रहस्य की हज़ार कहानियों में लिपटी मोनालिसा की पेंटिंग कला


 अमरीका हो या अफगानिस्तान, भारत हो या ब्राजील, अगर दुनिया की सबसे अच्छी पेंटिंग का सवाल हो तो लोगों की जुबान पर एक ही नाम आता है- मोनालिसा... मोनालिसा... मोनालिसा। जी हां, मोनालिसा यानी ‘माई लेडी’ निर्विवादित रूप से दुनिया की सबसे मशहूर पेंटिंग है। सवाल है आखिर इस पेंटिंग में ऐसी क्या खास बात है, जिससे दुनिया की कोई दूसरी पेंटिंग दूर-दूर तक इसका मुकाबला भी नहीं कर पाती? इस सवाल का एक ही जवाब है- अनगिनत रहस्य। जी हां, अगर कहा जाए कि मोनालिसा की पेंटिंग हजारों रहस्यमी कहानियाें में लिपटी है, तो यह महज मुहावरा नहीं होगा बल्कि वास्तविकता होगी। शायद ही दुनिया की किसी दूसरी पेंटिंग के साथ इतनी कहानियां नत्थी हों, जितनी कहानियां इस मोनालिसा की पेंटिंग से जुड़ी हुई हैं। 
मोनालिसा की पेंटिंग दरअसल अपने आप में एक रहस्य है। आज भी दुनिया में कम से कम जितने लोग मोनालिसा की पेंटिंग को असली मानते हैं, उससे कहीं ज्यादा इसे नकली या डुप्लीकेट मानने वाले लोग हैं। मोनालिसा की मुस्कान को लेकर ही कम से कम एक हजार या इससे ज्यादा अलग अलग कहानियां हैं। दुनिया की कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां इस पेंटिंग के बारे में लोग न जानते हों और इसकी रहस्यमयता के किस्सों से उनकी आंखों के पुतलियां बढ़ न जाती हों। मोनालिसा की मुस्कान को लेकर पहली कहानी तो यही है कि आप चाहे जिस एंगल से देखें, यह बिल्कुल अलग ही दिखायी देती है। कहानियों के मुताबिक पहली नज़र में मोनालिसा की मुस्कान काफी ज्यादा दिखती है। फिर हम जब लगातार इसे देखते रहते हैं तो यह धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगती है और एक ऐसा वक्त भी आता है कि ये गायब हो जाती है। कुछ लोगों ने तो अपना अनुभव यह भी बताया है कि मोनालिसा की पेंटिंग को जब वह लगातार देखते रहे तो यह खिलखिलाकर हंसने लगी और फिर अगले ही पल मौन हो गई।
500 साल पहले इटली के मशहूर पेंटर लियोनार्दो द विंची ने इसे बनाया था। उन्हें इसे बनाने में पूरे 14 साल लगे थे और इन 14 सालों में 12 साल तो उन्हें मोनालिसा के होंठ बनाने या गढ़ने में ही लगे थे। इस तरह देखें तो मोनालिसा की पेंटिंग का बनना भी एक रहस्यमयी कहानी है। आखिर 12 साल किसी पेंटिंग के एक हिस्से को बनाने में कैसे लग सकते हैं? वैसे मोनालिसा की पेंटिंग शुरु में इतनी लोकप्रिय नहीं थी। वह फ्रांस के जिस लूव्र म्यूजियम में थी, वहां उसे बहुत कम लोग देखने आते थे। लेकिन 21 अगस्त 1911 को मोनालिसा की यह पेंटिंग चोरी हो गई और इस चोरी ने इसे दुनिया की सबसे महान पेंटिंग बना दिया। इस चोरी के कारण इस पेंटिंग के बारे में सनसनी फैल गई। सबसे पहले तो लूव्र जैसे विशाल और सुरक्षित संग्रहालय से कोई पेंटिंग चोरी हो गई, यह अपने आपमें एक रहस्यकथा थी। इतने सुरक्षित संग्रहालय से जो पेंटिंग चोरी की गई, वह कितनी महत्वपूर्ण रही होगी, इस अनुमान ने भी मोनालिसा पेंटिंग को रातोंरात पूरी दुनिया में फेमस कर दिया।
इस पेंटिंग के चोरी हो जाने के बाद के घटनाक्रम ने भी इसे बहुत लोकप्रिय बनाया। सबसे पहले तो यह बात आश्यर्चयजनक लगती है कि पेंटिंग के चोरी हो जाने के बाद भी 24 से ज्यादा घंटों तक किसी को इस बारे में कुछ पता ही नहीं चला। जब एक आर्टिस्ट मोनालिसा की पेंटिंग को देखकर उसकी कॉपी करने के लिए संग्रहालय पहुंचा तब संग्रहालय के लोगों को पता चला कि मशहूर मोनालिसा पेंटिंग तो वहां है ही नहीं। लोग यह जानकर और सुनकर भी दंग रह गये। उन दिनों दुनिया के सबसे बड़े पेंटर पाब्लो पिकासो माने जाते थे। पेरिस की पुलिस ने उनसे बार-बार और कई बार सवाल जवाब किये, तब कहीं जाकर उन्हें यकीन हुआ कि इस चोरी में उनका कोई हाथ नहीं है।
 कुछ दिन बाद पता चला कि मोनालिसा की पेंटिंग को म्यूजियम में ही कार्य कर रहे विन्सेंजो नामक कर्मचारी चुरा ले गया था। इसे अंजाम देने के लिए वह इस महाकाय संग्रहालय में अपने आपको एक दिन अलमारी में छिपा लिया और बाहर का दरवाजा बंद हो जाने के बाद वह शख्स पूरी रात अकेले इस म्यूजियम में रहा। अगले दिन सुबह विन्सेंजो मोनालिसा की पेंटिंग को अपने कोट के अंदर छिपाकर संग्रहालय से बाहर ले गया। विन्सेंजो को इस पेंटिंग की चोरी के लिए सात महीने की सजा मिली। लेकिन उसकी इस चोरी ने इटली में राष्ट्रवाद के एक नये रूप का जन्म दिया। इटली के लोगों के दिल में इस पेंटिंग के चोर विन्सेंजो पेरुगिया के प्रति बहुत कृतज्ञता का भाव आया। लोगों ने सोचा देशभक्त को ऐसा ही होना चाहिए। लेकिन मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर ये कोई बड़ी कहानियां नहीं है। इसको लेकर एक से एक बड़ी कहानियां हैं। 23 जून 1852 में लुकमा स्पैरो नाम का एक नौजवान आर्टिस्ट पेरिस ने एक होटल की चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। मरने से पहले उसने बताया कि वह मोनालिसा की रहस्यमयी मुस्कान का दीवाना था। वह उसकी सुंदरता पर मोहित था। उसने एक लंबा सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसके मुताबिक वह सालों मोनालिसा की पेंटिंग के प्यार में गिरफ्त रहा।  कुछ साल पहले एक डॉक्टर ने इस रहस्य को उजागर करके पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया कि मोनालिसा की रहस्यमयी मुस्कान का राज है- उसके ऊपर के दांतों का टूटा होना। इस डॉक्टर के मुताबिक इसीलिए उसका ऊपरी होंठ थोड़ा दबा हुआ है। 
सन् 2000 में मोनालिसा की पेंटिंग से हार्वर्ड के एक न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. मार्गरेट ने पर्दा उठाया और उसका यही कहना था कि मोनालिसा की मुस्कान नहीं बदलती दरअसल उसे देखते हुए लोगों का माइंड सेट बदल जाता है। मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर इतनी कहानियां हैं कि अगर इन कहानियों को कागज में उतारा जाए तो बहुत मोटे-मोटे कई महाग्रंथ बन जाएंगे। मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर इतनी कहानियां प्रचलित हैं कि समझ में ही नहीं आता कि कौन सी कहानी सही है और कौन सी कहानी बस सिर्फ  कहानी है। इससे यही कहा जा सकता है कि मोनालिसा की पेंटिंग अपने आपमें रहस्य के पर्दे में लिपटी हजारों कहानियों का गुच्छा है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर