धान की सीधी बुआई करके पंजाब को रेगिस्तान बनने से बचाया जा सकता है - किसान  

तपा मंडी, 23 मई - (कुलतार सिंह तपा) - स्थानीय क्षेत्र में एक किसान परिवार ने धान की 35 किलों की सीधी बुआई की करने की खबर मिली है। जसवीर सिंह पंधेर, श्री समंदरजीत सिंह पंधेर, श्री रविंद्रजीत सिंह पधेर किसार परिवार के प्रमुख ने बुआई के समय इस बात की जानकारी दी कि इस बार कोरोना वायरस की बीमारी के कारण राज्य में प्रवासी मजदूरों के बिना धान की बुआई करना बहुत मुश्किल लगता है। धान की बुआई एक सिर पर आ गई है और स्थानीय मजदूर धान की बुआई के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये प्रति एकड़ की मांग कर रहे हैं। जिसे किसानों के लिए देना बहुत मुश्किल है इसलिए उन्होंने सीधे धान बोने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष बुआई के लिए कई वर्षों से विशेषज्ञों द्वारा प्रयोग किए जा रहे थे और अब विशेषज्ञों ने कहा कि एक बार खरपतवार का निराकरण किया जाना चाहिए और फिर से खरपतवारों का निराकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीधी बुआई से फसल को गेहूं की तरह सींचना पड़ता है। इस विधि से 50 से 70 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इस विधि से जहां लागत कम आती है। वहां पानी का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जाएगा और पंजाब को रेगिस्तान बनने से बचाया जा सकता है।