ऐसे रखें ध्यान गर्मियों में त्वचा का

ग्रीष्म ऋतु आरम्भ हुई नहीं कि गर्मी और पसीना शुरू हो जाते हैं। त्वचा पर ऋतु परिवर्तन का प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आने लगता है। ग्रीष्म ऋतु में त्वचा के सौंदर्य की देखभाल की विशेष आवश्यकता होती है इसलिए ग्रीष्म में त्वचा के सौंदर्य के प्रति सजग रहना चाहिए। 
अगर आप बाजार के महंगे प्रसाधनों को नहीं खरीद सकती तो आप घर पर भी ऐसे घरेलू प्रसाधन तैयार कर सकती है जिनसे आपकी त्वचा कांतिमय, स्वस्थ व चमकदार रहे। ग्रीष्म ऋतु में त्वचा की देखभाल के लिए कुछ घरेलू उपाय प्रस्तुत हैं:-
ग्रीष्म काल में नियमित रूप से शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करने से उष्णता का प्रभाव नहीं पड़ता और त्वचा स्निग्ध व मुलायम रहती है।
शरीर को तेज धूप से बचाना चाहिए। अगर आप कहीं बाहर जा रहीं हैं तो कोई सन स्क्र ीन लोशन लगा कर जाएं। इससे सूर्य की तेज किरणों का प्रभाव त्वचा पर नहीं रहता। आंखों पर धूप का चश्मा लगा कर व छाता लेकर बाहर जाएं।
अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो मुल्तानी मिट्टी का लेप बना कर चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा को ठंडक मिलेगी और चेहरा कांतिमय और चमकदार बनेगा।
त्वचा के लिए खीरा भी बहुत लाभदायक है। खीरे के रस को गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं। 15 मिनट तक इसे लगा रहने दें फिर ताजे पानी से चेहरा धो डालें। चेहरे पर एक विशेष कांति आ जाएगी।
गर्मी में तैलीय त्वचा पर मुंहासे निकल आना एक आम बात है। मुंहासों पर नियमित तुलसी का रस लगाने से विशेष लाभ होगा।
एक दिन में कम से कम सात-आठ बार ठंडे पानी से मुंह धोएं और उसे किसी कपड़े से पोछें मत बल्कि प्राकृतिक रूप से सूखने दें। इससे त्वचा में नई ताजगी महसूस होगी।
गर्मियों में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए जिससे आपकी त्वचा स्निग्ध रहती है व स्वास्थ्य लाभ होता है।
गर्मियों में नीम की पत्तियों को पीस कर उसके रस को शरीर पर लगाएं। तत्पश्चात ठन्डे पानी से नहा लें। गर्मियों में प्राय: फोड़-फुन्सियों की समस्या के लिये यह लाभप्रद है।
गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक के स्थान पर लस्सी, जूस व नींबू पानी का विशेष लाभप्रद है। इससे शरीर निरोग रहता है व थकान मिट जाती है। चेहरे पर निखार लाने के लिए व तैलीयता कम करने के लिए प्रतिदिन हल्दी, नींबू का रस व बेसन को मिलाकर इसका उबटन चेहरे पर लगाएं। प्राकृतिक वस्तुओं का सेवन हर दृष्टि से शरीर व सौंदर्य के लिए बेहतर है। 
(उर्वशी)