क्लाउड फंडिंग से खड़ा करें सपनों का कारोबार
एरिक निगिकोव्स्की, पालनी डेंट, रेयान ग्रीको, ब्रायन चेसेकी और ब्रेंडल स्टैंटन। हो सकता है इन पांचों में से किसी का आपने नाम न सुना हो, लेकिन अगर आप प्रतिभाशाली हैं, अपने सपनों के कारोबारी साम्राज्य खड़ा करना चाहते हैं लेकिन पूंजी नहीं है, तो इनके बारे में जानना आपको रोमांच से भर देगा। जी हां, ये सारे पश्चिम के ऐसे ही युवा थे, जो प्रतिभा और कॉन्फिडेंस से लबालब थे, लेकिन उन्हें अपने सपनों को पंख देने के लिए ज़रूरी पूंजी नहीं थी। बहुत कोशिशों के बाद भी जब आम तरीके से पूंजी नहीं जुटी तो फिर इन लोगों ने इस पूंजी के लिए न तो अपनी सरकारों से, न निवेशकों से, न ही बैंकों से मदद मांगी। इन्होंने सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल करते हुए सीधे दुनिया के सामने आकर अपने आइडिया रखे और दुनिया से अपने आइडिया को कारोबारी आकार देने के लिए फंड करने के लिए कहा और आप हैरान रह जाएंगे कि इन पांचों को पूरे सौ प्रतिशत सफलता मिली यानी इन्हें आम लोगों से 10 लाख डॉलर से लेकर डेढ़ करोड़ डॉलर तक की आम लोगों से मदद मिली और हैरान करते हुए इन सभी ने अपनी कल्पना से ज्यादा सफलता हासिल करते हुए इतिहास रच दिया या दूसरे शब्दों में इन्होंने क्लाउंड फंडिंग से अपने सपनों का कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर दिया।
जी हां, आज की तारीख में अगर आपके पास प्रतिभा है और दुनिया को संतुष्ट करने वाली उम्र है मतलब यह कि 30 साल या इससे कम हैं और कोई ऐसा सपना लिए घूम रहे हैं, जो सचमुच जमीन में उतरकर कायाकल्प कर सकता है, तो आपको पैसों की दिक्कत नहीं पड़ेगी। 90 के दशक में मशहूर आर्थिक पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने एक चर्चित कवर स्टोरी छापी थी ‘व्हेयर इज आइडिया, हियर इज मनी’। यह लगभग उसी अंदाज की वर्चुअल ताकत है। ऐसे में अगर कहा जाए कि आज बिजनेस के क्षेत्र में क्लाउड फंडिंग (क्राउड फंडिंग) एक क्रांति बन गई है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्लाउड फंडिंग न केवल व्यापार के पारंपरिक ढांचों को बदल रही है बल्कि ऐसे प्रतिभाशाली नौजवानों के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोल रही है, जिनके पास अपना उर्वर आइडिया है, कॉन्फिडेंस है, लेकिन पूंजी नहीं है। सवाल है यह सब कुछ कैसे करती है? पहले व्यवसाय शुरु करने के लिए लोन देने वाले बैंक ढूंढ़ने पड़ते थे, निवेशकों की खोज करनी पड़ती थी या अपनी पुश्तैनी जायदाद बेचनी पड़ती थी। क्लाउड फंडिंग ने इन सब तरीको को खारिज कर दिया है। क्लाउड फंडिंग प्लेटफॉर्म जैसे किकस्टार्टर, इंडीगोगो, मिलाप और कैटो ने उन लोगों को सपने की नई उड़ान दी है, जिनके पास विचार मजबूत और आर्थिक हैसियत कमजोर है। क्रिएटिव आर्टिस्ट, टेक्नोलॉजिस्ट और उद्यमियों के लिए फंड उगाहने के लिए यह तरीका वरदान साबित हो रहा है।
गौरतलब है कि भारत में हैपी डेंटल क्लीनिक्स और छोटे व्यवसायों के इकोफ्रेंडली प्रोडक्ट्स चेन वास्तव में ये स्टार्टअप्स क्लाउड फंडिंग के जरिये ही खड़े हुए थे। बस क्लाउड फंडिंग के जरिये मदद करने वालों की एक ही दकियानूसी बात है कि ये सिर्फ युवाओं की मदद करते हैं। उम्रदराज या बूढ़ों को नये विचारों से भरा नहीं मानते। जो शायद फिलहाल इस विचार की अपनी सीमाएं हैं। बहरहाल क्लाउड फंडिंग युवा फ्रीलांसर उद्यमियों के लिए इसलिए माइंड ब्लोइंग आइडिया है, क्योंकि यह आपके आइडिया को रातोंरात हकीकत में बदल सकती है। क्योंकि क्लाउड फंडिंग से केवल पूंजी ही नहीं मिलती बल्कि ब्रांड भी बनता है। एक बात और भी है हालांकि यह कोई लिखित कानून नहीं है, मगर देखने में आया है कि ज्यादातर ऐसे प्रोजेक्ट को क्लाउड फंडिंग के जरिये आसानी से मदद मिलती है, जो स्किल्स बेस्ड प्रोजेक्ट्स होते हैं। लेकिन हाल के दिनों में कई युवाओं को अपनी किताब पब्लिश करने के लिए, म्यूजिक एलबम रिकॉर्ड करने के लिए और कुछ तकनीकी इनोवेशन पर काम करने के लिए भी फंड जुटाया है।
दरअसल क्लाउड फंडिंग प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया के साथ मिलकर काम करते हैं, इसलिए अगर किसी युवा का आइडिया या प्रोजेक्ट यूनीक और इनोवेटिव हो तो वह सोशल मीडिया पर उसे प्रमोट कर सकता है और दुनियाभर से फंडिंग जुटा सकता है। दरअसल क्लाउड पंडिंग लोगों को सीधे उनके टारगेट आडियंस से जोड़ती है, जिससे न केवल वे फंडिंग जुटाते हैं बल्कि अपने प्रोडक्टस के लिए एक प्री-बिल्ट कस्टमर बेस भी तैयार करते हैं। हमने शुरु में जिन पांच युवाओं की बात की, उनमें पहला यानी एरिक निगिकोव्स्की के पास स्मार्ट वाच का आइडिया था, जो स्मार्ट फोन से कनेक्ट होकर नोटिफिकेशन दिखाती है और फिटनेस ट्रैकिंग करती है। लेकिन उनके पास इस आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए पूंजी नहीं थी, उन्होंने इसके लिए किक स्टार्टर प्लेटफॉर्म का सहारा लिया और उस समय तक की सबसे बड़ी क्लाउड फंडिंग हासिल की 10.3 मिलियन डॉलर यानी 1 करोड़ 3 लाख डॉलर। इसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। उनकी पेब्बल स्मार्ट वाच ने क्रांति ला दी। बाद में इस फिटबिट ने अधिग्रहित कर लिया।
पालनी डेंट ने एक्सप्लोडिंग किडेंस नामक कार्ड गेम विकसित किया, जिसे फनी और इनोवेटिव गेम्स माना जाता है और इसके लिए उन्होंने लोगों से 88 लाख मिलियन डॉलर का फंड इकट्ठा किया। उनके यह गेम क्लाउड फंडिंग की मदद पाते ही हिट हो गया और उसके 80 लाख से ज्यादा यूनिट देखते ही देखते बिक गए। आज यह गेमिंग उद्योग में सफलता का पर्याय है। रेयान ग्रीको ने वर्चुअल हेड सेट बनाया, जिसके लिए उन्होंने 24 लाख डॉलर की क्लाउड फंडिंग इकट्ठा की और ब्रायन चेस्की ने अपने दो अन्य दोस्तों जे गेब्बिया और नाथन ब्लेचार्जिक के साथ मिलकर यात्रा के दौरान सस्ते और अनोखे ठहरने की जगह उपलब्ध कराने के लिए प्लेटफार्म बनाया। लब्बोलुआब यह कि अगर आपके पास भी कोई नया आइडिया है, जिसके बारे में आपको लगता है कि यह बाजार में आते ही सब पर छा जायेगा, तो न बैंकों में दौड़िये, न निवेशकों की चिरौरियां करिये, सीधे आम लोगों के पास जाइये, वो आपको पैसा भी देंगे, हौसला भी देंगे, बस आपके जिम्मे कामयाब होना होगा।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर