मीटर चालू-बत्ती गुल पंजाब में पहले ही वायदे से भटक गई ‘आप’

पंजाब में आम आदमी पार्टी  की 300 यूनिट मुफ्त बिजली को लेकर सियासी घमासान मच गया है। राज्य सरकार ने कल पंजाब के लिए बिजली टैरिफ  जारी किया। इनमें रेट तो नहीं बढ़ाए गए लेकिन मुफ्त बिजली का भी कोई ज़िक्र नहीं है। ऐसे में विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। अकाली दल और कांग्रेस ने कहा कि मुख्य मंत्री भगवंत मान को अरविंद केजरीवाल की गारंटी को पूरा करना चाहिए। चुनाव के वक्त केजरीवाल ने पंजाब के हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का भरोसा दिया था
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जनता से कई लोकलुभावन वादे किए थे। आम आदमी पार्टी की ‘गारंटी’ के तौर पर प्रचारित किया गया था। इन गारंटियों में दो सबसे बड़े वादे थे। पहला हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली और दूसरा 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता। 300 यूनिट मुफ्त बिजली को लेकर अरविंद केजरीवाल ने तो यहां तक कह दिया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद ‘पहली कलम’ से इस वादे को पूरा कर दिया जाएगा। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की ओर से घोषित की गई इन मुफ्त योजनाओं  के लिए अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा एक रोडमैप भी दिया था। अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए पूरा गुणा-गणित बताया था कि पंजाब पर लदे करीब 3 लाख करोड़ के कर्ज के बावजूद वह कैसे इन योजनाओं को पूरा करेंगे। वैसे, आम आदमी पार्टी ने इन लोक-लुभावन वादों के दम पर पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 117 में से 92 सीटें हासिल भी कर लीं और भगवंत मान मुख्यमंत्री भी बन गए, लेकिन अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री बने भगवंत मान के लिए इन वादों को पूरा करना चुनौती बनता नजर आ रहा है। अरविंद केजरीवाल के उस इंटरव्यू पर भी ध्यान देना ज़रुरी है  जिसमें उन्होंने इन मुफ्त योजनाओं को पूरा करने का रोडमैप दिया था ।
पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने अपने दावों को हवा-हवाई नहीं होने के कारण बताए थे। केजरीवाल ने कहा था कि ‘चुनाव में वादे करने से पहले होमवर्क करके जाता हूं। पैसा कहां से आएगा, कैसे करेंगे, इसका एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर क्या होगा? सारी तैयारियां करने के बाद मैं फिर जाकर कहता हूं कि महिलाओं को 1000-1000 रुपये देंगे।’   केजरीवाल ने ‘पैसा कहां से आएगा’ के सवाल पर कहा था कि पंजाब में अगर सरकार एक ठेका देती है, तो उसमें कितने पर्सेंट करप्शन होता है। जनता से पूछता हूं, तो कोई कहता है, 40-50 फीसदी। मैं कह रहा हूं कि मोटा-मोटा 20 फीसदी मान लेते हैं। 1.70 लाख करोड़ का बजट है, तो 34 हजार करोड़ रुपया सीधे भ्रष्टाचार में चला गया। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर हमने भ्रष्टाचार खत्म कर दिया, जैसे दिल्ली में किया है, तो 34 हजार करोड़ यहीं से आ गया। मैंने हिसाब लगाया है कि 20 हज़ार करोड़ रेत की चोरी बंद करने से आएगा। 54 हजार करोड़ का प्रबंध तो मैं आज भी करके बैठा हूं। अभी तक मैंने जितनी घोषणाएं की हैं, उनमें बिजली की घोषणा और महिलाओं को 1000-1000 रुपये की घोषणा है, जिसे गलत  कहा जा रहा है । महिला वाली योजना में 10 हजार करोड़ का खर्चा आएगा और बिजली वाले में 2500 से 3000 करोड़ का खर्चा आएगा, तो 12-12.5 हज़ार करोड़ की मैंने घोषणा की है।  और, 54 हज़ार करोड़ अभी अतिरिक्त कहां से आएगा, यह भी आपको बता दिया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि तीन लाख करोड़ का कर्जा खत्म करेंगे और पंजाब के पूरे बजट को पॉजिटिव लाएंगे।
पंजाब चुनाव के बाद शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  से मुलाकात की थी। भगवंत मान ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पंजाब की बदहाल आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 2 साल के लिए हर साल 50 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की थी। वहीं, हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में जब अरविंद केजरीवाल से भगवंत मान द्वारा केंद्र सरकार से 50 हज़ार करोड़ के पैकेज की मांग को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जनता से किया एक-एक वादा पूरा करेंगे, चाहे कहीं से भी पैसा लाएं। अगर वादा न पूरा करें तो अगली बार वोट मत देना। केजरीवाल ने कहा कि देश में पैसे की कोई कमी नहीं है। केंद्र का पैसा भी जनता के टैक्स का पैसा है। केंद्र का पैसा किसी के पिता जी का नहीं है। दिल्ली वाले 1.80 लाख करोड़ रुपये आयकर देते हैं। यह दिल्ली वालों का पैसा है।
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