महक बिखराते भारतीय व्यंजन -2

मनाली बिलासपुर सड़क पर एक छोटा-सा कस्बा है, घाग्स। घाग्स का एक छोटा-सा ढाबा अपने अनूठे जायके के कारण ट्रकाें को भी रोक लेता है और टैक्सियों को भी।  मक्की की रोटी और देसी घी वाली माह की दाल की क्या बात है , खाना 24 घंटे मिलता है और ताज़ा। घाग्स के इस छोटे ढाबे परबड़े-बड़े लोग रुकते हैं। केरल, तमिलनाड़ू , कर्नाटक, आन्धंरा की रसोई में नारियल केला कढ़ीपत्ता व चावलों का ज्यादा इस्तेमाल होता है। दक्षिण भारत में खाना केले के पत्तोंपर भी परोसा  जाता है ।  कट्हल का जैम मैंने पहली बार केरल में ही खाया था। इडली वड़ा, साम्बर, डोसा, उप्पम दक्षिण भारत की यात्रा दौरान आपकेसाथ साथ चलते है। दक्षिण की विभिन्न प्रकार की चट्टनियाें का जायका भूलना आसान काम नहीं। दक्षिण भारत की थाली पंजाबियों को अच्छी नहीं लगती इस थाली में कटौरियां की संख्या ज्यादा होती और व्यंजनों की मात्रा कम होती है।  नारियल पानी सभी को अच्छा लगता है। नारियल पानी पीना और बाद में नारियल कटवाकर मलाई खाना हर पर्यटक को भाता है ।  दक्षिण में नारियल पानी  जगह जगह बिकता है। मथुरा के पेड़े, बड़ौदा के चीकू ,नागपुर की संतरा बर्फी व आगरा का पेठा खिलाते खिलाते मैं आपको उत्तर-प्रदेश के छोटे से ग्राम जाहरूद्दीनपुर जिला जौनपुर ले चलता हूं। ग्रहणियां बहुतज्यादा स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं। मुझे तो स्वाद सिल्लवट्टे का कमाल लगता है। महिलाएं मसाला व चट्टनी सिल्लवट्टे पर ही पीसती हैं। महिलाएं जौनपुरीमिर्चो में ठूंस-ठूंस कर आमचूर व मसाला भरती हैं , फिर उसे सरसों के तेल में भिगो देती हैं। आचार इतना स्वादिष्ट की आप सारा डिब्बा ही मांग लोगे।
गुड़ व आम की सब्ज़ी भी क्या कमाल है। ‘शाहगंज में कुछ जगह कमाल की कचौरी मिलती है। मैंने उत्तर प्रदेश यात्रा के दौरान नोट किया कि समोसे केसाथ तली हुई हरी मिर्च भी मिलती है।  गुजरात में पोहे, खम्मन, खम्मनी, नाइलोन खम्मन आपका ध्यान खींचतें हैं , आप खा लेना ये हल्के भोजन है। सरदार सरोवर डैम के निकट मेरा ध्यान एक महिला ने खींचा मैं समझ नहीं सका कि वो क्या बेच रही है। वो नमक व हल्दी के साथ तैयार किए आंवले बेच रही थी। बड़ोदा (बड़ौदरा) में विभिन्न बिस्कुट, बटर ज़ीरा टोस्ट, नमकीन, ब्राउन आटा टोस्ट इत्यादी बहुत प्रसिद्ध है । पेड़ों के लिए मशहूर बड़ौदा में तीखे मसाले वाली चिकन ब्रियानी भी हाज़िर है।  कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक शब्द आप जरूर सुनते हो चाय । चाय बनाने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। ऊटी, तामिलनाडू के चाय बगानों के निकट चाय बनाने वाले बेचने वाले , चाय को दिया सिलाई लगाते हैं । चाय चाहत भी है और राहत भी। अमृतसर की अजवायन वाली चाय भी बहुत मशहूर है। अमृतसर की पापड़ बड़़ियां बहुत प्रसिद्ध हैं , केसर के ढाबे ने तो संसार में नाम कमाया है। लुधियाना में कदम रखते ही स्माईल स्टाफ  व स्वादिष्ट पकवान आपका स्वागत करते हैं। मृदुभाषी स्टाफ  शालीनता के साथ आपको खाना परोसते हैं। कश्मीर के रंग में रंगा एक रेस्तरां आपके लिए कश्मीर के व्यंजन परोसता है।  ‘शाकाहारी व मांसाहारी पकवानों की लम्बी लिस्ट में से मैंने मूंगी की दाल व मिस्सी रोटी ही चुनी कमाल का ज़ायका था।

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