कहीं जासूस, कहीं दोस्त, कहीं दुश्मन किन-किन रूपों में आते हैं एलियन !

स्कॉटलैंड के स्टर्लिंग शहर में इस साल की शुरुआत में यह बहस बहुत तेज़ हो गई कि एक दो नहीं यहां हजारों की तादाद में एलियन आते हैं। शहर के दो चार दस लोग नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कम से कम 4 से 5 बार किसी दूसरे ग्रह से आने वाले लोगों से मिले हैं, उनसे हाथ मिलाया है। कुछ लोगों को उनके रहस्यमयी एयरक्रॉफ्ट की बारीक डिजाइन तक याद हैं। कुछ लोगों का कहना था कि एलियन ने उन्हें गले से लगाया। शहर के एक दो नहीं छह हजार से ज्यादा लोगों ने इस तरह के दावे किये और कहा कि यह सिलसिला पिछले 20 सालों से चल रहा है। 
* कुछ साल पहले अमरीका के रक्षा विभाग पेंटागन ने उन खबरों का खंडन किया था कि उसके पास दूसरे ग्रह से आने वाले एलियंस की कुछ सीक्रेट फाइलें हैं और यह भी कि उसने कुछ एलियंस को बंधक बना रखा है। लेकिन पेंटागन कुछ भी कहे अमरीका में कोई यह मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि एलियंस नहीं होते। कुछ ही दिनों पहले एक अमरीकी ने दावा किया है कि एक दो नहीं बल्कि 20 साल तक कुछ एलियंस ने उसकी आंखों में इंजेक्शन लगाकार उसे बेहोश कर देते थे और फिर उस पर शोध करते थे। टोनी रोड्रिगुएस नामक इस शख्स के मुताबिक जब वह 10 साल का था, तब यह सिलसिला शुरु हुआ और उसकी 30 साल की उम्र तक यह सिलसिला चलता रहा। उसके मुताबिक छिपकलियों जैसी शक्ल वाले एलियंस उसका अकसर अपहरण कर लेते थे। 
* दिसम्बर 2018 में पुणे के एक शख्स ने पीएमओ को लेटर लिखकर दावा किया उसने अपने घर की खिड़की के बाहर एक एलियन को देखा है, जो धरती की महत्वपूर्ण जानकारियां अपने ग्रह भेज रहा था। इस शख्स ने कहा कि उसकी बात पर यकीन किया जाए और इसकी गहराई से पड़ताल हो कि यह कौन था? पीएमओ से महाराष्ट्र सरकार को इस संबंध में कार्यवाही करने के लिए कहा गया तो महाराष्ट्र सरकार ने पुणे के सिंघगढ़ रोड पुलिस थाने से इस मामले में जांच करने के लिए कहा। इस जांच के बाद इस थाने के एक अधिकारी के मुताबिक जिस व्यक्ति ने पीएमओ को लेटर लिखा था, वह मानसिक बीमारी से पीड़ित था और अपना संतुलन खो बैठा था। लेकिन उस शख्स ने इस बात से इंकार किया कि वह मानसिक रूप से परेशान है। उसके मुताबिक अपने बंगले के बाहर उसने पेड़ों में रोशनी देखी और जब वो उसके नज़दीक गया तो पता चला वह एक एलियन है। 
पिछले करीब 100 सालों से भले धरती के बाहर का कोई इंसान आज तक हमें सबूत के तौर पर न मिला हो, लेकिन दूसरे ग्रह के लोगों की धरती में आने की पिछले सौ सालों में दस लाख से ज्यादा कहानियां सामने आ चुकी हैं। हर कहानी हकीकत के इतनी नज़दीक लगती है कि एकबारगी उस पर अविश्वास करना मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह यह है कि एलियन जिन लोगों को मिले हैं, उन सबकी कहानियां एक जैसी नहीं हैं। ये कहानियां इतनी विविध और सहजता के इतने करीब हैं कि सोचा ही नहीं जा सकता कि ये काल्पनिक होंगी। लगता है वाकई कोई बहुत बड़ी आंख मिचौली चल रही है, जिसमें एलियन रह रहकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं और साइंस बार-बार इन्हें खारिज करता है, क्योंकि ये साइंस की पकड़ में नहीं आते।
दुनिया में एलियंस को लेकर ये कहानियां इसलिए भी ध्यान खींचती हैं, क्योंकि ये सारी कहानियां न तो मानसिक रूप से बीमार लोग सुनाते हैं, न ही ये बहुत चालाक और रहस्यमयी व तेजतर्रार लोग होते हैं। एलियंस से जुड़ी अपनी कहानियां सुनाने वाले ये लोग इतने आम और रोजमर्रा की दुनिया में सबसे कम बातें बनाने वाले सहज लोग होते हैं। इसलिए अंतिम रूप से हम इस निष्कर्ष पर पहुंच ही नहीं पाते कि सही क्या है? अमरीका से लेकर हिंदुस्तान तक के अगर बहुत ही आम लोग, बहुत गंभीरता से एलियनों से जुड़े अपनी मुलाकातों की कहानियां और अनुभव सुनाते हैं तो लगता है कुछ न कुछ कहीं न कहीं तो कोई ऐसी सच्चाई है, जिसे अभी हम यानी विज्ञान की आंखें देख और पकड़ नहीं पा रहीं। करीब दो दशक पहले की बात है। अमरीका में ग्रांट्स स्थित डबल सिक्स गैलेरी में देश के अलग-अलग कोनों से आकर 10 लोग इकट्ठा हुए। गिनती में ये भले महज दस थे, लेकिन देश के ये बिल्कुल अलग-अलग हिस्सों से आए थे और अब के पहले कभी एक दूसरे को मिले या देखा तक नहीं था। 
वास्तव में इन सब लोगों के पास एलियन से जुड़ी अपनी निजी कहानियां थीं। ऐसी कई कहानियाें में एक ग्रांट्स के पूर्व निवासी रॉबर्ट एलन सुनाते हैं। उनके मुताबिक साल 1990 में एलियन ने उसका अपहरण किया था। रॉबर्ट के मुताबिक, ‘वे दीवार में से होकर आए और मुझे अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा कि हम तुम्हें चाहते हैं। बड़ी मुश्किल से मैंने खुद को उनसे छुडा पाया था।’ एलन के अनुसार दूसरे ग्रह के प्राणी मनुष्य के डीएनए में बदलाव करने का प्रयास कर रहे हैं। वे पृथ्वी पर परमाणु शक्ति से विध्वंस न हो, ऐसी कोशिश भी करने में जुटे हैं। एलन का विश्वास है कि मनुष्य भी पृथ्वी के मूल निवासी नहीं है। वो कहता है ‘हम भी दूसरे ग्रहों से यहां आए या लाए गए हैं। यही कारण है कि दूसरे ग्रह के प्राणी भी हमारे जैसे हैं। वे यहां इसलिए आते हैं, क्योंकि पृथ्वी अन्य ग्रहों से कहीं ज्यादा सुंदर है।’ एलन का कहना है कि अमरीकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर तथा राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ही नहीं, एडॉल्फ हिटलर ने भी इन एलियंस को देखा था।
दरअसल एलियंस को लेकर कहानियां इतने ब्लैक एंड व्हाइट तरीके से आगे बढ़ती हैं कि जो लोग इन पर यकीन करते हैं, उनके पास न यकीन करने का कोई कारण नहीं है। जबकि जो लोग इन पर यकीन नहीं करते और एलियंस की मौजूदगी को महज कपोल कल्पना मानते हैं, उनके पास बड़ा तर्क यह है कि अगर एलियन धरती पर आते हैं तो आज तक किसी एलियन को पकड़कर सार्वजनिक रूप से एक साथ बहुत सारे लोगों को क्यों नहीं दिखाया गया? सोचने पर यह बात भी सही लगती है। यही वजह है कि एलियंस की कहानी आधी हकीकत और आधा फसाना बनकर रह गई है। जिसमें कभी लगता है कि जल्द ही वह दिन आयेगा जब यह आधी हकीकत पूरा फसाना बनेगा, तो कभी लगता है कि हम अंतत: इस कहानी को कहानी मानकर भुला देंगे।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर