सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 3 फीट के गणेश बनेंगे डाक्टर

नई दिल्ली, 21 जुलाई (इंट): काबीलियत किसी पहचान की मोहताज नहीं होती। कुछ ऐसा ही करिश्मा साल 2018 में 17 साल के दिव्यांग गणेश ने कर दिखाया था। उन्होंने नीट परीक्षा में 223 अंक हासिल कर साबित कर दिया था कि उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि जैसा उन्होंने सोचा वैसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। नीट परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल करने के बावजूद उन्हें मैडीकल कालेज में दाखिला नहीं दिया गया। वजह था उनका कद। साल 2018 में उनकी उम्र 17 साल थी और उनका कद मात्र 3 फीट जबकि वजन 14 किलोग्राम था। गणेश की ऐसी कदकाठी को देखकर उन्हें किसी भी मैडीकल कालेज में दाखिला नहीं दिया गया। गणेश ने इतना कुछ होने के बाद भी हार नहीं मानी और कानूनी लड़ाई लड़ी। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें मैडीकल कॉलेज में दाखिला देने का आदेश दिया है। गुजरात के भावनगर निवासी गणेश का सपना डाक्टर बनकर मरीजों की सेवा करना था। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सिर्फ कद के कारण किसी को उसका करियर बनाने से नहीं रोका जा सकता।