ट्रम्प पर महाभियोग की लटकती तलवार

इस समय अमरीका ही नहीं, पूरी दुनिया में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग की लटकती तलवार चर्चा का विषय है। लोग ही नहीं, राजनेता और पार्टियां तक यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या गुप्त मतदान होगा? क्योंकि आशंका है कि यदि गुप्त मतदान हुआ तो राष्ट्रपति ट्रम्प के विरुद्ध महाभियोग पारित हो सकता है।,
ट्रम्प पर महाभियोग लगेगा और क्या इससे वो बच भी जाएंगे? सिर्फ  अमरीका नहीं, पूरी दुनिया में यह विषय जेरे बहस है। ट्रम्प ने विपक्षी डेमाक्रेटिक पार्टी से कहा है, ‘इसमें देर किस बात की? आप जल्द से जल्द संसद में महाभियोग प्रस्ताव क्यों नहीं लाते?’ ट्रम्प से पहले अमरीकी संसद में दो राष्ट्रपतियों पर महाभियोग लग चुका है, 1868 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन। एंड्रयू जॉनसन के विरूद्ध महाभियोग प्रस्ताव सिर्फ  एक वोट से सीनेट में गिर गया था और जनवरी 1999 में बिल क्लिंटन पर मोनिका लेविंस्की पर यौन उत्पीड़न का महाभियोग प्रस्ताव सीनेट में पास नहीं हो सका था। ट्रम्प उसी सीनेट के दम पर चौड़े हो रहे हैं, जहां सत्तारूढ़ डेमोक्रेट मजबूत स्थिति में हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प पर सत्ता के दुरूपयोग का आरोप है। 25 जुलाई 2019 को ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदोमिर जेलेंस्की को कथित तौरपर फोन किया था और कहा था कि हमारे यहां डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन को निपटाना है। जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन पर जांच करनी है कि क्या ये लोग 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप का हिस्सा रहे थे। मकसद यही था कि जो बाइडेन बदनाम हों। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस फोन कॉल के आगे-पीछे यूक्रेन को दी जाने वाली 40 अरब डॉलर की सैन्य सहायता पर पहले रोक लगाई थी, बाद में उसे रिलीज किया था। इस सैन्य सहायता को भी अमरीकी मीडिया ‘कंस्पीरेसी थियरी’ से जोड़कर देख रहा है। सितंबर 2019 में एक व्हिसल ब्लोवर के माध्यम से इस कांड का भंडाफोड़ हुआ था। अमरीकी संसद में महाभियोग की प्रक्रिया दो चरणों में निष्पादित होती है। पहले चरण में निचला सदन, ‘हाउस ऑफ  रिप्रेजेंटेटिव’ आरोपों की जांच के आधार तय करता है कि यह सदन के पटल पर रखने लायक है या नहीं। उसके प्रकारांतर में ऊपरी सदन सीनेट उस मामले की जांच के साथ वोटिंग करता है। सीनेट में यदि महाभियोग प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पास हो गया, तो राष्ट्रपति का इस्तीफा तय है और उनकी जगह उप-राष्ट्रपति को कार्यभार संभालना होता है।
435 सदस्यीय निचले सदन ‘हाउस ऑफ  रिप्रेजेंटेटिव’ में ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन कमजोर स्थिति में है। वहां विपक्षी डेमोक्त्रेट 233 और रिपब्लिकन सदस्यों की संख्या 197 है। हाउस ऑफ  रिप्रेजेंटेटिव’ में एक निर्दलीय सदस्य है, और चार सीटें खाली हैं। तभी स्पीकर नैंसी पावेल बार-बार इस पर जोर दे रही हैं कि महाभियोग प्रस्ताव लाने में विलंब नहीं करना चाहिए।
 ट्रम्प इस बात से निश्चिंत से दिख रहे हैं कि जब तक सीनेट में उनकी पार्टी मजबूत है, उनका बाल-बांका नहीं होगा। 100 सदस्यीय अमरीकन सीनेट में रिपब्लिकन 53 और विपक्षी डेमोक्रेट के 45 मेंबर हैं, दो सदस्य निर्दलीय हैं। इन आंकड़ों को देखकर कोई भी कह सकता है कि महाभियोग चाहे सत्य हो, मगर संख्या बल के आधार पर उसे गिराने में आसानी होगी। 3 नवम्बर, 2020 को अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव है। महाभियोग को लेकर संसद, सड़क और सोशल मीडिया गर्माया हुआ है। नैंसी पावेल कैलीफोर्निया का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह वह इलाका है, जहां सत्ता विरोध चरम पर है। अकेले कैलीफोर्निया से ट्रम्प प्रशासन के विरूद्ध 60 से अधिक अदालती मामले चल रहे हैं। प्रांतीय मुख्यालय सेक्रामेंटो में सरकार विरोधी प्रदर्शन इसके गवाह हैं कि प्रतिपक्ष वहां कितना मजबूत है। ऐसा ही टेक्सास में है, जहां के लोगों को नरम करने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक का इस्तेमाल प्रेसिडेंट ट्रम्प ने किया था। साल भर के भीतर ट्रम्प तेरह बार टेक्सास आ चुके हैं। टेक्सास प्रांत का ह्यूस्टन अमरीका का चौथा बड़ा शहर है। एनर्जी कैपिटल कहे जाने वाले ह्यूस्टन राष्ट्रपति ट्रम्प छह बार आ चुके हैं। वजह टेक्सास जैसे प्रांत में उनकी पार्टी का बुरा परफ ॉरमेंस रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प के विरुद्ध सत्ता दुरूपयोग का यह मामला व्हीस्ल ब्लोवर के जरिये उठा है। इस कांड से पहले ट्रम्प टैक्स मारने के कारण कुख्यात हो चुके थे। उन पर दो महिलाओं को पैसे देकर यौन शोषण के आरोपों से मुक्ति पाने का आरोप लगा था। यह मामला भी जैसे-तैसे दबाया गया। 2016 के चुनाव में रूसी साजिश हुई थी या नहीं, यह प्रकरण भी रहस्य सा बनकर रह गया। यूक्रेन के जरिये ट्रम्प पूरे मामले को दूसरी दिशा में ले जाना चाहते थे, इसे साबित होना बाकी है।
मगर, यदि सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव गिर जाता है, तो प्रतिपक्ष चुनाव प्रचार में कैसे मजबूती से खड़ा होगा? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। सबसे बड़ी बात सीनेट में सारे रिपब्लिकन सदस्यों की एकजुटता की है। इनमें से 20 भी खिसक गये, तो ट्रम्प कहीं के नहीं रहेंगे। सत्ता के गलियारे में जो रणनीतिकार सक्रिय हैं, उनकी कोशिश यही है कि रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सीनेट सदस्य कैसे भी करके ट्रंप से टूटें। सीनेटर क्रिस कून ने कुछ इसी तरह का बयान दिया है। एक और रणनीतिकार माइक मर्फी ने बताया कि यदि सीनेट में गुप्त मतदान हुआ, तो 30 के करीब रिपब्लिकन सीनेटर ट्रम्प के विरुद्ध क्रास वोटिंग कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो यह यह वाकई खतरनाक स्थिति होगी।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर