शाकाहार से पाएं लम्बी उम्र

कुछ समय पहले तक यह मान्यता थी कि मांसाहार से शरीर हष्ट-पुष्ट होता है । शरीर को बलवान बनाने के लिए मांसाहार पर ही जोर दिया जाता था, पर अब उक्त धारणा बदलने लगी है । भोजन में मांसाहार को तवज्जो देने वाले लोग मानने लगे हैं कि मांसाहार बलवर्द्धक तो होता ही नहीं उलटे स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है । इसीलिए दुनिया के कई देशों में शाकाहार को प्राथमिकता दी जाने लगी है।  यह माना जाने लगा है कि शाकाहार शक्तिवर्द्धक तो होता ही है इससे स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता, साथ ही यह शरीर को निरोग रखता है। भारत की 31 फीसदी जनसंख्या शाकाहारी है । दुनिया में तीन तरह का भोजन करने वाले लोग हैं । पहले जो मांसाहारी हैं । दूसरे वे जो शाकाहारी हैं और तीसरे वो जो शाकाहारी है और जानवरों से प्राप्त किए जाने वाले उत्पाद जैसे दूध का सेवन भी नहीं करते । ऐसे लोगों को ‘वीगन’ कहा जाता है। अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ  साइंस की स्टडी के मुताबिक अगर शाकाहार को भोजन में ज्यादा से ज्यादा जगह दी जाए तो दुनिया में हर साल होने वाली 50 लाख मौतों को टाला जा सकता है । यह आम धारणा है कि शाकाहारी भोजन से मांसाहारी लोगों की तुलना में मोटापे का खतरा एक चौथाई ही रह जाता है लेकिन इसके बावजूद लोग मांसाहार से नहीं चूकते। पेटा की प्रवक्ता बेनजीर का कहना है कि खाने के लिए पशुओं की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर जमीन, खाद्यान्न और पानी की जरूरत होती है। कुछ समय पहले संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जलवायु परिवर्तन को रोकने, प्रदूषण को कम करने, जंगलों को काटे जाने से रोकने और दुनिया भर में भुखमरी को खत्म करने के लिए वैश्विक स्तर पर शाकाहारी भोजन अपनाया जाना जरूरी है ।भारत में हृदय से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज और कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसका सीधा संबंध मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों जैसे मक्खन, पनीर  की बढ़ रही खपत से है। शाकाहारी खाने से कालेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता । शाकाहार में बहुत कम वसा होती है और यह कैंसर के खतरे को 40 फीसदी तक कम करता है । मनुष्य के शरीर के लिए ऊर्जा, शक्ति और पोषण हेतू प्रोटीन, शर्करा, वसा, विटामिन्स, खनिज एवं रेशे आदि पदार्थ उचित अनुपात में अत्यंत आवश्यक हैं । शाकाहार में सभी प्रकार के पौष्टिक और श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त तत्व पर्याप्त मात्रा में विद्यमान होते हैं। भारी-भरकम और कुपाच्य मांसाहार की तुलना में साधारण से न्यूनतम शाकाहारी पदार्थों से शरीर को आवश्यक पोषण और ऊर्जा प्रदान की जा सकती है। 
अपनी खूबसूरती तथा फि टनेस का राज वे शाकाहारी भोजन को बताती हैं। फ्रांस के कुछ स्कूलों में शाकाहारी भोजन शुरू करने की मुहिम चल पड़ी है । अभी तक इस मुहिम में 73,000 बच्चों का समर्थन मिल चुका है ।

- रेणु जैन