6 और हवाई अड्डों के निजीकरण की सिफारिश

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (उपमा डागा पारथ): हवाई अड्डों  के निजीकरण के विरोधी सुरों को अनदेखा करते हुए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने 6 अन्य हवाई अड्डाें का निजीकरण करने की केन्द्र को सिफारिश की है। इसमें अमृतसर हवाई अड्डा के अलावा वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर व त्रिची हवाई अड्डों का नाम शामिल है। उल्लेखनीय है कि अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के वित्त वर्ष 2017-18 में देशभर के सभी हवाई अड्डों की घरेलू व कुल ट्रैफिक में सबसे अधिक विकास दर दर्ज करवाई थी जबकि उसके अगले वर्ष अर्थात् वित्त वर्ष 2018-19 में अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक में सबसे अधिक विकास दर दर्ज की थी। पंजाब के विदेशों के साथ लगाव के मद्देनज़र यह तथ्य कोई हैरान करने वाला नहीं है। यही तथ्य इसे मुनाफे की सम्भावनाओं को बढ़ाते भी हैं। अपनी हदों में सिमटे अमृतसर हवाई अड्डा चाहे 2019 से यात्रियों के आगमन लाभ से विकास दर की ऊंचाई को छू रहा था परंतु इसके साथ सच्चाई यह भी है कि अमृतसर ही भारत का एकमात्र ऐसा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जिसे अंतर्राज्यीय व स्थानीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। देशभर के 120 हवाई अड्डों का संचालन करने वाली एएआई जहां केन्द्र की निजीकरण की कवायद के तहत 20-25 ऐसे हवाई अड्डों की पहचान कर रही है जिसे निजी कम्पनियाें के सुपुर्द कर सके। वहीं एएआई के कर्मचारी लगातार इस का विरोध कर रहे हैं। एएआई के लगभग 17 हज़ार कर्मचारी भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं एक मंच द्वारा निजीकरण के विरोध में 5 दिसम्बर को जंतर-मंतर से संसद तक मार्च निकालेंगे। मंच का आरोप है कि सरकार द्वारा मुनाफा कमाने वाले एक दर्जन से अधिक हवाई अड्डों के निजीकरण का एकतरफा फैसला है जो न तो लोकहित में है और न ही प्रबंधन के लिहाज में कोई बेहतरी की सम्भावना है। एएआई द्वारा यह सिफारिश उस समय आई है जब केन्द्र द्वारा इस वर्ष फरवरी में पहले ही 6 हवाई अड्डों का निजीकरण कर दिया गया है। केन्द्र के पब्लिक निजी सहयोगी मॉडल के तहत पहले चरण में फरवरी में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलौर, त्रिवंतपुरम व गुवाहाटी हवाई अड्डों का निजीकरण किया था। इन 6 हवाई अड्डों का ठेका अडानी ग्रुप को मिला था। इनमें से अहमदाबाद, लखनऊ व मंगलौर हवाई अड्डों को 60 वर्ष तक लीज पर देने की प्रक्रिया को मंत्रिमंडल की मंजूरी भी जुलाई में मिल गई है जबकि बाकी 3 हवाई अड्डों बारे मंत्रिमंडल की प्रबंधकीय बैठक अभी बाकी है। कर्मचारियों व विरोधी गुटों के विरोध के बावजूद निजीकरण के फैसले को उचित करार देते हुए शहरी उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तजुर्बे के आधार पर किए पहले मिशन को सफल करार दिया। पुरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह दावा करते हुए कहा कि इस वर्ष एएआई व यात्रियों दोनाें को लाभ हुआ है। पब्लिक प्राइवेट सहयोग के तहत अडानी ग्रुप द्वारा जो बोली लगाई गई है उस हिसाब से एएआई को हर यात्री के बदले कुछ राशि मिलेगी।