महाद्वीपों के अलग होने से फूटते हीरों के फव्वारे

प्राकृतिक हीरे पृथ्वी की सतह से लगभग 150 किलोमीटर नीचे अत्यधिक दाब और ताप वाली परिस्थिति में बनते हैं। ये हीरे किम्बरलाइट के रूप में पृथ्वी की सतह पर आ जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसी प्रकार की कुछ शक्तिशाली घटनाओं ने माउंट वेसुवियस जैसे ज्वालामुखी विस्फोटों को जन्म दिया होगा। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में पृथ्वी और जलवायु विज्ञान के प्रोफेसर थॉमस गर्नोन ने इन विस्फोटों और पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता के बीच एक जुड़ाव पाया है। उनके अनुसार किम्बरलाइट अक्सर तब निकलते हैं जब टेक्टोनिक प्लेट्स पुनर्व्यवस्थित हो रही होती हैं, जैसे पैंजिया महाद्वीप के टूटने के दौरान। लेकिन दिलचस्प बात है कि ये विस्फोट टूटती टेक्टोनिक प्लेटों के किनारों पर नहीं बल्कि महाद्वीपों के मध्य में होते हैं जहां पृथ्वी की परत अधिक मज़बूत होती है और जिसे तोड़ना कठिन होता है। 
उदाहरण के लिए, लगभग 18 करोड़ वर्ष पहले गोंडवाना महाद्वीप से टूटकर अलग हुए वर्तमान अफ्रीका और दक्षिण अमरीका में अलगाव के लगभग 2.5 करोड़ वर्ष बाद किम्बरलाइट विस्फोटों में वृद्धि देखी गई थी। इसी तरह लगभग 25 करोड़ वर्ष पहले पैंजिया अलग हुआ और उसके बाद उत्तरी अमरीका में अधिक किम्बरलाइट विस्फोट देखे गए। खास बात यह है कि विस्फोट अलगाव के किनारों से शुरू होकर केन्द्र की ओर बढ़ते हैं। शोधकर्ताओं के लिए अगला काम इस पैटर्न को समझना था। इसके लिए पृथ्वी की पर्पटी के गहरे हिस्से और मेंटल के ऊपरी भाग का कम्प्यूटर मॉडल तैयार किया गया। उन्होंने पाया कि जैसे-जैसे टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं महाद्वीपीय पर्पटी का निचला भाग पतला होता जाता है। इस दौरान गर्म चट्टानें ऊपर उठती हैं और इस विभाजन सीमा के सम्पर्क में आने के बाद ठंडी होकर फिर से डूब जाती हैं। इस प्रक्रिया में परिसंचरण के स्थानीय क्षेत्र बनते हैं।
ये अस्थिर क्षेत्र आसपास के क्षेत्रों में भी अस्थिरता पैदा कर सकते हैं और धीरे-धीरे हज़ारों किलोमीटर दूर महाद्वीप के केन्द्र की ओर खिसक सकते हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार यह निष्कर्ष किम्बरलाइट विस्फोटों के वास्तविक पैटर्न, छोर से शुरू होकर केन्द्र की ओर से मेल खाते हैं। ये निष्कर्ष हीरे के अज्ञात भंडारों की खोज में उपयोगी हो सकते हैं तथा इनसे ज्वालामुखी विस्फोटों को समझने में भी मदद मिल सकती है। 
 

(स्रोत फीचर्स)