खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से चिंतित है बसपा 


2024 के लोकसभा चुनावों हेतु बसपा दलितों तथा मुसलमानों में अपना खो चुका आधार पुन: हासिल करने का पूर्ण प्रयास कर रही है। बसपा ने सीटों के लिहाज़ से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी हार दर्ज करने के बाद, 403 के संसदीय सदन में सिर्फ एक सीट जीतने तथा 2022 में सिर्फ 12.8 प्रतिशत मत हासिल करने के बाद, पिछड़ी जातियों की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में दलित तथा मुस्लिम मतों पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने की योजना बनाई है। 
जबकि कांग्रेस ने गम्भीर आंतरिक पुनर्गठन तथा दलितों तक  सम्पर्क शुरू किया है, तभी से बसपा प्रमुख मायावती अपने मूल दलित मतों को लेकर पूरी तरह गम्भीर तथा चिंतित है। कांग्रेस के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा इसके उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजलाल ़खाबरी दोनों ही दलित हैं। कांग्रेस के उच्च पदों पर दो दलितों की नियुक्ति के बाद मायावती ने सबसे पुरानी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने समूचे इतिहास के दौरान कांग्रेस ने हमेशा पिछड़े समुदायों तथा उनके नेता तथा दलितों के मसीहा डा. भीम राव अम्बेदकर को अनदेखा किया है। हालांकि यह याद रखना चाहिए कि दलित बसपा के गठन से पूर्व कांग्रेस के पारम्परिक मतदाता थे। हालांकि पिछले कुछ चुनावों में ़गैर-जाटव दलितों का एक बड़ा वर्ग भाजपा की तरफ झुक गया तथा कुछ जाटव मत भी बसपा, भाजपा, समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस में बंट गये हैं। यदि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एक बार पुन: सत्ता में आती है तो दलितों को इसके साथ जोड़ा जा सकता है, जो भविष्य में बसपा को और कमज़ोर कर सकता है। 
केजरीवाल की गारंटियां
पूर्वांचली मतदाता, जो दिल्ली में सबसे बड़े वोट बैंक में से एक है, को ‘आप’, भाजपा तथा कांग्रेस द्वारा अलग-अलग वायदों पर गारंटियों से लुभाया जा रहा है, जिससे एम.सी.डी. (दिल्ली नगर निगम) चुनावों की राजनीति और गर्मा गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने छठ पूजा कमेटी के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए पूर्वांचलों से 4 दिसम्बर को होने वाले एम.सी.डी. चुनावों में पार्टी को अपना आशीर्वाद देने की अपील की। इस दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ‘एम.सी.डी.’ में भी केजरीवाल के नारे के तहत मार्च, सार्वजनिक बैठकें  तथा घर-घर जाकर प्रचार करने में व्यस्त हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आने वाले एम.सी.डी. चुनावों के दृष्टिगत 10 गारंटियां दी हैं, जिसमें पार्किंग की समस्या को हल करना, सड़कों की मुरम्मत करना, एम.सी.डी. स्कूलों तथा अस्पतालों में सुधार करना, पार्कों को सुंदर बनाना तथा समय पर वेतन का भुगतान करना शामिल हैं।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर उत्साह
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में शांति एवं सद्भावना के लिए तथा ऩफरत की राजनीति के विरुद्ध चल रही राजनीतिक पद यात्रा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 23 नवम्बर को पड़ोसी महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के बोदरली गांव में दाखिल हुई। इस दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने मध्य भारतीय प्रदेश में 12 दिवसीय यात्रा की पारम्परिक शुरुआत करने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ को तिरंगा सौंपा तथा यहां से यह यात्रा राजस्थान में प्रवेश से पहले 380 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस अवसर पर राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा देश में फैलाई जा रही ऩफरत, हिंसा और भय के ़िखलाफ है। हमने कन्याकुमारी से तिरंगा हाथ में लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की है। इस तिरंगे को श्रीनगर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। 
राहुल का बचाव
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश पार्टी में संकटमोचन हनुमान के नाम से प्रसिद्ध हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि उन्होंने ब्रिटिश शासकों की मदद की और भयभीत होकर उन्होंने अपने रहम की अपील लिखी। जयराम रमेश ने राहुल गांधी का समर्थन एवं बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को निशाना नहीं बनाया, अपितु सिर्फ एक ऐतिहासिक तथ्य को उजागर किया। रमेश ने कहा कि गांधी ने सावरकर का ज़िक्र इस संदर्भ में किया था कि कैसे आदिवासी नेता बिरसा मुंडा ने अंग्रेज़ों के साथ समझौता नहीं किया, जबकि सावरकर ने रहम की अपील पर हस्ताक्षर किये थे, जो कि एक सच्चाई है। 
(आई.पी.ए.)