सिद्धू ने अभी तक नहीं सम्भाला बिजली मंत्री का पद्भार

चंडीगढ़, 11 जून (विक्रमजीत सिंह मान): पंजाब मंत्रिमंडल में फेरबदल के पांच दिन बीत जाने के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा बिजली मंत्री के रूप में अपने नए विभाग का चार्ज नहीं सम्भाला है। दूसरी ओर जिन मंत्रियों को नए विभाग मिले थे उनमें से लगभग सभी ने पद सम्भाल लिए हैं। नए स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने पद सम्भालते हुए अपने नए विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें भी कीं। हालांकि इस बात की चर्चा ज़ोरों पर रही है कि ब्रह्म महिन्द्रा भी अपना विभाग बदले जाने से खुश नहीं हैं परन्तु आज उन्होंने कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं है, उनके द्वारा तो विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी गई हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह विभाग पहले स. नवजोत सिंह सिद्धू के पास था, उन्होंने कई फैसले लिए तथा प्रोजैक्ट शुरू किए थे तथा उनके द्वारा शुरू किए गए प्रोजैक्टों को वह जारी रखेंगे। दूसरी ओर सिद्धू के पंजाब सिविल सचिवालय में स्थित कार्यालय समक्ष अभी भी पुराने विभाग वाली तख्ती लगी हुई नज़र आई। हालांकि कुछ मंत्री जिनके विभाग बदले गए हैं उनके नाम व विभाग वाली तख्तियां उतार ली गई हैं। जब इस संबंधी एक सरकारी बाबू को पूछा गया तो उसने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने तो पहले अपने पुराने विभाग का कामकाज देखने के लिए भी पिछले अढ़ाई वर्षों दौरान अपने कार्यालय चक्कर नहीं लगाया। वह अपने विभाग का कामकाज अधिकतर सैक्टर 35 स्थित कार्यालय से ही देखते थे। वर्णनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने का काम पार्टी हाईकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को सौंपा है। यह फैसला गत कल सिद्धू की दिल्ली में कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ हुई एक बैठक के बाद लिया गया। यहां यह बात भी वर्णनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा सभी मंत्रियों को 10 जून तक अपने नए विभाग सम्भाल लेने के आदेश दिए गए थे, परन्तु पार्टी प्रधान राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद भी सिद्धू द्वारा बिजली व नवीनीकरण ऊर्जा विभाग का चार्ज न सम्भालने के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दूसरी ओर शिक्षा विभाग वापस लेने से न खुश कैबिनेट मंत्री ओ.पी. सोनी द्वारा भी नाराज़गी जताई गई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा गत दिनों बनाए विभिन्न विभागों के सलाहकार ग्रुपों में शामिल नहीं था किया जिसके बाद सोनी द्वारा राज्य की अफसरशाही के विरुद्ध भड़ास निकाली गई परन्तु गत कल अचानक मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद सोनी के नेतृत्व में एक डाक्टरी शिक्षा बारे सलाहकारी ग्रुप का गठन भी कर दिया गया। फिलहाल सबकी नज़रें नवजोत सिंह सिद्धू पर हैं कि वह अपना नया बिजली विभाग सम्भालेंगे या नहीं जबकि राज्य की विरोधी पक्ष आम आदमी पार्टी ने स. सिद्धू को नया विभाग सम्भाल लेने की सलाह देते हुए पिछली अकाली-भाजपा सरकार वाली हुए महंगे बिजली समझौतों को रद्द करने की मांग भी की है।