कैप्टन सरकार दलितों को कर रही शिक्षा से वंचित : सुखबीर

जालन्धर, 14 नवम्बर (मेजर सिंह) : अकाली दल के आह्वान पर जालन्धर में दलित विद्यार्थियों को वज़ीफे न देने के विरुद्ध कैप्टन सरकार के विरुद्ध दिए धरने को संबोधित करते पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कैप्टन सरकार 10वीं के बाद पढ़ाई करने वाले दलित विद्यार्थियों को वज़ीफे न देकर दलित समाज को शिक्षा के प्राथमिक अधिकार से वंचित कर रही है। उन्होंने कहा कि  यदि सरकार ने वज़ीफे के िलए केन्द्र सरकार द्वारा आए 444 करोड़ रुपए की ग्रांट जल्दी जारी न की तो पार्टी द्वारा राज्य स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने केन्द्र सरकार सेआए करोड़ों रुपए की ग्रांट का अन्य कार्यों में प्रयोग किया गया है, जिसका खामियाज़ा दलित वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा राज के समय केन्द्र सरकार द्वारा दलित विद्यार्थियों के लिए चलाई गई योजना के तहत 700 करोड़ रुपए से अधिक राशि से 10 लाख के लगभग विद्यार्थियों को वज़ीफे दिए गए थे। उन्होंने कहा कि वज़ीफे कारण कालेज़ों में दलित विद्यार्थियों के दाखिले में भारी वृद्धि हुई थी, परंतु अब कैप्टन सरकार द्वारा वज़ीफे न देने का असर यह हुआ है कि एक लाख के लगभग दलित विद्यार्थियों के लिए भी केन्द्र सरकार से 22 करोड़ रुपए का फंड पंजाब सरकार के पास आया परंतु राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से का फंड न पाए जाने के कारण यह ग्रांट भी जारी नहीं की जा सका। उन्होंने कहा कि अगले कई वर्षों से वज़ीफा लेने की प्रक्रिया और भी मुश्किल बनाई जा रही है। ऐसे लग रहा है कि दलित को अनपढ़ रखकर अपना वोट बैंक बनाए रखना चाहते हैं। इस दौरान अकाली दल के प्रधान ने कहा कि यदि कोई पंजाब में लोक भलाई के कामों की सूची देखे तो उससे पता चलेगा कि किसानों, दलितों, बुजुर्गों और लड़कियों के लिए सभी लोकभलाई योजनाएं प्रकाश सिंह बादल द्वारा शुरू की गई हैं। समागम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए  उन्होंने कहा कि पंजाब में लगातार हालत बिगड़ रहे हैं। कई जगह बम धमाके हुए हैं और पाकिस्तान की निगरानी में काम करने वाले कश्मीरी विद्यार्थी पकड़े गए हैं परंतु जब उनका ध्यान चुनाव से पहले मौड़ में हुए बड़े धमाके की ओर दिलाया गया तो उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन सी ताकत थी, राज्य सरकार को खुलकर खुलासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में भाईचारक एकता और शांति से ही विकास आगे बढ़ सकता है। परंतु सरकार और उसके साथ जुड़ी कुछ ताकतें पंजाब का माहौल बिगाड़ने के लिए यत्नशील हैं और भाईचारक एकता को तोड़ने की बातें की जा रही है। इस मौके गुलज़ार सिंह रणीके, चरनजीत सिंह अटवाल, हीरा सिंह गाबड़िया, बीबी जगीर कौर, बिक्रम सिंह मजीठिया, मोहन सिंह ठंडल, गुरप्रतप सिंह वडाला, सुखविंदर सुक्खी, बलदेव खैहरा, सरबजीत सिंह मक्कड़, बलजीत सिंह नीलामहल, सतपाल मल्ल, एस.आर. कलेर, दर्शन सिंह कोट फत्ता, बीबी महिंदर कौर जोश, विजय दानव आदि नेताओं ने संबोधित किया। विधायक ने पार्टी प्रवक्ता पवन टीनू ने इस मौके मांग की कि सभी शिक्षा संस्थाओं को विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने से न रोकने के आदेश दिए जाएं। धरने में अमरजीत सिंह संधू, सरबजोत सिंह साबी, देसराज सिंह धुग्गा, दलबीर सिंह ए.आर. लखविंदर सिंह लक्खी, कुलवंत सिंह मन्नण, राजिंदर सिहं लिद्दड़, शिंगारा सिंह लोहियां, रणजीत सिंह काहलों, सुखविंदर सिंह राजपाल, रणजीत सिंह राणा, गुरदेव सिंह गोल्डी, गगनदीप सिंह नागी, परमजीत सिंह रायपुर, बचित्र सिंह  कोहाड़, गुरनेक सिंह ढिल्लों, गुरमिंदर सिंह किशनपुर, मनजीत सिंह टीटू, दिलबाग हुसैन, तलबीर सिंह गिल, पूर्व विधायक मनजीत सिंह मन्ना, अजयबीर सिंह रंधावा, जगरूप सिंह चंदी, दर्शन सिंह सुल्तानविंड और इंद्रप्रीत सिंह पन्नू व अन्य उपस्थित थे।