बहुगुणी है हल्दी का सेवन

हल्दी एक वनस्पति है जो अदरक के परिवार से संबंध रखती है । इसका वैज्ञानिक नाम करकुमा लोंगा  है। इसे हिंदी में हल्दी और अंग्रेजी में टर्मेरिक कहा जाता है। प्राकृतिक रूप से इसका रंग पीला होता है। कच्ची हल्दी बिल्कुल अदरक की तरह ही दिखती है।
लिवर डिटॉक्स करने के लिए 
लिवर से विषाक्त तत्व निकालने और लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में हल्दी सहायक हो सकती है।  एक शोध के अनुसार, हल्दी के डिटॉक्सिफिकेशन और एंटीऑक्सीडेंट गुण मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन खास तौर पर सी फू ड के सेवन से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से बचाव में मदद कर सकते है
मधुमेह के लिए
हल्दी का महत्वपूर्ण घटक का उपयोग लाभकारी साबित हुआ। इसका उपयोग डायबिटीज के जोखिम को कम करता पाया गया  इसके अलावाए करक्यूमिन का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में होने वाली किसी प्रकार की जटिलता के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है
रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार 
प्रतिरोधक क्षमता का सही होना आवश्यक है यहां हल्दी मददगार हो सकती है।  हल्दी का महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी- इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होने के साथ- साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट रोग- प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करना की तरह भी काम कर सकता है। 
अल्जाइमर को ठीक करें
आमतौर पर यह स्वास्थ्य समस्या बुजुर्गों में देखने को मिलती है। जिसके कारण बढ़ती उम्र के साथ उनकी याददाश्त कमजोर होने लगती है। इस समस्या से बचे रहने के लिए भी हल्दी उपयोगी साबित होगी। 
हार्ट अटैक का खतरा
हल्दी का सेवन करने से हृदय रोग में भी बहुत फ ायदा मिलता है और अगर आपके घर में भी कोई हृदय रोग से परेशान है तो उसके डाइट में हल्दी जरूर शामिल करें।  सर्जरी के बाद आने वाले हार्ट अटैक के खतरे को हल्दी के सेवन से काफ ी हद तक टाला जा सकता है।
ओरल हेल्थ के लिए
कई लोगों के मुंह से बदबू आने की भी समस्या रहती है जिसके कारण कभी- कभी उन्हें शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। इसलिए ओरल हेल्थ से जुड़ी हुई किसी भी समस्या से बचने के लिए हल्दी का इस्तेमाल काफी लाभदायक होगा।