पूर्ण शांति और खुशहाली के इंतज़ार में कश्मीर की वादियां

 

कश्मीर को भारत का स्वर्ग कहा जाता है और यह सही भी है कि कश्मीर की फिजाएं, झीलें-नदियां, पहाड़ पर्यटकों को लुभाते आ रहे हैं, परन्तु पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यह नहीं चाहते कि कश्मीर में फिर से सद्भावना एवं शांति स्थापित हो और कश्मीरी पंडित वापस आकर वहां रहने लगें। ये आतंकवादी इस उद्देश्य से धर्म विशेष के लोगों को टारगेट कर रहे हैं ताकि वहां दहशत का माहौल बना रहे और वे अपने मकसद पर कामयाब हो सकें। उधर चीनी सेना द्वारा तवांग घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश की गई जिसका भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब देकर उसे वापस खदेड़ा गया। वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा पर माहौल काफी तनावपूर्ण रहता है, जिसका स्थाई समाधान खोजने की बड़ी आवश्यकता है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और वहां शांति स्थापित होने से काफी बेचैन भी है।  कश्मीर में विगत 30 वर्षों में आतंकवादी हिंसा से 35 से 40 हज़ार लोगों की हत्या हो चुकी है। 
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार वहां पर चौतरफा विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव कराने की घोषणा के बाद राजनीतिक गतिविधियां भी तेज़ हो रही हैं। भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम के बाद सीमाओं पर आए दिन होने वाली गोलीबारी फिहाल तो शांत है। इसका मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि पाकिस्तान अपनी आतंकी हरकतों से बाज आ गया है। वह सीमा के पास लांच पैड से लगातार आतंकी हमलावारों को भारत की सीमा में घुसपैठ कराने की कोशिश करता रहता है। एक प्रकरण में विगत दिनों सीमा पार करते हुए 4 में से 3 आतंकियों को मार गिराया गया था एवं एक आतंकी को पकड़कर हिरासत में भी लिया गया था। पकड़े गए आतंकवादी के बयान के अनुसार पाकिस्तान तथा उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की पूरी पोल खुल गई है। पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में पुन: 1990 वाले हालात पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उस समय कश्मीरी पंडित हिंसा और दहशत से घबराकर कश्मीर छोड़ कर चले गए थे। अब 370 धारा हटाने के बाद केंद्र सरकार का यह प्रयास लगातार जारी है कि कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर में अपनी बेची हुई या छोड़ी हुई जगह पर आकर फिर से काबिज हों एवं कश्मीर में फिर से पूर्ण शांति का माहौल तैयार हो। वहां पर पर्यटन तथा उद्योगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। 
पाकिस्तान और आईएसआई को समझ लेना चाहिए कि भारत अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम तो है ही साथ ही अनेक देशों का समर्थन भी इसे प्राप्त है। उधर पाकिस्तान की स्थिति यह है कि कुछ मुस्लिम देशों को छोड़कर कोई उसके पक्ष में बोलने को तैयार नहीं है। वह विश्व में अलग-थलग पड़ गया है। उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चकी है। अफगानिस्तान में अमरीका को धोखे में रख पाकिस्तान तालिबानी आतंकवादियों की सहायता कर अशांति का प्रयास करता रहा है। यह विदित है कि पाकिस्तान की सीमा से लगा कश्मीर सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
 
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