चेयरमैन का पद हासिल करने के दावेदार सरकार के व्यवहार से दु:खी

मलौद, 22 जुलाई (अ.स) :  पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी को अढ़ाई वर्ष का समय पूरा होने जा रहा है परंतु राज्यों की 147 ब्लाक समितियों के चेयरमैन व उप-चेयरमैन, 22 ज़िला परिषद् के लिए चेयरमैन और उप-चेयरमैन और 153 मार्किट कमेटियों के लिए चेयरमैन और उप-चेयरमैन न लगाने के कारण इन संस्थानों की कुर्सियां खाली पड़ी है। सत्ता पक्ष से संबंधित उपरोक्त तीन मुख्य संस्थानों की 644 खाली कुर्सियां पर विराजमान होने के लिए चेयरमैन व उप-चेयरमैन बनने के दावे सरकार की इस सुस्त नीति से दु:खी हो रहे हैं। चेयरमैन की अलाटमैंट में हो रही देरी के कारण सत्ता पक्ष को बहुत क्षेत्रों में अपनों से ही बगावत का सामना करना पड़ रहा है और बगावती आग के धुएं से बचने के लिए क्षेत्रों से जुड़े नेता भविष्य में चेयरमैन या उप-चेयरमैन की कुर्सी देने का दावा कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों के कुछ दावेदारों ने दबी जुबान से मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र  सिंह को सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू ही बड़ी समस्या की तरह लग रहे थे जोकि वह समस्या भी दूर हो गई है। वर्णनीय है कि 2017 में पंजाब सरकार बनने के उपरांत  मार्किट कमेटियां भंग कर दी गई थी और सितम्बर 2018 में ज़िला परिषद् और ब्लाक समितियों के चुनाव मुकम्मल हो गए थे परंतु सरकार ने फिर ठंडे बस्ते में चेयरमैनों का मामला डालने के लिए दिसम्बर महीने में हुए ग्रामीण पंचायतों के चुनावों के बहाने का अवसर मिल गया था और संसदीय चुनावों का कार्य मुकम्मल होने के बाद भी दावेदार सरकार के मुंह खुलने पर देर आए दुरुस्त आए कहावत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।