रेखा की मां पुष्पावल्ली के दिलचस्प किस्से

पुष्पावल्ली तमिल व तेलगु फिल्मों की ऐसी अदाकारा रही हैं जिनमें ़गज़ब की अभिनय प्रतिभा तो थी, लेकिन वह पर्दे से अलग की अपनी बातों को लेकर अधिक चर्चा में रहती थीं। उन्होंने दक्षिण सिनेमा के ऐसे सुपरस्टार से प्यार किया जिनकी पहले से ही दो पत्नियां थीं। सुपरस्टार ने पुष्पावल्ली को दो बेटियों की मां तो बना दिया, लेकिन कभी उनसे शादी नहीं की और उन्हें छोड़कर खुद ने तीसरी शादी भी की। पुष्पावल्ली का जन्म 3 जनवरी, 1926 को आंध्रप्रदेश में ज़िला पश्चिम गोदावरी के गांव पेंटापडू में हुआ था, जोकि उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी में था। उनके माता-पिता कांडला रामाकोटाम्मा व कांडला थाथाचारी ने उनका नाम कांडला वेंकट पुष्पावल्ली तायरअम्मा रखा। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में फिल्मी दुनिया में प्रवेश किया था ताकि अपने परिवार की आर्थिक ज़रूरतें पूरी कर सकें। वह पैसे के लिए फिल्मों में इतनी अधिक व्यस्त रहती थीं कि अच्छी भूमिकाएं चुनने की उन्हें फुर्सत ही न थी। शायद इसी वजह से वह कभी टॉप लेवल की स्टार न बन सकीं।   
पुष्पावल्ली ने 1936 में रिलीज़ हुई ‘सम्पूर्ण रामायण’ में सीता की भूमिका निभायी थी और वह रातोंरात स्टार बन गई थीं। इस फिल्म में अभिनय करने के लिए उन्हें 300 रूपये की फीस मिली थी, जो उस ज़माने में काफी बड़ी रकम समझी जाती थी। पुष्पावल्ली की सबसे बड़ी हिट तेलगु फिल्म ‘बाला नागम्मा’ (1942), जिसमें उनकी महत्वपूर्ण सहायक भूमिका थी। इस फिल्म के रिलीज़ होने से दो साल पहले यानी 1940 में पुष्पावल्ली ने वकील आईवी रंगाचारी से शादी कर ली थी, जिनसे उनके दो बच्चे बाबजी व रामा हुए, लेकिन छह साल के बाद ही उनके वैवाहिक जीवन में दरार आ गई और वह अपने पति से अलग रहने लगीं। बहरहाल, 1947 में ‘मिस मालिनी’ में उनकी प्रमुख भूमिका थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो फ्लॉप हो गई, लेकिन आलोचकों ने इसकी खूब प्रशंसा की और इस फिल्म के कारण पुष्पावल्ली के जीवन में नया मोड़ आ गया। 
‘मिस मालिनी’ में एक नये एक्टर जैमिनी गणेशन को अवसर दिया गया था, जो बाद में बहुत बड़े स्टार बन गये, जबकि इस फिल्म के समय पुष्पावल्ली उनसे बड़ी स्टार थीं। हालांकि वह विवाहित थे, लेकिन पुष्पावल्ली न सिर्फ उनसे प्यार कर बैठीं बल्कि उनके साथ रिलेशनशिप में भी रहने लगीं। इस संबंध से पुष्पावल्ली ने दो बेटियों को जन्म दिया- रेखा जो बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस हैं और राधा, जिन्होंने तमिल की कुछ फिल्मों में काम किया और फिर मॉडल सय्यद उस्मान से शादी करके अमरीका चली गईं। जैमिनी गणेशन ने पुष्पावल्ली को कभी भी पत्नी का दर्जा नहीं दिया, न ही रेखा व राधा का पिता होना स्वीकार किया और राधा के जन्म के बाद वह उनसे अलग हो गये और तीसरी शादी भी कर ली। इसके बावजूद पुष्पावल्ली ने अपना पूरा जीवन गणेशन की ‘प्रेमिका’ के रूप में ही गुज़ार दिया। वह हमेशा अपने जीवन में गणेशन की उपस्थिति महसूस करती थीं। पुष्पावल्ली ने बहुत कम पैसे में अकेले ही अपनी बेटियों की परवरिश की। पुष्पावल्ली की फिल्मों में अधिक व्यस्तता के कारण रेखा (जिन्हें यह मालूम ही नहीं था कि उनके पिता हैं या नहीं) अपनी नानी के पास ज्यादा रहती थीं। अपनी अधिकतर फिल्मों में सहायक भूमिका निभाने वाली व कुछ चुनी हुई फिल्मों में लीड भूमिका निभाने वाली पुष्पावल्ली का 28 अप्रैल, 1991 को निधन हो गया। 
गणेशन से अलग होने के बाद पुष्पावल्ली ने अधिकारिक तौर पर अपना नाम के पुष्पावल्ली और बाद में मद्रास के सिनेमेटोग्राफर के. प्रकाश से शादी कर ली, जिससे उनके दो और बच्चे हुए- धनलक्ष्मी, जिन्होंने एक्टर तेज सप्रू से शादी की और डांसर सेषु (निधन 21 मई 1991)। पुष्पावल्ली चाहती थीं कि उनकी बेटी रेखा भी उनकी तरह फिल्मों में काम करे। रेखा को पहली बार तेलगु फिल्म ‘रंगुला रत्नम’ में देखा गया, जब वह मात्र 12 वर्ष की थीं। 15 साल की आयु में उन्होंने बॉलीवुड की फिल्म ‘अनजाना सफर’ में काम किया, जिसका बाद में नाम बदलकर ‘दो शिकारी’ कर दिया गया। पुष्पावल्ली की तरह रेखा का जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। दोनों की ही पहली शादी असफल रही, हालांकि रेखा जितनी बड़ी फिल्म स्टार हैं उनकी मां उस मकाम तक कभी न पहुंच सकीं। रेखा के पति मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली थी, जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई, फिल्मोद्योग में उनके दोस्तों ने भी उनसे दूरी बना ली थी। 69 वर्ष की आयु में आज रेखा अकेली रहती हैं, लेकिन उनकी मांग में अक्सर सिंदूर देखा गया है, जिसका रहस्य किसी को मालूम नहीं है। रेखा ने एक बार सफाई दी थी कि दक्षिण में सिंगल लड़कियों में भी सिंदूर लगाने की परम्परा है। इस तथाकथित परम्परा का भी संदर्भ कहीं से न मिल सका।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर