एक-दूसरे के प्रति सकारात्मक होने का समय

कोविड-19 के रूप में जाने गये घातक वायरस का पता चीन के वुहान शहर में पांच महीने पहले लगा जिसके बाद में दुनिया का ध्यान इस पर गया और पलक झपकते ही यह महामारी दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल गई।  सामाजिक दूरी इस खतरनाक वायरस से खुद को सुरक्षित बनाने का एकमात्र तरीका है। इसकी व्यापक पहुंच के कारण, अधिकांश देशों ने लॉकडाउन लागू कर दिया और भारत उन देशों में से एक है, जिन्होंने राष्ट्र-व्यापी लॉकडाउन को सबसे मुश्किल व प्रभावी रूप में ज़ोरदार तरीके से लागू करने का विकल्प चुना।  इसका प्रभाव केवल शरीर तक सीमित नहीं, यह लोगों के मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।हम सभी इस तथ्य से परिचित हैं कि बचना इलाज से बेहतर होता है। लॉकडाउन के कारण घरों में सीमित  कुछ लोग तो संगरोध के समय का पूर्ण आनन्द से उपयोग कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर, कुछ लोगों के लिए संगरोध तनावपूर्ण, उबाऊ, निराशाजनक और असहनीय होता जा रहा है जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। वे घरों से बाहर निकलने के लिए उत्सुक हो रहे हैं, अपने पसंदीदा स्थानों पर अपने दोस्तों के साथ मिलने के लिए  बाहरी गतिविधियों को करने के लिए, सामाजिक स्थान बंद हो चुके हैं और आप इस बारे में कुछ भी नहीं  कर सकते हैं। इसलिए, आप क्या नहीं  कर सकते हैं, इसके बारे में सोचने की बजाय, हम इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हम वर्तमान में क्या कर सकते हैं। विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था, ‘किसी भी संकट को बेकार मत जाने दो’। यह किसी भी स्थिति में सकारात्मक चीजों को देखने के लिए हमारे दिमाग को प्रशिक्षित करके जीवन के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदलने का सुनहरा अवसर है। सभी को जीवन के महान रहस्य से परिचित होना चाहिए। लॉ ऑफ  अट्रैक्शन, के मुताबिक हम उन्हीं चीज़ों को जीवन में आकर्षित करते हैं जिन पर हम ध्यान केंद्रित करते हैं । इसलिए, हमारे सकारात्मक या नकारात्मक विचार हमारे जीवन में इस तरह के अनुभव लाते हैं। हमारा जीवन हमारे हाथों में है। चाहे हम  कहीं भी हों, हमारे अतीत में क्या हुआ है, हमें बस अपने विचारों को सचेत रूप से चुनना शुरू करना होगा और अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। हमारे विलियम ग्लासर ने विकल्प सिद्धांत में स्पष्ट रूप से समझाया है कि ‘हमारे लगभग सभी तरह के  व्यवहार उद्देश्यपूर्ण और हमारे द्वारा चुने गए होते हैं।लोग इन दिनों घर के काम करने के बारे में लगातार बड़बड़ा रहे हैं लेकिन शुक्र है कि हमारे पास सफाई और आराम करने के लिए एक घर है। क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है कि हम अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं और उनके साथ बिताने के लिए हमें बहुत समय मिला है? यह हमारे जीवन का काया-कल्प करने और हमारे बचपन को पुन: प्राप्त करने का सही समय है। वर्तमान में जहां बच्चे वीडियो गेम, तकनीक, गैजेट्स और मोबाइल फोन में उलझे रहते हैं, उन्हें परिवार की एकजुटता की अवधारणा से परिचित कराने का भी समय है, जिसे हम आधुनिक और व्यस्त जीवन में भूल गए थे । अब यह जानने का भी समय  है कि चीज़ें महत्वपूर्ण नहीं बल्कि परिवार  महत्वपूर्ण है।  इसके अतिरिक्त, यह युवा पीढ़ी के लिए उदाहरण स्थापित करने का समय है कि तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना कैसे करें। यह वह समय है जब आप घर पर खूबसूरत यादें बना सकते हैं। घर में रहने से न केवल आपके और आपके परिवार के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि पूरी तरह से यह आपके लिए भी अनुकूल सिद्ध होगा।अपने विचारों को जानने और स्वयं के बारे में अंतर्दृष्टि विकसित करने के लिए यह एक आदर्श समय है। कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों के बारे में आज सभी जानते हैं, परन्तु इसका पर्यावरण पर अप्रत्याशित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अनुसंधान से पता चलता है कि कारखानों, वाहनों और सार्वजनिक परिवहन के पूर्ण रूप से बंद होने के कारण प्रदूषण का स्तर काफी नीचे चला गया है और वायु गुणवत्ता फिर से सांस लेने के लायक हो गई है । आसमान पूरी तरह से साफ हो गया है। जो तारे पहले प्रदूषण के कारण दिखाई नहीं दे रहे थे, वे चमक रहे हैं। नदियां साफ  हैं और आश्चर्यजनक रूप से हिमालय पर्वतमाला दिखाई देने लगी। न केवल लोगों ने प्रकृति को समझा है, बल्कि स्वच्छता और उसके महत्व को भी समझा है और स्वस्थ जीवन शैली को अपना रहे हैं। कहा जाता है कि  सिक्के के दो पहलू होते हैं। यह पूरी तरह से आप पर है कि आप सकारात्मक चुनना चाहते हैं या नकारात्मक।  हमें नहीं पता कि यह महामारी कब खत्म होगी या इसका मानव सभ्यता पर क्या प्रभाव पड़ेगा लेकिन हम सिर्फ  इतना कर सकते हैं कि एक दूसरे का साथ दें, एक दूसरे का उत्थान करें और सकारात्मक बने रहें।