मशरूम और टोडस्टूल में क्या अंतर है? 

‘दीदी, हमारे स्कूल के ग्राउंड में अक्सर हमें मशरुम उगे हुए दिखायी दे जाते हैं। बच्चे कहते हैं कि वह मशरुम नहीं हैं बल्कि टोडस्टूल हैं, जोकि ज़हरीले होते हैं। कुछ बच्चे उन्हें सांप की छतरी या कुकुरमुत्ता भी कहते हैं। मैं यह जानना चाहता हूं कि मशरुम और टोडस्टूल में क्या अंतर है?’
‘आपके सवाल का उत्तर है कि उनमें कोई अंतर नहीं है!’
‘क्यों?’
‘वैज्ञानिक दृष्टि से टोडस्टूल जैसी कोई चीज़ है ही नहीं। बहुत से लोग ज़हरीले मशरुम को टोडस्टूल कहते हैं। लेकिन कोई वनस्पति वैज्ञानिक कभी इस शब्द का प्रयोग नहीं करता है और वैसे भी मशरुम और जिसे टोडस्टूल कहते हैं उसमें कोई अंतर है ही नहीं।’
‘हम बच्चों को तो बहुत बड़ी गलतफहमी थी।’
‘दरअसल, मशरुम को लेकर बहुत से अन्य विचार भी हैं जो पूर्णत: गलत हैं।’
‘मसलन, क्या क्या?’
‘जो मशरुम की प्रजातियां ज़हरीली होती हैं, वे काफी कम होती हैं। लेकिन यह कम भी बहुत खतरनाक व घातक होती हैं। इसलिए किसी को भी कभी मशरुम खाने तो क्या टेस्ट भी नहीं करने चाहिए जब तक कि उसे पूरा यकीन न हो जाये कि वह ज़हरीले नहीं हैं।’
‘अब यह कैसे मालूम हो कि कौन सा मशरुम ज़हरीला है और कौन सा खाने योग्य है?’
‘सबसे पहले तो यह जान लो कि ज़हरीले मशरूम की पहचान करने के लिए कुछ लोग जो ‘टेस्ट’ करते हैं, वह एकदम बेकार हैं। जैसे यह कहना सही नहीं है कि छतरी-नुमा कैप के सभी मशरुम ज़हरीले होते हैं। यह बात भी सच नहीं है कि ज़हरीले मशरुम जब ठंडे हो रहे होते हैं तो अगर उन्हें चांदी के चम्मच से हिलाया जायेगा तो चम्मच काला हो जायेगा।’
‘तो फिर क्या किया जाये?’
‘अपनी मज़र्ी से चयन न करें। केवल वह मशरुम खाएं जो स्टोर से खरीदे हों। ज़हरीले मशरुम में इतना ज़हर होता है कि मौत निश्चित हो जाती है। सम्राट नीरो ने तो उन्हें खिलाकर मेहमानों की पूरी पार्टी को मार दिया था। मशरुम फंगस या कवक हैं यानी उनमें क्लोरोफिल नहीं होता, जिससे पौधे अपने लिए फूड का निर्माण करते हैं। वह अपने फूड के लिए हरे पौधों पर निर्भर करते हैं, इसलिए उनके पास ही उगते हैं। मशरुम बहुत नाज़ुक पौधा है, जिसमें मुख्यत: पानी होता है, इसलिए वह गर्म सूखी हवा या गर्मियों का सूरज बर्दाश्त नहीं कर पाता।’ 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर