कृषि निवेश पोर्टल : भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण का नया अध्याय

सरकार ने केंद्र और राज्य सरकारों की सभी कृषि संबंधी निवेश योजनाओं को एक मंच पर लाने के लिए कृषि निवेश नामक एक नया पोर्टल लॉन्च किया। पोर्टल को आधिकारिक तौर पर सितम्बर 2024 में लॉन्च किया गया था और कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में इसकी विशेषताओं की विस्तृत जानकारी दी। दरअसल कृषि निवेश एक सिंगल विंडो प्लेटफार्म है जहां उपयोगकर्ता निवेश करने वाले विभिन्न सरकारी योजनाओं को ढूंढ़ सकते हैं और उनके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों, कृषि व्यवसायों और निवेशकों को जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करके और आवेदन प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी बनाना है। अभी पोर्टल में सात केंद्रीय मंत्रालयों की योजनाएं शामिल है जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, जल शक्ति, रसायन एवं उर्वरक मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय शामिल हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, सहकारिता, पंचायती राज, वाणिज्य एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास जैसे अन्य मंत्रालयों के भी जल्द ही इसमें शामिल होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं संबंधित मंत्रालयों से कहा है कि वे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में निवेश को समर्थन देने वाली अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विवरण साझा करें ताकि उन्हें भी पोर्टल में जोड़ा जा सके। यह ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड का उपयोग करने वाला और इंटरऑपरेबल, बिजनेस इंटेलिजेंस, एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वास्तविक समय में अपडेट प्रदान करने और उपयोगकर्ताओं को आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि यह पोर्टल कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लेकर आएगा। इससे निवेश के अवसरों और सूचनाओं को केंद्रीकृत करनाए प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना, किसानों और निवेशकों को सबसे उपयुक्त योजनाओं का चयन करने में मदद करना, निजी निवेश को बढ़ावा देना, उत्पादकता में सुधार करना और कृषि बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना आसान हो जाएगा। कृषि मंत्रालय के अनुसार प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश की है ताकि उपयोगकर्ता आसानी से समझ सकें और सबसे अच्छी योजना का चयन कर सकें। सूचनाओं को नियमित रूप से साझा करना और अपडेट करना इस पोर्टल की सफलता की कुंजी है। इसका लक्ष्य प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, नवाचार को प्रोत्साहित करके और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाकर भारतीय कृषि का आधुनिकीकरण करना है।
एक दशक में कृषि आय में सालाना 5.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 2011 की जनगणना के अनुसार कुल कार्यबल का 54.6 प्रतिशत हिस्सा कृषि और संबद्ध क्षेत्र की गतिविधियों में लगा हुआ है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां क्षेत्र लम्बे समय से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है जो राष्ट्रीय आय और रोज़गार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के वर्षों में भारत में कृषि क्षेत्र ने मज़बूत वृद्धि दिखाई है, जो वित्त वर्ष 17 से वित्त वर्ष 23 तक औसतन 5 प्रतिशत सालाना रही है। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र ने 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की। कृषि और संबंधित क्षेत्रों का सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वित्त वर्ष 15 में 24.38 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 23 तक 30.23 प्रतिशत हो गया है। अर्थव्यवस्था में समग्र सकल मूल्य वर्धित में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कृषि की लगातार और स्थिर वृद्धि लगभग 5 प्रतिशत है जो सकल मूल्य वर्धित में 1 प्रतिशत की वृद्धि में योगदान देगी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले एक दशक में कृषि आय में सालाना 5.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (युवराज)

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