सैनिटाइजर खरीददारी पर अशोभनीय कार्य

लोकप्रिय राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक ‘अजीत समाचार’ में पंकज शर्मा का लेख पढ़ा। लेख पढ़ कर मन व्यथित हुआ कि प्रदेश सरकार के नियंत्रित कार्यालय में सैनिटाइजर खरीददारी पर कदाचार हुआ है। यह बहुत निंदनीय है। देश प्रदेश की जनता इस महामारी से सहमे हुए है। मज़दूर सड़कों पर डाक्टर, पुलिस प्रशासन, मीडिया कर्मी, आंगनबाड़ी-आशा वर्कर दिन-रात एक कर रहे हैं। इस लड़ाई से लड़ने में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका धन की हो रही है। सांसदों विधायकों की 30 प्रतिशत वेतन कटौती, कर्मचारियों का डी.ए. फ्रिज सैलरी से लगातार कटौती हो रही है। अनन्या का गुल्लक तोड़ कर राशि का दान करना। कौशल्या देवी द्वारा सारी पैंशन दान करना, निर्धन महिला का 21 रुपये का दान, बिहारिन मज़दूर द्वारा अपनी दिहाड़ी के पैसे दान करना, 20 किलोमीटर पैदल चल कर 2 लाख रुपये का दान करना ऐसी कई उदाहरणें हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे कृत्य करें शर्म आती है। आपदा से पूर्व 250 रुपये में 100 हैंड ग्लव्ज़ बेचने वाले अब 390 रुपये में 75 ग्लव्ज़ बेच रहे हैं।  दान के सैनिटाइजर बेच रहे हैं।  हमारा व्यवहार आजीवन लोगों के जहन में रहेगा। 

-श्याम शर्मा