शरीर पर अनेक दुष्प्रभाव डालती हैं नशीली दवाएं

प्रत्येक वर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ  अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों के नशे के दुष्प्रभाव और जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके। नशीले पदार्थों के निवारण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसम्बर, 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल 26 जून को लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। सबको पता होना चाहिए कि किस तरह से नशे का आदी होना अथवा अत्याधिक सेवन व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता है।
नशा शरीर को अंदर से खोखला कर देता है। नशे की अधिक मात्रा लेने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। जानिए कि कैसे सभी प्रकार के ड्रग्स आपके तंत्रिक तंत्र (नर्वस सिस्टम) को प्रभावित करते हैं।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग से आपका दिमाग सही से काम करना बंद कर देता हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज (एन.आई.डी.ए.) की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेन स्टेम, लिम्बिक सिस्टम और सेरेब्रल कॉर्टेक्स सभी प्रभावित होते हैं। ब्रेन स्टेम आपके रोजाना जीवन के कार्यों को नियंत्रित करता हैं, जिसमें नींद, श्वास और हृदय गति शामिल है जबकि लिम्बिक सिस्टम आपकी भावनाओं को कंट्रोल करता हैं। जितना ज्यादा नशे का उपयोग किया जाता है, उतना ही वह ब्रेन स्टेम और लिमबिक सिस्टम को प्रभावित करने लगता है। यह आपको अडिक्शन या लत्त का शिकार बनाने लगता है। इसके स्वास्थ्य पर कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। तो आओ जाने कि ड्रग्स किस तरह से शरीर और दिमाग दोनों को प्रभावित करने लगता है।
डोपामाइन ड्रग्स न्यूरोट्रांसमीटर (स्नायुसंचारी) मूड को नियंत्रित करने के साथ ही शरीर को बहुत सक्रिय कर देता है। इसे लेने के बाद बहुत आनंद की अनुभूति होती है। अगर लम्बे समय तक डोपामाइन को लिया जाए तो यह उच्चरक्त चाप की बड़ी वजह बनती है और यह हार्ट से लेकर किडनी और लिवर तक के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। 
मारिजुआना या गांजा सबसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अवैध नशा है। एनआईडीए की रिपोर्ट के अनुसार इसका उपयोग किशोरों और युवा वयस्कों में विशेष रूप से आम है। यह आपकी अल्पकालिक स्मृति का प्रबंधन करता है, जिसका अर्थ है कि मारिजुआना का उपयोग हाल की घटनाओं की याद में बाधा डाल सकता है। मारिजुआना के अधिक सेवन से मनोदशा में बदलाव, मेमोरी लॉस और स्पष्ट रूप से सोचने और समस्याओं को हल करने में परेशानी होने लगती है। मारिजुआना के मस्तिष्क पर कई दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी होते हैं, जो विशेष रूप से उन व्यक्तियों में प्रचलित हैं जो ब्रेन के पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही इसका सेवन करने लगते हैं। गांजा एक मादक पदार्थ है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है। इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक के रूप में किया जाता है। मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों एवं तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य है। गांजा का सेवन करने पर व्यक्ति की उत्तेजना बढ़ जाती है। गांजे मे मिलाई जाने वाली तम्बाकू कर्क रोग का प्रमुख कारण है। 
किसी भी प्रकार के नशे से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले नशा करने वाले व्यक्ति का प्रयास आवश्यक है, क्योंकि जब तक वह स्वयं नहीं चाहेगा, कोई और उसका नशा नहीं छुड़ा पाएगा। सबसे पहले मन में वह दृढ़ निश्चय कर ले कि वह नशा छोड़ना चाहता है। सबसे खास बात यह कि अकेले बिल्कुल नहीं रहना चाहिए। व्यक्ति को अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करने का प्रयास करना चाहिए।