। इस अवसर पर गायकी को परमात्मा का वरदान और अपना शौक बताते हुए डॉ. हमदर्द ने कहा कि संगीत हमेशा उनके अंग-संग रहा है और यह उनका सौभाग्य है कि वह अपने इस शौक को पूरा कर सके हैं। उन्होंने अपने जीवन में केवल दो ही शौक रखे हैं एक गाने का और दूसरा पढ़ाई का। डॉ. हमदर्द ने कहा कि संगीत प्रेमियों द्वारा मिले प्रोत्साहन से ही वह अपने इस शौक को आगे बढ़ा सके हैं और यदि संगीत प्रेमियों का इसी तरह प्यार और विश्वास मिलता रहा तो वह अपने इस सफर को आगे भी जारी रखेंगे। इस अवसर पर उन्होंने कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को अपना ‘अज़ीज़’ बताते हुए कहा कि यह उनके प्यार और अपनत्व का ही प्रमाण है कि आज वह समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से सीधे यहां पहुंचे हैं।