महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान दें प्रधानमंत्री

कुछ दिन पहले भारत को चंद्रयान-2 को चांद की सतह पर लैंडर विक्रम के द्वारा उतारने की सफलता मिलने ही वाली थी कि आखिरी समय में वैज्ञानिकों का ‘विक्रम’ से सम्पर्क टूट गया। चाहे मोदी ने इस आधी-अधूरी सफलता पर बधाई तो दी है, लेकिन क्या मोदी जी को पता है कि हमारा देश इतना खर्च कहां से पूरा करेगा? अमरीका, चीन, जैसे देश तो विकसित देश हैं। अमरीका को सुपर पावर देश कहा जाता है। चीन में 50 से ज्यादा बुलेट ट्रेनें चलती हैं। मतलब जो अन्य विकसित देश हैं, उनके पास तो ऐसे मिशन शुरू करके भी कुछ न कुछ बचता है, लेकिन भारत की आधी आबादी तो खेती पर निर्भर करती है। भारत की विकास दर दिन-प्रतिदिन नीचे आ रही है। बेरोज़गारी शिखर पर है। आधे से ज्यादा युवा विदेशों में जा रहे हैं। मोदी ऐसे कई मुद्दों को एक साथ शुरू करके जनता का ध्यान महत्वपूर्ण मामलों से हटा देते हैं। मोदी के भाषा और वायदे भटकते हैं। मोदी को ज़मीन से जुड़े रहना चाहिए। इन दिनों एक और नया ड्रामा मोदी सरकार का प्लास्टिक की सब चीज़ों को बंद करने का है। अभी धारा 370 का और चंद्रयान-2 का शोर-शराबा बंद नहीं हुआ। साथ ही प्लास्टिक न प्रयोग करने का बिगुल बजा दिया।

—डा. एम.एल. सिन्हा