" पंजाब मंत्रिमंडल के फैसले " नई पैंशन स्कीम अधीन प्रदेश का हिस्सा बढ़ाने का फैसला

चंडीगढ़, 2 दिसम्बर (हरकवलजीत सिंह) : पंजाब मंत्रिमंडल की आज यहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान केन्द्र द्वारा जीएसटी में से पिछले 4 माह के हिस्से की अदायगी न होने के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट पर विचार किया गया, जिसके होते हुए प्रदेश सरकार अतिरिक्त कर्ज़ उठाने के लिए मजबूर हो रही है। मंत्रिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को अधिकारित किया गया कि वह केन्द्र में प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री के साथ बैठ कर यह मामला तुरंत उठाएं। इसके अतिरिक्त मंत्रियाें द्वारा यह भी राय दी गई कि गैर भाजपा राज्याें जिन्हें केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा विशेष तौर पर निशाना बनाया जा रहा है, के साथ सम्पर्क कायम कर कोई साझी रणनीति भी अपनाई जाए। राज्य की वित्तीय दशा पर हुए विचार-विमर्श के दौरान कुछ विभागों की टैक्स उगाही गिरने पर कड़ी चिंता जताई गई और कुछ मंत्रियों जिनमें सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरनजीत सिंह चन्नी व राणा गुरमीत सिंह सोढी आदि शामिल थे, ने विशेष तौर पर आबकारी से राज्य की आय घटने पर हैरानी जताई और मुख्यमंत्री से मांग की कि वह इसलिए दोषी या ज़िम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध ज़िम्मेदारी निश्चित करें। कुछ अधिकारियों ने बैठक के दौरान आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्यों से व्यापक स्तर पर शराब की हो रही तस्करी ज़िम्मेदार है, पर मंत्रियों का कहना था कि तस्करी रोकना भी अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है। एक मंत्री ने यह भी कहा कि क्या तस्करी अधिकारियों या सरकारी शह के बिना हो सकती है? राज्य की वित्तीय हालत संबंधी जो रिपोर्ट आज मंत्रिमंडल के सामने पेश की गई उसके अनुसार दूसरे विभागों से भी राज्य की टैक्स उगाही कम हुई है।
सरकारी कर्मचारियों की पैंशन स्कीम में संशोधन
 मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पैंशन प्रणाली (एनपीएस) में अपने योगदान को बढ़ाकर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 14 प्रतिशत करने का सोमवार को फैसला किया। पहले यह 10 प्रतिशत था। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा कुछ महीने पहले उठाए गए कदम के अनुरूप है। सरकार ने बयान में कहा कि बढ़ा हुआ योगदान एक अप्रैल 2019 से लागू होगा। कर्मचारी संघों की मांग के बाद एनपीएस में सरकार के योगदान को 4 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इससे सरकार पर सालाना 258 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य सरकार के 3,53,074 कर्मचारियों में से 1,52,646 कर्मचारी एनपीएस के दायरे में आते हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद राज्य सरकार की सेवा में आए सभी कर्मचारियों को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रैच्युटी का लाभ देने पर भी सहमति जताई है। राज्य सरकार जहां पहले पैंशन में 10 प्रतिशत योगदान में 585 करोड़ रुपए का योगदान कर रही थी वहीं 14 प्रतिशत होने के बाद चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार पर 645 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। पैंशन का हिस्सा बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने से राज्य सरकार पर अतिरिक्त 285 करोड़ रुपए का सालाना बोझ पड़ेगा। मंत्रिमंडल ने औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना के लिए राज्य के उद्योग विभाग को शामलात भूमि के हस्तांतरण के लिए कानून में संशोधन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। शामलात भूमि, वह भूमि है जो बस्ती और खेती के अंतर्गत नहीं आती है और इसे आम उपयोग की जमीन माना जाता है।
निवेश पक्षीय माहौल व रोज़गार उत्पत्ति के लिए विभिन्न एक्टों में संशोधनों को स्वीकृति
 मंत्रिमंडल द्वारा आज राज्य में निवेश पक्षीय माहौल बनाने व रोज़गार उत्पत्ति के लिए फैक्टरीज़ एक्ट 1948, इंडस्ट्रीयल डिस्पियूट एक्ट 1947 व कंट्रेक्ट लेबर एक्ट 1970 में विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति दे दी। इसके अतिरिक्त पंजाब राईट टू बिज़नेस एक्ट 2019 को स्वीकृति देते हुए इसलिए आर्डीनैंस जारी करने को भी हरी झंडी दे  दी गई। आज की कई संशोधनों के अनुसार निर्माण कार्यों वाली फैक्टरियों में वर्करों की हद 10 से बढ़ाकर 20 और दूसरे वर्ग में 20 से बढ़ा कर 40 हो जाएगी। इसके साथ ही की गई एक और संशोधन अदालतों द्वारा किसी भी अपराध का नोटिस राज्य सरकार से मंज़ूरी मिलने के बाद ही एक इंस्पैक्टर द्वारा दी शिकायत के आधार पर ही लिया जाएगा और एक और योजना के तहत मुकद्दमेबाज़ी कम करने के लिए विभिन्न अधिकारियों को एकत्रित करने के लिए भी स्वीकृति दे दी गई है। 
एक और फैसले के अनुसार उद्योग या व्यापार द्वारा छांटी, पुन
संभाल व बंद करने संबंधी उपबंदों को लागू करने के लिए कर्मचारियों की संख्या 100 से बढ़ाकर 300 करने की मंजूरी दी गई है, जबिक कम से कम अवधि 3 महीने की गई है। कंट्रेक्ट लेबर एक्ट 1970 की धारा 1 की धारा 4 के अधीन मौजूदा वर्करों की हद 20 से बढ़ाकर 50 की गई है। आज की गई संशोधनों में इमारती योजना को स्वीकृति के लिए मुकम्मल कब्ज़ा सर्टीफिकेट जारी करना, फायर, एन.ओ.सी. के लिए आवेदन, ट्रेड लाइसैंस की रजिस्ट्रेशन, फैक्टरी की इमारत योजना की स्वीकृति और दुकानों या अन्य कारोबारियों की रजिस्ट्रेशन  भी शामिल है। नए आर्डीनैंस के तहत डायरैक्टर उद्योग व व्यापार राज्य की नोडल एजेंसी होगी, जबकि डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में ज़िलास्तरीय नोडल एजेंसियां काम करेंगी। मंत्रिमंडल द्वारा आज केन्द्र सरकार द्वारा जीएसटी एक्ट में 1 अगस्त, 2019 को लागू की गई संशोधन को राज्य में लागू करने के लिए भी आज स्वीकृति दे दी गई।
मुख्यमंत्री वित्त मंत्री साथ बाद में अलग बैठक की
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मंत्रिमंडल के बाद राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ अलग से विचार-विमर्श किया जोकि राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए उनके विचार जाने जा सके। सूचना के अनुसार वित्त विभाग कुछ विभागों में टैक्स एकत्रित करने के प्रबंध से नाखूश है और राज्य में बड़े स्तर पर पड़ोसी राज्यों से हो रही स्मगलिंग से भी नाराज़ है। 
औद्योगिक विकास के लिए पंचायती भूमि खरीदने को मंजूरी
बैठक में पंजाब ग्रामीण आम भूमि (विनियमन) नियम 1964 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को मजबूत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में भूमि बैंक का निर्माण करना है। यह संशोधन इसलिए किया गया है, ताकि गांवों के विकास के लिए ग्राम पंचायतें शामलात अथवा गांव की आम भूमि के बेहतर इस्तेमाल को बढ़ावा दे सकें। पहले चरण में पटियाला ज़िले में ग्लोबल मेनूफैक्चरिंग और नौलज पार्क को विकसित करने के लिए 1000 एकड़ पंचायती ज़मीन ली जाएगी जो गांव सहरा, आकड़ी, पथरा, तख्तू माजरा और सिहरी की है। सबसे अधिक 467 एकड़ ज़मीन गांव सहिरा की है। इस ज़मीन की खरीद 357 करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी। इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को अमृतसर, कोलकाता ओद्यौगिक गलियारे के विकास के लिए जल्द से जल्द ज़मीन मुहैया करवाने के लिए कहा गया है, जिससे गतिविधियों को बल मिलेगा।