आदमपुर उप-चुनाव हेतु पूरी शक्ति लगा रहे हैं सभी राजनीतिक दल

हरियाणा में होने जा रहे आदमपुर उपचुनाव के प्रचार ने पूरा जोर पकड़ लिया है। भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के पौत्र व पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा ने भव्य बिश्नोई की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान जी-जान से लगे हुए हैं। लेकिन हुड्डा गुट के अलावा अभी तक पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी और कैप्टन अजय सिंह अभी तक कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में कहीं नजर नहीं आए। 
इनेलो की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला उनके विधायक बेटे अभय चौटाला व पार्टी के अन्य नेताओं ने पूरी ताकत से प्रचार अभियान चलाया हुआ है। इधर, आम आदमी पार्टी ने भी सांसद डॉ. सुशील गुप्ता के नेतृत्व में प्रदेश के सभी कार्यकर्त्ताओं को पूरी ताकत से चुनाव अभियान में झोंक रखा है। भाजपा जहां आदमपुर सीट जीतकर विधानसभा में अपनी संख्या 40 से बढ़ा कर 41 करना चाहती है वहीं प्रदेश में हुए पिछले 2 उपचुनावों में भाजपा प्रत्याशियों की हार का द़ागभी धोना चाहती है।  हुड्डा गुट आदमपुर सीट जीत कर यह दिखाना चाहता है कि आने वाले 2024 के चुनाव में भाजपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस ही प्रमुखता से सामने नजर आए। इनेलो प्रदेश में अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए और आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपना जनाधार पाने के लिए चुनाव मैदान में पूरी ताकत झोंके हुए हैं। कुलदीप बिश्नोई पिछली बार कांग्रेस टिकट पर आदमपुर से चुनाव जीते थे और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर कुलदीप बिश्नोई द्वारा दिए गए इस्तीफे के चलते यह उपचुनाव हो रहा है। इस समय सभी की नजरें फिलहाल आदमपुर उपचुनाव पर लगी हुई हैं।
गुरमीत राम रहीम की दीवाली
सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इन दिनों 40 दिन की पैरोल पर है और वह यूपी के बरनावा स्थित डेरे में अपने पैरोल की अवधि को गुजार रहा है। 5 साल के बाद पहली बार गुरमीत राम रहीम ने जेल से बाहर दिवाली मनाई है। बरनावा डेरे से गुरमीत राम रहीम न सिर्फ ऑनलाइन डेरे के प्रेमियों से जुड़ रहा है बल्कि प्रवचन के नाम पर डेरा प्रेमियों के सवालों के जवाब भी दे रहा है। दिवाली की रात गुरमीत राम रहीम ने सतसंग में भजन भी गाए और ‘साडी नित दिवाली’ के नाम से एक विशेष गाना भी लांच किया। डेरा प्रमुख को दी गई पैरोल को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पैरोल लेना हर कैदी का अधिकार है और जेल मैनुअल के अनुसार ही सभी कैदियों को पैरोल व फरलो मिलती है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को करीब सवा 5 साल पहले दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल कैद की सजा सुनाई गईर्र्र् थी। उसके बाद डेरा प्रमुख को रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अगस्त 2017 से लेकर अब तक डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोहतक जिले की सुनारिया जेल में ही रहा और अब पहली बार 5 साल के बाद वह जेल से बाहर आकर दिवाली मना रहा है। डेरा के प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में गुरमीत राम रहीम ने अपनी 5 साल की जेल यात्रा को रूहानी यात्रा का नाम दिया है और यह भी कहा कि वह अपनी जिंदगी पर जल्द ही एक किताब लांच करेगा। डेरा प्रबंधकों द्वारा डेरा प्रमुख के ऑनलाइन सतसंग के ज़रिये फिर से डेरा प्रेमियों को डेरे से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
नगरपालिका कर्मचारियों की हड़ताल
प्रदेश के नगरपालिका कर्मचारी इन दिनों हड़ताल पर चल रहे हैं। कर्मचारी हड़ताल को एक सप्ताह हो गया है और इस हड़ताल में नगरपालिकाओं, नगर परिषदों और नगर निगमों के अलावा अग्निशमन कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं। वैसे दिवाली के त्यौहार पर लोग अपने घरों के साथ-साथ गली-मोहल्लों व शहरों और कस्बों को खूबसूरत बनाने पर जोर देते हैं लेकिन इस बार नगरपालिका कर्मचारियों की हड़ताल के चलते दिवाली के मौके पर प्रदेश के शहर व कस्बे गंदगी से भर गए और जगह-जगह कूड़ा-कर्कट के ढेर लग गए। 
कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी समय से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह कर रहे थे। कर्मचारियों ने दिवाली से पहले प्रदेश में दो दिन की हड़ताल करने का ऐलान कर रखा था। कर्मचारी यह भी चेतावनी दे रहे थे कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को बातचीत से न सुलझाया तो वे अपनी हड़ताल को आगे बढ़ाने को मजबूर हो जाएंगे और हड़ताल के साथ-साथ प्रदेश भर में उल्टा झाड़ू लेकर आन्दोलन करते हुए काली दिवाली मनाएंगे। सरकार व कर्मचारियों के बीच कोई सहमति न बन पाने के कारण कर्मचारियों ने अपना आन्दोलन आगे बढ़ा दिया और फिल्हाल बीच का कोई रास्ता निकल नहीं पाया है। नगरपालिका कर्मचारियाें की हड़ताल के चलते प्रदेशभर में त्यौहारों के मौके पर जहां गंदगी के ढेर लग गए हैं, वहीं बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और कर्मचारियों के बीच बातचीत में जल्द कोई बीच का रास्ता निकल आए और लोगों को गंदगी से निजात मिल जाए। 
पंचायत चुनाव
अब की बार प्रदेश में पंचायत चुनाव 3 चरणों में होने जा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है जब पंचायत के चुनाव 3 चरणों में होंगे। इससे पहले पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव एक ही चरण में हुआ करते थे। पहले चरण में 9 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हो रहे हैं और 9 जिलों में ही दूसरे चरण के चुनाव होंगे। तीसरे चरण के चुनावों की घोषणा होनी अभी बाकी है। तीसरे चरण के दौरान प्रदेश के 4 जिलों में चुनाव करवाए जाएंगे। प्रदेश में हो रहे आदमपुर उपचुनाव के चलते आदमपुर से संबंधित हिसार जिले के साथ लगते जिलों में भी फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं हो रहे। जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्यों और सरपंचों के चुनाव ईवीएम से होने जा रहे हैं जबकि पंचों के चुनाव बैलेट पेपर से होंगे।
 हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयुक्त ने इन चुनावों की घोषणा करते हुए बताया कि चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए करीब 36 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पहले चरण का चुनाव जहां इस समय अंतिम दौर में चल रहा है, वहीं दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया भी चल रही है। दूसरे चरण के लिए जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों का मतदान 9 नवम्बर को और सरपंच व पंच पद के लिए मतदान 12 नवम्बर को होगा। इस समय पंचायत चुनावों के चलते प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है और उम्मीदवारों के लिए शैक्षणिक योग्यता भी तय की गई है। फिलहाल विभिन्न राजनीतिक दल अपने सिम्बल पर चुनाव लड़ने की बजाय पार्टी कार्यकत्ताआें को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारकर उन्हें अपनी तरफ से समर्थन देने में लगे हुए हैं। पूरे प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं के चलते माहौल चुनावमय हो गया है। 
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