पंजाब में रोजाना 33 नये एचआईवी पीड़ित आ रहे हैं सामने 

संगरूर, 24 जुलाई (धीरज पशौरिया): प्रदेश में नशों का दरिया तो यहां बेशक 10-12 वर्ष पहले बहना शुरू हो गया था परंतु अब इसके परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। प्रति दिन नौजवान नशे की ओवरडोज़ कारण रोते कुरलाते हुए अभिभावकों को छोड़कर इस दुनिया से भर जवानी में ही जा रहे हैं। आगामी दिनों में और भयानक परिणाम सामने आएंगे। स्वास्थय विभाग की फाईलों की ओर नजर डाली जाए तो इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन माह में ही पूरे पंजाब से आई रिपोर्ट अनुसार 2943 व्यक्ति एच.आई.वी. पॉजेटिव पाये गए हैं इनमें ज्यादातर 16 से 26 वर्ष तक के नौजवान ही हैं जो चिट्टे जैसे नशे के टीके के लिए दूषित सिरिंजों का प्रयोग कर रहे हैं, अर्थात पंजाब में प्रति दिन 33 नए एच.आई.वी. पॉजेटिव सामने आ रहे हैं यह तो सिर्फ वह हैं जो टैस्ट करवाने के लिए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं परंतु पंजाब में प्रत्येक गांव में कम से कम औस्तन 40-50 नौजवान हैं जो नशे के टीके लगवा रहे हैं परंतु एच.आई.वी. का टैस्ट नहीं करवा रहे। उल्लेखनीय है कि एच.आई.वी. वायरस जो अन्य कारणों के साथ साथ एच.आई.वी. प्रभावित सिरिंजों का प्रयोग करने से शरीर में दाखिल होता है, पहले तीन से छह माह तक खून जांच में नहीं पकड़ा जाता। इस कारण बड़ी संख्या नौजवान जिनको शुरूआती समय में यह टैस्ट नैगेटिव आ रहा है आने वाले समय में पॉजेटिव आने से इंकार नहीं किया जा सकता। राज्य में 1993 से लेकर जून 2019 तक 7481 व्यक्ति एच.आई.वी. पॉजेटिव पाए गए हैं। पिछले वर्ष राज्य में 8133 व्यक्ति एच.आई.वी. पीड़ित पाए गए हैं परंतु चालू वर्ष के पहले तीन माह में ही 3000 के करीब व्यक्ति पीड़ित पाये गए हैं। प्राप्त आंकड़ों अनुसार इस समय पूरे राज्य में 40600 के करीब एच.आई.वी. पीड़ित व्यक्ति अपना ईलाज करवा रहे हैं।
क्यों हो रहे हैं नौजवान एच.आई.वी. पॉलेजेटिव :
नशों खिलाफ पंजाब की बुलंद आवाज श्री मोहन शर्मा का कहना है कि राज्य में नशा माफिया का तंत्र इतना मजबूत हो चुका है कि हर गांव तक खतरनाक नशा चिट्टा आसानी से पहुंच रहा है। सख्ती कारण इन नौजवानों को नई सिरिंज नहीं मिल रही। इस कारण यह कूड़े के ढेरों से प्रयोग हुई सिरिंजे उठाकर अपना काम चलाते हैं तथा इन दूषित सिरिंजों के प्रयोग कारण यह एच.आई.वी. पीड़ित हो रहे हैं। 
संगरूर जिला भी हुआ बुरी तरह प्रभावित :
समझा जाता था कि जिला संगरूर इस दर्दनाक हालत से बचा हुआ है परंतु यहां की स्थिति भी पंजाब के अन्य जिलों से अलग नहीं। जिला संगरूर में एच.आई.वी. का टैस्ट करने के लिए सात केन्द्र स्थापित किए गए हैं जिनमें दो में डाक्टर की तैनाती न होने कारण पांच केन्द्रों में टैस्ट हो रहे हैं। अकेले संगरूर केन्द्र की बात करें तो यहां 1 अप्रैल से लेकर 22 जुलाई तक 46 के करीब व्यक्ति एच.आई.वी. पीड़ित सामने आ चुके हैं अगर बाकी काम करते चार केन्द्रों की रिपोर्ट मिला दी जाए तो जिले का 110 दिनों का आंकड़ा 200 को पार कर जाएगा जो बहुत ही डरावना है। सांईटेफिक अवेयरनैस फोर्म के अध्यक्ष डा. ए.एस. मान का कहना है कि संगरूर की स्थिति बहुत भयानक है।