टी-20 विश्व कप-भारतीय टीम में 4 स्पिनर्स चुने जाने का राज़

आईसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप आगामी 2 जून से अमरीका व वेस्टइंडीज में खेला जायेगा। इसके लिए भारत ने अपनी 15 सदस्यों की टीम घोषित कर दी है, जिसमें आश्चर्यजनक रूप से चार स्पिनर्स को शामिल किया गया है : रविन्द्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव और युज्वेंद्र चहल। इसके साथ ही टीम में दो ऐसे बैटर्स : संजू सैमसन व शिवम दुबे। को भी रखा गया है जो मध्यक्रम में स्पिन को न सिर्फ अच्छा खेलते हैं बल्कि तेज़ ऱफ्तार से रन बनाने में भी सक्षम हैं। इस रहस्यमय चयन पर अच्छी खासी बहस हो रही है और कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि टीम में चार स्पिनर्स रखने की योजना के बारे में वह नासाउ (बहामा की राजधानी) में आयरलैंड के विरुद्ध भारत के पहले विश्व कप मैच की पूर्व संध्या पर ही बतायेंगे।
बहरहाल, टीम के घोषणा करते समय चयनकर्ताओं के प्रमुख अजीत अगरकर व रोहित शर्मा की प्रैस कांफ्रैंस से दो स्पष्ट संकेत अवश्य मिले हैं। एक, 2022 टी-20 विश्व कप अभियान में जो कमियां रह गईं थीं, उस पर टीम प्रबंधन ने गहरा मंथन किया है और इस बार अपनी ताकत के क्षेत्रों पर अधिक बल देते हुए उनका पूरी तरह से समर्थन किया है। मध्यक्रम को मज़बूत करना आवश्यक था। इसलिए ऐसे बैटर्स की ज़रुरत थी जो खुलकर खेलें, बिना इस बात की परवाह किये हुए कि गेंदबाज़ी कौन कर रहा है। चूंकि मिडिल ओवरों में अक्सर स्पिनर्स गेंदबाज़ी करते हैं, कॅरीबीयन की स्पिन-फ्रेंडली स्थितियों में तो यह अधिक होगा, इसलिए सैमसन व दुबे का चयन किया गया है। यही वजह है कि गेंदबाज़ी को भी स्पिनर्स से मज़बूत किया गया। इसमें शक नहीं हैं कि इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में मध्यक्रम की बल्लेबाज़ी और स्पिन यिन व यंग की भूमिका में होंगे, लेकिन भारत अपने ग्रुप मैच अमरीका में खेलेगा, जिसके विकेट किस तरह से खेलेंगे, किसी को मालूम नहीं है। 
भारत ग्रुप ए में है, जिसमें अन्य टीमें हैं पाकिस्तान, आयरलैंड और कनाडा। इसलिए इतना तो तय है कि भारत सुपर 8 में पहुंच जायेगा। सुपर 8 के अपने मैच वह वेस्टइंडीज में खेलेगा, जिनमें मुकाबले कड़े होंगे और दोनों बल्ले व गेंद की भूमिकाएं स्पिन के इर्द-गिर्द घूमेंगी। भारतीय टीम में जो तीन तेज़ गेंदबाज़ चुने गये हैं, उनमें से जसप्रीत बुमराह को छोड़कर बाकी दो-मुहम्मद सिराज व अर्शदीप सिंह लिहाल आउट-ऑ़फ-फॉर्म हैं। इससे यह संभावनाएं बढ़ती हैं कि भारत तीन स्पिनर्स को खिलायेगा और तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के रूप में हार्दिक पंड्या होंगे। दो हरफनमौला-जडेजा व पटेल की उपस्थिति इस विकल्प को संभव बनाती है। लेकिन क्या भारत साथ ही बल्ले से भी साहस दिखा सकता है? प्रबल संभावनाएं ये हैं कि टी-20 के पहले चौंपियन के बल्लेबाज़ी क्रम पहले टॉप 6 बैटर्स (के.एल. राहुल की जगह यशस्वी जयसवाल के अपवाद को छोड़कर) वहीं होंगे जो पिछले विश्व कप की सेमीफाइनल हार में इंग्लैंड के विरुद्ध खेले थे। यह मानते हुए कि विराट कोहली तीसरे नंबर पर खेलेंगे, बल्लेबाज़ी क्रम यह हो सकता है- रोहित, जयसवाल, कोहली, सूर्य कुमार, पंत, हार्दिक व जडेजा। ज़ाहिर है कि इनके बाद गेंदबाज़ आयेंगे- पटेल, कुलदीप, बुमराह, सिराज/अर्शदीप। अब टीम में सैममसन (जो हर 5.3 गेंद पर छक्का मारते हैं) व दुबे (जो हर 5.5 गेंद के बाद छक्का मारते हैं) की जगह कहां बचती है, जिन्हें मध्यक्रम को मज़बूत व विस्फोटक बनाने के लिए टीम में शामिल किया गया है? किसी के चोटिल होने पर ही इन्हें खेलने का अवसर मिल सकता है। 
कहने का अर्थ यह है कि पिछले दो विश्व कप लगभग इसी टीम के साथ हारने के बावजूद कोई क्रांतिकारी परिवर्तन नहीं किया गया है। दूसरा टी-20 विश्व कप लाने के लिए लगभग उन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया गया है जो दो बार से असफल होते आ रहे हैं। बहरहाल, इस समय जो टी-20 का स्कोरिंग पैटर्न हो गया है उसमें लगभग सभी टीमों के पास मध्यक्रम में ऐसे विस्फोटक बैटर्स हैं जो स्पिन को ध्वस्त करने में सक्षम हैं। मसलन, दक्षिण अफ्रीका के पास हेंरिच क्लासेन हैं, वेस्टइंडीज में निकोलस पूरन हैं और चैंपियन इंग्लैंड में लियाम लिविंगस्टोन, कप्तान जोस बटलर व विल जैकस हैं। भारत के लिए यही लोग सबसे बड़ी चुनौती हैं । अगर दुबे को किसी तरह से टीम में फिट भी किया गया तो पांच नंबर से पहले उन्हें खेलने का अवसर नहीं दिया जायेगा, तब वह बात ही अर्थहीन हो जाती है जिसकी वजह से अधिक स्थापित फिनिशर रिंकू सिंह की जगह दुबे को टीम में जगह दी गई। पंत से मोह भंग होने या पंत के चोटिल होने पर ही सैमसन को टीम में खेलने का अवसर दिया जायेगा। इस पूरी बहस का सार यह है कि स्पिन की, दोनों गेंद व बल्ले से, गुत्थी अभी सुलझी नहीं है। अब देखना यह है कि प्रतियोगिता की पूर्व संध्या पर रोहित शर्मा इस संदर्भ में क्या राज़ खोलते हैं?
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर