" केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लिया फैसला " अब वीआईपी सुरक्षा से हटेंगे एनएसजी कमांडो

नई दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) : गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने और वीआईपी सुरक्षा में व्यापक कटौती लागू करने के बाद केंद्र सरकार ने अब एनएसजी कमांडो को इस काम से पूरी तरह मुक्त करने का फैसला किया है। करीब दो दशक बाद ऐसा होगा कि आतंकवाद निरोधी विशिष्ट बल के ‘ब्लैक कैट’ कमांडोज़ को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाया जाएगा। इस बल का जब 1984 में गठन हुआ था तब इसके मूल कामों में वीआईपी सुरक्षा शामिल नहीं थीं। यह बल ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त 13 ‘उच्च जोखिम’ वाले वीआईपी को सुरक्षा देता है। इस सुरक्षा घेरे में अत्याधुनिक हथियारों से लैस करीब दो दर्जन कमांडो हर वीआईपी के साथ होते हैं। सुरक्षा संस्था के अधिकारियों ने बताया कि एनएसजी की सुरक्षा ड्यूटी को जल्द ही अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी एनएसजी ही सुरक्षा प्रदान करता है। एनएसजी की सुरक्षा, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, फारुक अब्दुल्ला, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता लाल अडवानी को भी मिली हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का मत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को अपना ध्यान मूल काम, आतंकवाद को रोकना, विमान अपहरण के खिलाफ अभियान, पर केंद्रित करना चाहिए और वीआईपी सुरक्षा के काम की जिम्मेदारी उसकी सीमित व विशिष्ट क्षमताओं पर बोझ साबित हो रहा था। इस कदम के पीछे यही कारण है। अधिकारियों ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने से करीब 450 कमांडो मुक्त हो जाएंगे जिनका इस्तेमाल देश में बने इनके 5 ठिकानों में इनकी मौजूदगी को और सुदृढ़ करने में किया जाएगा।