रंगों का प्रभाव

सफेद रंग हल्केपन एवं शीतलता का आभास देता है।
पीला रंग उत्फुल्लता, हल्केपन खुलेपन और गरमाहट का आभास देता है, नब्ज की रफ्तार तेज करता है परंतु आक्रामक प्रतिक्रिया भी पैदा कर सकता है।
बैंगनी रंग थकान और भारीपन का भ्रम उत्पन्न कर थकान, बोरियत या बोझ की अनुभूति करता है।
गहरा नीला रंग मस्तिष्क को विश्रान्ति देता है किन्तु दुख का बोध भी कराता है। गहरे नीले रंग से पूरा कमरा ठण्डा एवं भरा-भरा प्रतीत होता है। 
हरा रंग शांति एवं शीतलता का अहसास कराता है। आंखों से दबाव घटाकर नेत्र ज्योति तेज़ करता है। खून का दबाव भी सामान्य करता है।
हल्का नीला रंग शीतलता व अलगाव द्वारा चैन देता है।
काला रंग ओजस्विता कम करता है, अवसादकारक एवं उत्पीड़क बोझ देने वाला है। काले रंग पुते तल काफी बड़े प्रतीत होते हैं।
भूरा रंग स्थायित्व, गर्म और मानसिक संतुलन बोधकारक होता है।
सलेटी रंग को ठंडा, नीरसता व विरक्तिबोधक माना जाता है।
श्वेत एवं नीले रंग के सम्मिश्रण को शीतलता और चैन का द्योतक कहा गया है।
जामुनी रंग गर्म एवं उत्साहवर्धक माना गया है।
लाल रंग गर्मजोशी, मनोबल बढ़ाता है मगर देर तक हावी रहना थकान एवं धकड़न बढ़ाता है।
नारंगी रंग दृढ़ता का आभास देता है एवं नब्ज की गति बढ़ाता है। (उर्वशी)