क्या आ रहा है लेडी रोबोट युग ? 

विगत 22 जनवरी 2020 को इसरो के बंग्लुरु स्थित मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने देखा कि सेंटर टेबल में बैठी और उन्हीं की तरफ  मुखातिब एक महिला कुछ अलग-सी है। वह किसी से कुछ पूछते कि उसने खुद ही पत्रकारों को अपना परिचय दिया ‘ हैलो फ्रेंड मैं व्योममित्रा हूं। मैं बोल सकती हूं, मैं आपकी बात सुन सकती हूं और आपको जवाब भी दे सकती हूं।’ जी,हां ये लेडी गगनाट व्योममित्रा के ही शब्द थे,जो उन्होंने पत्रकारों से कहे। व्योममित्रा कोई महिला नहीं, महिला की शक्ल का एक हाफ ह्यूमनॉइड यानी रोबोट है। जो इंसान की तरह चल फि र सकता है। मानवीय हाव-भाव को समझ सकता है। पूछे गए सवाल का जवाब दे सकता है और हां,कभी-कभी सवाल पूछ सकता है। वास्तव में ह्यूमनॉइड एक ऐसा रोबोट होता है जिसके शरीर के आकार को मानव शरीर जैसा बनाया जाता है। यह आर्टिफि शियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए इंसान जैसी तमाम गतिविधियों को अंजाम देता है। ह्यूमनॉइड विज्ञान का कोई नया चमत्कार नहीं है। सच तो यह है कि इसकी विकास यात्रा हजारों साल पुरानी है,जब दूर-दूर तक कहीं आधुनिक रोबोटिक्स का वजूद तक नहीं था। लेकिन मौजूदा क्षमता वाले ह्यूमनॉइड अभी कुछ सालों की रोबोटिक्स का ही कमाल हैं। इसलिए अगर कहा जाय कि व्योममित्रा का परिवार फि लहाल बहुत छोटा है तो अतिश्योक्ति न होगी। अभी महिलाओं की छवि वाले ऐसे रोबोट्स की संख्या एक दर्जन भी नहीं है। लेकिन लगता है कि जल्द ही लेडी ह्यूमनॉइड का युग आने वाला है। सिर्फ  विज्ञान के बड़े और जोखिम भरे मिशनों के लिए ही नहीं बल्कि रोजमर्रा के कामकाज के साथ सुकूनदेह लाइफ स्टाइल के लिए। यह आशंका इसलिए पैदा हुई है क्योंकि घरेलू कामकाज के लिए रोबोट बनाने वाली जापानी कम्पनी सोनी को ऐसे ही तमाम जिंदा लेडी रोबोट की डिमांड आयी है। हालांकि ग्राहकों की निजता के चलते उसने अपने आर्डर कर्ताओं के नाम तो उजागर नहीं किये लेकिन यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि आने वाले दिनों में क्यों इस तरह के खूबसूरत लेडी ह्यूमनायड की डिमांड बढ़ेगी। बहरहाल हम इस किस्म के ह्यूमनॉइड पर बात करें इससे पहले आइये जान लें कि व्योममित्रा का आविर्भाव इसरो ने किस उद्देश्य से किया है और यह उसकी कितनी बड़ी उपलब्धि है।
क्यों विकसित की गयी है व्योममित्रा ? 
अपने पहले मानव मिशन 2022 के पहले भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) अपनी तैयारियों को जांचने के उद्देश्य से दिसंबर 2021 में इस ‘लेडी रोबोट’ व्योममित्रा को अंतरिक्ष के मिशन में रवाना करेगा। किसी जीती जागती आधुनिक महिला-सा दिखने वाला यह रोबोट वास्तव में उन्हीं गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करेगा, जिन गतिविधियों को अंजाम देने की उम्मीद भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों से है। इस तरह देखें तो व्योममित्रा नामक यह ह्यूमोनायड भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की रिहर्सल करने के लिए विकसित किया गया है ताकि अंतरिक्ष यात्रियों के हिस्से कम से कम जोखिम आये। इस तरह व्योममित्रा अंतरिक्ष में मानव गतिविधियों को अंजाम देगा। साथ ही वहां के पर्यावरण से तालमेल बिठाने के साथ-साथ जीवन रक्षक प्रणाली को नियंत्रित करने की कला को समझेगा। प्रेस मीट के दौरान अपनी जरूरत और अपनी भूमिका के बारे में खुद पत्रकारों को व्योममित्रा ने यह सब बताकर हैरान किया है। उसी के शब्दों में, ‘मैं हाफ-ह्यूमोनायड की प्रोटोटाइप हूं। मुझे पहले मानवरहित गगनयान मिशन के लिए बनाया गया है। मैं माड्यूल पैरामीटर की निगरानी कर सकती हूं तथा पैनल ऑपरेशन शुरू करने जैसी गतिविधियों को अंजाम दे सकती हूं।’
कैसे काम करते हैं ह्यूमनॉइड ? 
ह्यूमनॉइड यानी इंसानी शक्ल और हावभाव वाले रोबोट के दो खास हिस्से होते हैं, जो उन्हें इंसान की तरह प्रतिक्रिया देने और चलने-फि रने में मदद करते हैं। ये दो हिस्से हैं-सेंसर्स और एक्च्यूएटर्स। सबसे पहले सेंसर की मदद से ह्यूमनॉइड अपने आस-पास के वातावरण को समझते हैं। कैमरा,स्पीकर और माइक्रोफोन जैसे उपकरण सेंसर्स से ही नियंत्रित होते हैं। ह्यूमनॉइड इनकी मदद से देखने, बोलने और सुनने का काम करते हैं। जबकि एक्च्यूएटर एक खास तरह की मोटर होती है,जो ह्यूमनॉइड को इंसान की तरह चलने और हाथ-पैरों का संचालन करने में मदद करती है। सामान्य रोबोट की तुलना में एक्च्यूएटर्स की मदद से ह्यूमनॉइड विशेष तरह के एक्शन कर सकते हैं। मनोरंजन भी ये इसीलिए कर पाते हैं।
दुनिया में और कौन से हैं ऐसे ह्यूमनॉइड?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि ह्यूमनॉइड, एक ऐसा रोबोट है जिसके शरीर के आकार को मानव शरीर जैसा बनाया जाता है। ऐसा किया जाना किसी जुगुप्सा के तहत नहीं है बल्कि यह डिजाइन मानवीय कार्य उद्देश्यों के लिए बनाई जाती है। मसलन इससे यह समझा जाता है कि कोई उपकरण इंसान के लिए कैसे अधिकतम रूप से उपयोगी हो सकता है। सामान्य तौरपर ऐसे ह्यूमनॉइड में एक धड़, एक सिर, दो हाथ और दो पैर होते हैं। वैसे ह्यूमनॉइड रोबोट के कुछ रूप शरीर के केवल एक हिस्से तक ही सीमित होते हैं, शायद इसलिए कि वे अपनी दृश्यता में मशीन भी बने रहें। लेकिन अब ह्यूमनॉइड रोबोटों के मानव सौंदर्य से मेल खाते सर भी बनाये जा रहे हैं।
तीन सुंदरी रोबोट 
दुनिया में कम से कम तीन ऐसे ह्यूमनॉइड्स हैं जिन्होंने इनके प्रति पूरी दुनिया की जिज्ञासा बढ़ाई है। क्योंकि ये तीनों सुंदर स्त्रियों के प्रतिरूप हैं। ये तीन सुंदरी रोबोट हैं सोफिया,कोडोमोरॉइड और जिया-जिया। सबसे पहले सोफिया ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह न केवल सबसे प्रसिद्ध ह्यूमनॉइड है बल्कि  दुनिया का पहला रोबोट नागरिक भी है। तीन साल पहले 11 अक्तूबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र में इसका परिचय कराया गया था। उसी साल 25 अक्टूबर को इसे सऊदी अरब की नागरिकता मिली थी। यह भारत भी आ चुकी है।  दूसरे स्त्रीवत ह्यूमनॉइड का नाम कोडोमोरॉइड है। कोडोमोरॉइड जापान में बना ह्यूमनॉइड है। वहां यह टेलीविजन पर प्रस्तुति देती है। कोडोमोरॉइड कई भाषाएं बोल सकती है। यह समाचार पढ़ने और मौसम की जानकारी देने में सक्षम है। जबकि तीसरे ह्यूमनॉइड को चीन ने विकसित किया है और नाम है-जिया जिया। चीन ने इसे दुनिया के सामने लाने से पहले साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में इसका 3 साल तक परीक्षण किया था। यह बातचीत करने में सक्षम है,लेकिन इसका मूवमेंट और भावनाएं सीमित हैं। व्योममित्रा इन्हीं के कुल की चौथी और अब तक की शायद सबसे सक्षम ह्यूमनॉइड होगी।