पेशावर हाईकोर्ट ने लगाई गुरुद्वारे की नीलामी पर रोक

अमृतसर, 17 दिसम्बर (सुरिन्द्र कोछड़): पाकिस्तान इवैकूई ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड द्वारा पेशावर शहर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के एक बड़े हिस्से की कराई जा रही नीलामी पर पेशावर हाईकोर्ट द्वारा अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई है। ई.टी.पी.बी. द्वारा गुरुद्वारा भाई बीबा सिंह का एक हिस्सा व्यापारिक उद्देश्य के लिए बाहरी व्यक्ति को बेचा जा रहा था। जिस पर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य स. साहिब सिंह, गुरपाल सिंह, दर्शन सिंह व हरदियाल सिंह द्वारा इस नीलामी की कार्रवाई को अयोग्य बताते हुए पेशावर हाईकोर्ट में इस बारे अपील दायर की गई। वर्णनीय है कि पेशावर के क्षेत्र हशतनगरी के मोहल्ला झुग्गीवाड़ा की चक्की गली में स्थापित उक्त गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के सिख भाई बीबा सिंह से संबंधित है। दशमेश पिता ने भाई जी को धर्म प्रचार करने के लिए पेशावर भेजा था व उन्होंने वहां रहते सिखी के उद्देश्यों का बड़ा प्रचार व प्रसार किया। पाक सरकार द्वारा देश के विभाजन के लगभग 69 वर्षों के बाद यह अस्थान सिख संगत के लिए खोला गया है। इस गुरुद्वारे के साथ ही भाई बीबा सिंह व बाबा गुरबख्श सिंह के समाधि स्मारक भी मौजूद हैं। मामले की सुनवाई कर रहे जज इकरमुल्ला खान व मुसरत हिलाली के नेतृत्व वाले बैंच ने पेशावर के पुलिस प्रशासन व ई.टी.पी.बी. को तुरन्त गुरुद्वारा भाई बीबा सिंह के एक हिस्से पर बाहरी व्यक्ति का कब्ज़ा कराने से रोकने के आदेश जारी करते संघीय सरकार, खैबर पख्तूनख्वा प्रदेश सरकार, ई.टी.पी.बी. के चेयरमैन, डिप्टी सचिव व पेशावर के डिप्टी प्रबंधक को नोटिस जारी किये हैं। सुनवाई दौरान सिख भाईचारे के वकील सनाउल्ला ने अदालत को बताया कि गुरुद्वारा भाई बीबा सिंह सिख भाईचारे का एक धार्मिक व ऐतिहासिक अस्थान है। उसने अदालत को बताया कि 18 जुलाई 2016 को ई.टी.पी.बी. के सहायक प्रबंधक द्वारा गुरुद्वारा भाई बीबा सिंह के एक हिस्से की कथित तौर पर नीलामी करवाई गई व बाद में उसने 20 नवम्बर 2018 को स्थानीय पुलिस को एक लिखती पत्र जारी करते गुरुद्वारे के एक हिस्से पर उक्त बाहरी व्यक्ति का कब्ज़ा कराने के लिए कहा। जिसके बाद यह कब्ज़ा लेने के लिए पुलिस गुरुद्वारे में पहुंच गई। वकील सनाऊल्ला ने अदालत को अपील की है कि केस का अंतिम फैसला होने तक गुरुद्वारे की ज़मीन की नीलामी पर रोक लगा दी जाए, क्योंकि यह नीलामी गैर-कानूनी व गैर संवैधानिक है।