राज्य को दरपेश चुनौतियों के हल हेतु सामूहिक प्रयासों की ज़रूरत

जालन्धर, 9 जून (जसपाल सिंह): पंजाब आज बहुत ही नाजुक दौर में से गुज़र रहा है। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण न तो यहां की हवा शुद्ध रही है और न ही पानी पीने योग्य रहा है। लम्बे चौड़े कद के युवकों की पहचान वाला यह राज्य आज एक तरह से स्वयं बीमार नज़र आ रहा है। नौजवान नशों की गिरफ्त  में फंसते जा रहे हैं। नदियां-नाले एवं दरिया आदि सब प्रदूषित हो गए हैं। कैंसर जैसी नामुराद बीमारियों ने ऐसे पांव पसार लिए हैं कि लगभग प्रत्येक गांव-शहर में लोग कैंसर से मर रहे हैं। देश का अन्नदाता कहलवाने वाला किसान स्वयं आत्महत्याओं के मार्ग पर चल पड़ा है। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत निखार आ चुका है। धरती के निचले पानी का संकट दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। यह चेतावनी आज यहां पंजाब प्रैस क्लब में पंजाब जागृति मंच द्वारा पंजाब के ज्वलन्त मामलों पर करवाई गई विचार चर्चा दौरान देते बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, किसान नेताओं, वातावरण प्रेमियों, शिक्षा शास्त्रियों, चिंतकों एवं अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के नेताओं ने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते पंजाब पर हो रहे चौतरफा हमले के खिलाफ पंजाबियों को एकजुट होने और मिलकर एक लोक लहर चलाने का आह्वान किया है। वक्ताओं ने पंजाब को दरपेश मामलों के हल हेतु सरकारों पर निर्भरता छोड़कर लोगों को स्वयं प्रयास करने की चेतावनी देते कहा कि लोगों को अपने हितों एवं हकों के लिए जागरूक होना चाहिए। उन्होंनें कहा कि शीघ्र ही विषय विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य के मामलों एवं उनके हल सम्बन्धी एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा, जिसको अमल में लाने हेतु सरकारों पर दबाव बनाने के लिए व्यापक रणनीति भी आने वाले समय में बनाई जाएगी। प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने दरपेश मामलों के रूबरू होते कहा कि पानी के दूषित होने का बड़ा कारण हमारी खुदगर्जी भी है। उन्होंने कहा कि यदि हम समय रहते जागरूक होते तो हमारे दरिया-नदियां, छंब आदि प्रदूषित होने से बच सकते थे। उन्होंने लोगों को आह्वान दिया कि वह श्री गुरु नानक देव जी के आ रहे 550वें प्रकाश पर्व को वातावरण की रक्षा के रूप में मनाने में अहम योगदान डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 5 पौधे लगाने चाहिए और इसी तरह प्रत्येक गांव में 550 के करीब पौधे लगाकर श्री गुरु नानक देव जी के दर्शन को अमली तौर पर अपनाया जा सकता है। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने धरती के निचले पानी के संकट हेतु अकेले किसानों को दोषी टहराए जाने पर आपत्ति उठाते कहा कि घरों एवं औद्योगिक इकाइयों सहित अन्य क्षेत्रों में भी पानी की धड़ल्ले से बर्बादो हो रही है परन्तु इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। इसी तरह उन्होंने कृषि अवशेष जलाने के मामले पर भी किसानों का पक्ष लेते उद्योगों एवं वाहनों द्वारा फैलाए जा रहे धुएं को पहले रोकने की सलाह दी। प्रसिद्ध पत्रकार एवं मंच के प्रधान सतनाम सिंह माणक ने पानियों के संकट, दूषित हो रहे वातावरण एवं पंजाबी भाषा के मामले के हल हेतु समूह पंजाबियों को एक लोक लहर बनाने का आह्वान देते हुए कहा कि शीघ्र ही विभिन्न विषय विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर प्रकृति पर लोकपक्षीय विकास माडल तैयार किया जाएगा। इससे पहले उन्होंने पंजाब के मामलों प्रति राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के उदासीन रवैय्ये का वर्णन करते हुए कहा कि विधानसभा का अधिवेशन ही छोटा कर दिया गया है और किसी भी सत्र में पंजाब के मुद्दों की कोई बात नहीं की जाती। किसान आत्महत्याओं के मामले पर भावुक होते उन्होंने कहा कि देश के लोगों का पेट भरने वाले किसानों के दुख-दर्द को समझने की ज़रूरत है और किसानी संकट के हल हेतु सरकारों को गंभीरता से कार्य करना चाहिए। प्राकृतिक कृषि से जुड़े खेती विरासत मिशन के प्रमुख डा. उमेन्द्र दत्त ने राज्य के ज्यादातर मामलों के लिए लोगों में खत्म होती जा रही संवेदनशीलता को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि लोग स्वार्थी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जहर खाने से पंजाब में बीमारियां बढ़ रही हैं और बच्चे भी कमजोर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने भोजन संस्कृति को बचाने और इसके लिए एक विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसी तरह डा. अमर सिंह आजाद ने स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में कार्पोरेट संस्थानों के प्रभाव का वर्णन करते हुए कहा कि मौजूदा समय में शायद ही कोई राजनीतिक पार्टी इन संस्थानों के प्रभाव से बच सकी होगी। उन्होंने कहा कि आज नीतियां इन कार्पोरेट संस्थानों के प्रभाव तले बन रही हैं और इनको किसी भी तरह लोकपक्षीय नहीं कहा जा सकता। डा. कमलेश सिंह दुग्गल ने कहा कि दरपेश मामलों के हल हेतु लोगों को स्वयं भी जागरूक होने और मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। डा. अमरजीत सिंह मान संगरूर ने भी इन मामलों के हल हेतु सामूहिक प्रयासों की ज़रूरत पर बल दिया। इस अवसर पर मंच संचालन करते पंजाब प्रैस क्लब के प्रधान डा. लखविन्द्र सिंह जौहल ने आज की विचार चर्चा को बहुत ही अर्थ भरपूर बताते कहा कि शीघ्र ही पंजाब के मामलों सम्बन्धी एक किताबचा तैयार करके निकले परिणामों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इस अवसर पर उमेन्द्र जौहल, संगत राम, जसपाल जीरवी, परमजीत सिंह रंगपुरी, जसपाल सोनापुरेवाल, कवियत्री सुरिन्द्र गिल, गुरमीत सिंह वारस आदि मौजूद थे।