अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रुरी है गहरी नींद

आजकल दिन-भर की व्यस्त व भागदौड़ की जिन्दगी के बाद जब व्यक्ति घर पहुंचता है तो वह आराम करना ही पसंद करता है वहीं कुछ लोग तो गहरी नींद लेना चाहते हैं। लेकिन अक्सर देखने व सुनने को मिलता है कि क्या करें रात में पूरी तरह से नींद नहीं आती, आती भी है तो दो तीन घंटे बाद फिर आंख खुल जाती है फिर नहीं लगती। 
आज यह समस्या न केवल वृद्धों की ही है अपितु आजकल युवावर्ग भी इससे त्रस्त हैं। हालांकि रात को बिस्तर पर लेटना अत्यन्य सुखद लगता है, लेकिन कभी-कभी यह दु:खदायी भी बन जाता है। अच्छी व पूरी नींद के लिए ज़रूरी है कि व्यक्ति 7-8 घंटे सोए। 
* अच्छी नींद के लिए यह ज़रूरी है कि आप सोने से पूर्व एक या डेढ़ घटें पहले ही खाना खा लें। खाना सामान्य व हल्का हो न कि तेज चटपटा, मसालेदार। 
* खाना खाकर, आधा घंटे तक अवश्य टहलने जायें ताकि खाना पच जाये। सोते वक्त संभव हो तो कम चीनी का गर्म दूध पी लें। 
* अनिद्रा रोग हो तो, रात्रि में भोजन के बाद कच्चे नारियल का पानी पीयें। 
* सोने से पूर्व ब्रश अवश्य कर लें ताकि मुंह में खाने के बाद कण फंसे न रह सके व बदबू न दे सकें। 
* जहां तक हो सके नींद की गोलियां हरगिज न लें व नशीले पदार्थों का सेवन हरगिज न करें। चाय, कॉफी, तम्बाकू आदि खाकर न सोये चूंकि इनमें कैफीन होता है, जो नींद का दुश्मन होता है। 
* कमरे में तेज रोशनी नींद में दखल देने वाली न हों अंधेरा सर्वाधिक उपयुक्त होता है, सोने वाली जगह पर शोर-शराबा नहीं होना चाहिए। 
* बहुत छोटी उम्र के बच्चों को पास न सुलायें वे बीच-बीच में परेशान कर सकते है। 
* सोने वाला कमरा व उसके बिस्तर साफ सुथरे होने चाहिए। रात्रि में खिड़की खोलकर सोंये ताकि ताजी हवा आती रहे। 
* ऑफिस का कार्य घर न लायें अन्यथा उन्हें पूरा करने के के चक्कर में नीद बाधित हो जाती है। 
* रात में यदि किसी कारण से नींद खुल भी जाती है तो कुछ भी बात जेहन में न आने दें व न ही कुछ सोचें। दिन भर का तनाव व घर-बाहर की चिंताओं को अपने ऊपर हावी न होने दें। 
* यदि बीच में नींद टूट जाये व देर तक न आये तो उठकर मूत्र त्याग कर ठंडा पानी पीये वह चहलकदमी कर फिर से सोने का उपक्रम करें। किसी भी ओर ध्यान न लगायें। 
* शरीर स्वस्थ रखने से ही स्वाभाविक नींद आती है। इसलिए प्रतिदन सुबह जल्दी उठकर टहलने जायें, हो सके तो व्यायाम भी करें। 
* देर रात तक पार्टियों में जाने की लत छोड़ दें नियमित समय पर प्रतिदिन सो जाये, ऐसा हरगिज न होने दें कि देर रात तक जागना हो तो दिन में सो जायें। दिन में सोने की आदत न ही डालें तो बेहतर है। 
* पचास या साठ की उम्र के व्यक्ति दिन में कम नींद लें, ताकि रात्रि में पूरी नींद ले सकें। 
* रात्रि में 12 बजे से पहले हर हालत में सो जायें अन्यथा सुबह देर तक नींद आयेगी व दिनचर्या बिगड़ेगी।