नये ओमिक्रॉन वेरिएंट के मुकाबले हेतु व्यापक रणनीति की आवश्यकता

 

इस खबर के साथ कि नये ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुछ मामले, जिनके बारे में कहा जाता है कि अल्प अवधि में पिछले कोविड संक्रमणों की तुलना में तेजी से फैलता है, चिंता का विषय है। इसलिए कोरोना के नये वेरिएंट का मुकाबला करने के लिए व्यापक रणनीति की आवश्यकता है। हालांकि अब हमारे पास अतीत का पर्याप्त अनुभव है और हमें इसका उपयोग भविष्य में कोविड से बचाव और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करना चाहिए। अतीत में भले ही कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की थी कि महामारी हर बार आती और जाती है। उस समय हम शायद लगभग 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू महामारी को भूल गये थे, जिसने भारी तबाही मचाई थी और लाखों लोगों की जान ली थी।
उस समय चिकित्सा विज्ञान इतना उन्नत नहीं था जितना अब है। कुछ वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद इस मुद्दे को उतनी गंभीरता से नहीं लिया गया था। इसलिए दुनिया ऐसी घटना का सामना करने के लिए तैयार नहीं हो सकी थी। कोविड को रोकने के लिए दवाओं, अस्पताल के कर्मचारियों, उपकरणों के साथ-साथ टीकों की कमी थी। परिणामस्वरूप हमें विश्व स्तर पर कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे देश में गरीब लोगों का अधिक नुकसान हुआ। कोविड से संबंधित आंकड़ों को छिपाने की कोशिश की गई।
केवल चार घंटे का समय देते हुए पूरी तरह से अचानक तालाबंदी लागू कर दी गई थी। इससे बहुत ही विकट स्थिति पैदा हो गयी थी। लोगों की अचानक नौकरी चली गई, आजीविका का कोई साधन नहीं रह गया था और लोग आश्रयहीन हो गये। गरीब मज़दूरों ने अपने परिजनों के साथ रहने के लिए अपने गांव जाने का फैसला किया।  परिवहन के सभी साधनों को बंद कर दिया गया था, जिससे उन्हें सैकड़ों किलोमीटर पैदल, साइकिल, ठेले और अन्य परिवहन के साधनों के लिए अत्यधिक भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आज़ादी के बाद हुए इस सबसे बड़े पलायन के दौरान कई हादसे हुए। दुर्भाग्य से किसी भी मंत्री या सरकारी अधिकारी ने उनके प्रति सहानुभूति के एक शब्द भी नहीं बोले। अर्थव्यवस्था ठप हो गयी थी । श्रमिक ट्रेड यूनियनों ने प्रत्येक परिवार को 7500 रुपये दिए जाने की मांग की ताकि उन्हें खाने के लिए भोजन मिल सके, लेकिन सरकार ने केवल कुछ किलो अनाज, दाल और थोड़ा सा तेल ही दिया। इस महामारी में फार्मा कम्पनियों ने भारी मुनाफा कमाया। दवाइयां, मास्क, सेनेटाइज़र सहित अन्य उपकरण ऊंचे दामों पर बेचे गये। 
देश के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि स्थानीय और वैश्विक आपूर्ति के लिए सस्ती दवाओं-टीकों का उत्पादन करने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के फार्मास्यूटिकल उद्योग को मजबूत किया जाए। (संवाद)