पौष पूर्णिमा स्नान से हुआ माघ मेले का आगाज

प्रयागराज, 10 जनवरी (वार्ता): तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम तट पर पौष पूर्णिमा स्नान के अवसर पर शुक्रवार तड़के कड़ाके की ठंड़ और शीतलहरी पर आस्था का विश्वास भारी पड़ रहा है। देश के कोने-कोने से पहुंचे माघ मेले के पहले स्नान पर त्रिवेणी के तट पर गांगा में मानों आस्था का समन्दर अपनी बाहें फैलाये लाखों श्रद्धालुओं को अपने में अंगीकार कर रहा हो। मेला प्रशासन ने 32 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया है। श्रद्धालुओं ने भोर के तीन बजे से ही संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया। मेले में विभिन्न संस्कृतियों,भाषाओं और विविधताओं का संगम दिखायी पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड और शीतलहर पर आस्था का विश्वास भारी पड़ रहा है। त्रिवेणी के संगम तट पर सांय-सांय करती तेज हवा और कड़ाके की ठंड में पतित पावनी के जल में भोर के चार बजे से ही श्रद्धालु, कल्पवासी, तीर्थयात्री और सांधु-संतों ने ‘‘हर हर गंगे, ऊं नम: शिवाय, श्री राम जयराम जय जय राम’’ का उच्चारण करते हुए स्नान शुरू कर दिया। कल्पवास करने वाले साधु-संत, सन्यासी, दिव्यांग और गृहस्थ श्रद्धालुओं ने स्नान कर घाट पर बैठे पण्डे और पुरोहितों को दान-दक्षिणा देकर पूजन-अर्चना की। कल्पवासी मोह-माया से दूर एक माह तक व्रत, भजन, पूजन और प्रवचन के लिए अपने तम्बुओं में तल्लीन दिखलायी पड़ रहे हैं। संगम तट पर श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए तैयार कराये गये पांच किलोमीटर क्षेत्र में घाटों पर श्रद्धालुओं की डुबकी लगाने की भीड़ लगी हुई है। भोर में स्नान करने वालों की भीड़ कम थी लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ती गयी। डुबकी लगाने वालों में महिलाएं, बच्चे और बूढ़े और दिव्यांग भी शामिल हैं।