सवर्ण आरक्षण विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा, उपमा डागा पारथ): सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई। गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वेलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है।