मोदी ने इमरान को भेजा बधाई पत्र

नई दिल्ली, 20 अगस्त (उपमा डागा पारथ): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के नए बने प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिख कर भारत द्वारा अच्छे पड़ोसी संबंध रखने की हिमायत प्रकट की और साथ ही क्षेत्र के लोगों की भलाई हेतु सार्थक और रचनात्मक संवाद रखने की दिशा में देखने का सुझाव भी दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह चिट्ठी पड़ोसी देश के नए बने प्रधानमंत्री इमरान खान को बधाई देते हुए लिखी। परन्तु इस बधाई संदेश के साथ ही विवाद उस समय जुड़ गया, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि मोदी ने पाक को बातचीत की पेशकश की है।  सरकारी सूत्रों ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि 18 अगस्त को भेजी गई चिट्ठी में दोनों देशों के मध्य बातचीत शुरू करने के लिए कुछ नहीं कहा गया। चिट्ठी में मोदी ने आशा व्यक्त की, कि पाकिस्तान में नई सरकार के कामकाज संभालने से लोगों का लोकतंत्र में विश्वास मजबूत होगा। मोदी ने भारत में शांति, सुरक्षा, और विकास का दृष्टिकोण साझा करते हुए इस बात पर बल दिया कि क्षेत्र को हिंसा और आतंकवाद से मुक्त करके विकास पर ध्यान दिया जाए। मोदी ने बल दिया कि दक्षिणी एशियाई क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त करवाने की दिशा में काम करने की ज़रूरत है।पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने लगभग एक घंट के संबोधन में विदेश नीति बारे बोलते हुए यह कहा था कि पाकिस्तान को अपने सभी पड़ोसियो ंके साथ बेहतरीन संबंध बनाने के लिए काम करना होगा। इमरान खान ने कहा कि उन्होंने सभी पड़ोसी देशों के साथ बात कर ली है और उनको आशा है कि पाकिस्तान सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधार लेगा। इमरान खान ने यह भी कहा कि पड़ोसियों के साथ शांति बनाए बिना हम देश (पाकिस्तान) में शांति नहीं ला सकते।
क्या कहा कुरैशी ने : भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा संबंध सुधारने की आशा व्यक्त करने उपरांत उस समय विवाद उत्पन्न हो गया, जब कुरैशी ने दावा किया कि मोदी ने पाक को चिट्ठी में भारत-पाकिस्तान के मध्य बातचीत शुरू करने के संकेत दिए हैं। जीओ टी.वी. के अनुसार पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री ने कहा कि अपनी हकीकतों को ध्यान में रखते हुए भारत और पाकिस्तान को आगे बढ़ना होगा।  कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मध्य मसले जटिल हैं और इसका हल निकालने के लिए रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है, परन्तु बातचीत ज़रूर शुरू करनी चाहिए।  25 जुलाई को इमरान खान ने पाकिस्तान में हुए चुनावों के बाद मिली जीत के बाद कहा था कि उनकी सरकार चाहती है कि दोनों देशों के नेता बातचीत के द्वारा कश्मीर के ‘मुख्य मुद्दे’ सहित सभी विवाद सुलझाएं। उन्होंने कहा था कि यदि उनके द्वारा एक कदम उठाया जाता है तो हम दो कदम उठाएंगे परन्तु हमें कम से कम शुरुआत की ज़रूरत है। वर्णनीय है कि ‘उड़ी’ हमले के बाद भारतीय सेना ने 29 सितम्बर, 2016 में कंट्रोल रेखा के पार जाकर सर्जीकल स्ट्राइक किया था। दोनों देशों के मध्य उस समय से बातचीत बंद है।