‘इंडिया’ गठबंधन बिहार में सीटों का बटवारा करने में सफल रहा

 

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 29 मार्च को गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे का ऐलान किया। राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी) के सीनियर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा किए गये ऐलान के अनुसार आर.जे.डी अब 26 सीटों पर चुनाव लड़ेंगा, जबकि कांग्रेस 9 और बाकी रहती 5 सीटों पर वामपंथी पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। बिहार में कुल मिलाकर 40 लोकसभा क्षेत्र हैं। वामपंथी पार्टियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लैनिनवादी) भोजपुर (आरा), नालंदा और काराकाट की तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.एम.) बेगूसराये सीट पर चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए उसने पहले ही नाम का ऐलान कर दिया है। खगड़ीयां सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सी.पी.एम.) के उम्मीदवार अवधेश राय चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस बाकी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें किशनगंज, कटिहार, समस्तीपुर, पटना साहिब, सासाराम, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, महाराजगंज क्षेत्र शामिल है। इसके दौरान वरिष्ठ नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जो किसी भी कीमत पर पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ना चाहता है और हाल ही में अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (जे.ए.पी.) का कांग्रेस पार्टी में मिलाप कर चुके हैं, नाराज़ दिखाई दे रहे है। महागठबंधन तहत कांग्रेस पार्टी को पूर्णिया सीट से वंचित कर दिया गया है, आर.जे.डी. ने पहले ही पूर्णिया से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बीमा भारती के नाम का ऐलान कर दिया है। हालांकि पप्पू यादव, जिनकी पत्नी रणजीत रंजन छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद है, को सुपोल सीट से मैदान में उतारे जाने की संभावना है, जिसकी उन्होंने पहले भी एक बार लोकसभा सदस्य के तौर पर प्रतिनिधित्व किया था।
‘इंडिया’ गठबंधन की रैली में शामिल होंगे टी.एम.सी. नेता
ऐसा लगता है कि ऐनफोर्समैंट डाइरैक्टोरेट (ई.डी.) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के नाराज़ विपक्षी दल को वापिस एकजुट होने का काम किया है, जो सीटों के विभाजन के मुद्दे पर बांटी गई थी। यहां तक कि अब टी.एम.सी. ने भी 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन की संयुक्त रैली में शामिल होने का फैसला किया है। चाहे कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्यों में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने वाली केन्द्रीय एजेंसियों की सत्तारूढ़ भाजपा की बदलाखोरी की राजनीति के विरोध में संयुक्त रैली में खुद शामिल नहीं होगी क्योंकि वह उसी दिन राज्य में अपनी पार्टी की लोकसभा मुहिम की शुरुआत करेंगी, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन की संयुक्त रैली में टी.एम.सी. नेता ज़रूर पार्टी की अध्यक्षता करेंगी।
कांग्रेस द्वारा उडीसा में बड़ा ऐलान
चुनावों से पहले अनुसूचित जाति और कबाइली भाईचारों को लुभाने के लिए उड़ीसा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओ.पी.सी.) ने ऐलान किया है कि पार्टी सरकारी पदों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित कबीलों (एस.सी./एस.टी.) के लिए आरक्षित पदों को भरने के लिए एक विशेष मुहिम चलाएगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस महिला स्व-सहायता ग्रुपों के लिए 5 लाख रुपये तक की कज़र् माफी, 2000 रुपये का महीने का भत्ता और एस.टी. और एस.सी. महिलाओं के लिए 3000 रुपये की गारंटी दी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई आदिवासी गांव ‘नशा मुक्त’ हो जाता है, तो उसके विकास पर हर वर्ष 10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस ने वायदा किया है कि गांव की सभी महिलाओं को प्रोत्साहन के रूप में हर वर्ष एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
कांग्रेस को बड़ा झटका
महा विकास अघाड़ी गठबंधन (एम.वी.ए.) को एक अन्य झटका लगा है, खासतौर पर कांग्रेस को, जो वंचित बहुजन अघाड़ी (वी.बी.ए.) के साथ गठबंधन पर जोर दे रही थी। प्रकाश अंबेडकर ने गठबंधन के साथ बातचीत खत्म करने का ऐलान किया है। 
इसकी बजाय डा. बी.आर. अंबेडकर के पौत्र ने वी.बी.ए. और भाईवाल संगठनों और ओ.बी.सी. महासंघ और मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल जैसे नेताओं के एक वैकल्पिक ‘गठबंधन’ का ऐलान किया है। वी.बी.ए. प्रमुख ने विदर्भ मंडल की उन सीटों के लिए आठ उम्मीदवारों की पहली सूची का ऐलान किया, जहां लोकसभा चुनाव के पहले पड़ाव में वोट पडें़गे। अकोला से तीन बार सांसद रह चुके प्रकाश अंबेडकर इन चुनावों में भी इसी सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। हालांकि वी.बी.ए. ने कांग्रेस के दो उम्मीदवारों-नागपुर में विकास ठाकरे और महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी के 12वें वंशज श्री शाहू शाहजी छत्रपति महाराज, जो कांग्रेस-एम.वी.ए. के उम्मीदवार हैं, को समर्थन देने का ऐलान किया है। (आई.पी.ए. सेवा)