शेख हसीना के चुनाव जीतने के अर्थ

भारत के पूर्वी पड़ोसी देश बंगलादेश में गत दिवस हुए चुनावों में एक बार फिर शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी को भारी विजय प्राप्त हुई है। इसी दौरान ही देश की दूसरी बड़ी पार्टी बंगलादेश नैशनलिस्ट पार्टी ने यह कह कर चुनावों का बहिष्कार कर दिया था कि उसे इन चुनावों के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने संबंधी विश्वास नहीं, परन्तु जहां तक  इस देश का संबंध है, यहां अधिकतर राजनीतिक हालात स्थिर नहीं रहे। पहले बंगलादेश पाकिस्तान का पूर्वी भाग था, जो समुद्र के माध्यम से पश्चिमी पाकिस्तान से हज़ारों मील दूर था। जल्दी ही संयुक्त पाकिस्तान का सपना चूर-चूर हो गया और पूर्वी पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय नेता शेख मुजीब-उर-रहमान के नेतृत्व में बहुत रक्तपात वाली स्वतंत्रता की लड़ाई शुरू हो गई। अन्तत: 1971 में इस क्षेत्र को पाकिस्तान से छुटकारा मिल गया और यह अलग देश बंगलादेश बन गया। 
इस स्वतंत्रता संग्राम में भारत ने बंगलादेश के पूरा साथ दिया था और इसकी स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अपनी सेना भी भेजी थी। इसके बाद अवामी लीग के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान वर्ष 1973 में बड़ी जीत प्राप्त करके देश के प्रधानमंत्री बन गये थे, परन्तु उन्हें तथा उनके परिवार को वर्ष 1975 में सेना के कुछ अधिकारियों ने ब़गावत करके मार दिया था। शेख के समूचे परिवार में से सिर्फ शेख हसीना तथा उनकी छोटी बहन शेख रिहाना ही बची थीं, क्योंकि वे उस समय देश से बाहर थीं। उसके बाद नये बने इस देश में बड़ी उथल-पुथल हुई। पूर्व सैन्य जनरल ज़िया-उर-रहमान ने बंगलादेश नैशनलिस्ट पार्टी बना कर चुनाव में बड़ी जीत प्राप्त की थी, परन्तु वर्ष 1981 में हुई एक ब़गावत में उन्हें भी मार दिया गया था। उसके बाद वर्ष 1986 में सैन्य जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद ने अपनी बनाई जातीय पार्टी की ओर से चुनाव लड़ कर जीत प्राप्त की थी। उस समय भी दूसरी विरोधी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। वर्ष 1991 में बंगलादेश नैशनलिस्ट पार्टी ने ़खालिदा ज़िया के नेतृत्व में जीत प्राप्त करके सरकार बनाई थी। उसके बाद वर्ष 1996 में अवामी लीग पार्टी की शेख हसीना प्रधानमंत्री बनी थीं। उनकी सरकार 2001 तक चली। वर्ष 2008 के बाद हुए चुनाव में शेख हसीना की पार्टी को जीत प्राप्त होती रही जो अब तक जारी है। इस चुनाव में पांचवीं बार वह देश की प्रधानमंत्री बन रही हैं। 
भारत के लिए यह इस कारण बड़े  संतोष की बात है, क्योंकि हमेशा अवामी लीग तथा शेख हसीना के साथ भारत के संबंध अच्छे बने रहे हैं। विगत समय में दोनों देशों का प्रत्येक पक्ष से आपसी सहयोग तथा व्यापार बड़ी सीमा तक बढ़ा है। एक बार फिर भारत की बंगलादेश से लगती पूर्वी सीमा से चिन्ता समाप्त हो गई है। विगत समय में दक्षिण एशिया के देशों में से बंगलादेश ने प्रत्येक पक्ष से विकास किया है। आज यह इस क्षेत्र में दूसरी बड़ी अर्थिकता वाला देश बन गया है और इसने इस पक्ष से पाकिस्तान को पछाड़ दिया है। आगामी समय में भी भारत बंगलादेश के साथ और अच्छे संबंधों की आशा रखता है। अपनी जीत के बाद शेख हसीना ने बड़े भावुक होकर कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं, क्योंकि भारत हमारा विश्वसनीय मित्र है। हम इस जीत से भारत के नागरिकों को शुभकामनाएं भेजते हैं। शेख हसीना पहले से ही आतंकवाद के खिलाफ रही हैं। उन्होंने अपने देश में ऐसे संगठनों को सिर नहीं उठाने दिया, चाहे उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ अधिक से अधिक कार्रवाइयां करने से कभी संकोच नहीं किया। भारत को भी इस मामले पर हमेशा बंगलादेश के साथ खड़े होने की आवश्यकता होगी। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द