चालानों द्वारा 600 करोड़ रुपए से अधिक कमाने की फिराक में पंजाब सरकार 

बठिंडा छावनी, 2 जून (परविन्द्र सिंह जौड़ा): कोरोना के कारण उपजी स्थिति से पंजाब सरकार चालानों द्वारा 600 करोड़ रुपए से अधिक कमाने की फिराक में है। पंजाब में आबादी के हिसाब से हर सातवें व्यक्ति का चालान काटा जा सकता है। आबकारी विभाग के बाद अब पंजाब पुलिस भी सरकार का कमाऊ-पुत्त बन गई है। पंजाब सरकार की चलाई गई इस चालान मुहिम से चाहे राज्य के खज़ाने का मुंह तो भरेगा परन्तु साथ ही पंजाब पुलिस की उस छवि को भी भारी चोट लगेगी, जो लोगों की जानें बचाने के लिए कोरोना महामारी से अगली सफों में होकर लड़ते बनी थी। पंजाब में इन दिनों पुलिस द्वारा लोगों के धड़ाधड़ चालान काटे जा रहे हैं। इन चालानों में वाहनों के दस्तावेज़ न होना तथा यातायात के नियमों का उल्लंघन करने के बिना अब मास्क न पहनना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना तथा लाकडाऊन के नियमों का उल्लंघन करना, चालान काटे जाने के प्रमुख कारण बन गए हैं। थूकने व मास्क न पहनने के जुर्माने की राशि 500 रुपए तथा लाकडाऊन के नियमों का उल्लंघन करने की 2000 रुपए निर्धारित की है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के जुर्माने की राशि तो इससे भी अधिक चाहिए परन्तु कोरोना बारे विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्टों को जांचते यह बात उभर कर सामने आई है कि मास्क केवल सार्वजनिक इकट्ठ में जाने पर ही लगाया जाना ज़रूरी होना चाहिए। मामले का दूसरा पहलू यह है कि इन धड़ाधड़ काटे जा रहे चालानों के कारण पुलिस के प्रति लोगों में नाराज़गी बढ़ रही है। तालाबंदी दौरान दिन-रात ड्यूटी करने वाली पंजाब पुलिस की जो बढ़िया छवि लोगों में बनी थी, वह अब काटे जा रहे बेतुके चालानों के कारण मिट्टी में मिलती नज़र आ रही है।