क्रिकेट का कोहिनूर विराट कोहली

विराट कोहली का क्रिकेट के मैदान में जुझारू तरीके से खेलने के अलावा एक दूसरा भी चेहरा है। वे जब नहीं खेल रहे होते या कहें कि फुर्सत में होते हैं तो वे सपरिवार वृंदावन जाना पसंद करते हैं। विराट कोहली वृंदावन में श्री परमानंद जी का आशीर्वाद लेने जाते हैं। वे ऋषिकेश में दयानंद गिरि आश्रम में भी जाते हैं। दयानंद गिरि आश्रम में विराट और उनकी पत्नी अनुष्का तीन बार यात्रा कर चुकी है। वे इस साल के आरंभ में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर भी पहुंचे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट कोहली ने आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। विराट कोहली ने गले में रुद्राक्ष की माला भी धारण की है। 
अगर विराट कोहली की शख्सियत इस पक्ष से हटकर बात करें तो वे आजकल अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सारी दुनिया की क्रिकेट के सबसे सम्मानित खिलाड़ी बन चुके हैं। विराट कोहली का 5 नवम्बर को 35वां जन्म दिन है। उस दिन वे कोलकाता के ईडन गार्डन के मैदान में खेल रहे होंगे। उनके क्रिकेट मैदान की शतकों का उनके करोड़ों फैंस को इंतजार रहता है। क्या विराट कोहली अपने जन्म दिन पर साउथ अफ्रीका के साथ होने वाले मुकाबले में शतक लगाएंगे? विराट कोहली वनडे क्रिकेट में एक महारिकॉर्ड से एक शतक दूर हैं। पहले वे इस रिकॉर्ड से महज 5 रन दूर रह गए थे और श्रीलंका के खिलाफ वह महज शतक से 12 रन दूर रह गये। विराट के नाम वनडे में 48 शतक दर्ज हैं, सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड 49 का है जो सचिन तेंदुलकर के नाम है।
 अपनी तमाम उपलब्धियों के बावजूद विराट कोहली की विनम्रता अनुकरणीय है। वे बिशन सिंह बेदी के सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करते थे। दिल्ली क्रिकेट के केन्द्र फिरोजशाह कोटला मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में विराट कोहली कई बार बेदी के चरण स्पर्श करते हुए देखे गए थे। उन्होंने यह मुकाम परिश्रम, साधना और पक्के इरादे से पाया था। विराट कोहली का संबंध दिल्ली के एक सामान्य बिजनेस करने वाले परिवार से है। उनका बचपन पश्चिम विहार की एलआईसी कॉलोनी में गुजरा। विराट के पापा प्रेम कोहली और मां सरोज ने उन्हें अभावों के बावजूद हरसंभव आगे बढ़ने के अवसर दिए। आजकल शांत दिखने वाले विराट कोहली कुछ साल पहले तक काफी अलग थे। वे बात-बात पर आवेश में आ जाया करते थे। एक बार आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनके गुस्से का शिकार एक अंग्रेजी अखबार का पत्रकार भी हुआ था। अब विराट ने विनम्रता का सहारा लेकर अपने व्यक्तित्व में सुधार किया है।
विराट कोहली अब देश की सरहदों को पार करके दुनिया का सबसे पसंदीदा क्रिकेटर हैं। वे क्रिकेट और ब्रांड की दुनिया के बादशाह हैं। विराट कोहली स्मार्ट और हैंडसम भी हैं। उन्हें सुपर फिट रहने का जुनून है। उनसे एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी फिटनेस के बारे में पूछा। विराट कोहली का कहना था कि मुझे लगा कि अगर अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं दिया तो मेरा करियर खत्म हो जाएगा। वह बहुत नपा-तुला खाना खाते हैं। जिस व्यक्ति से प्रधानमंत्री फिटनेस के बारे में पूछे, उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसका कद क्या होगा। प्रधानमंत्री मोदी उनके विवाह में भी शामिल हुए थे।
आपको याद होगा कि इस साल मार्च के महीने में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टेस्ट शुरू होने से पहले जब भारत का राष्ट्रगान हुआ तो प्रधानमंत्री मोदी, विराट कोहली और भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा साथ-साथ खड़े थे। विराट कोहली से बड़े-बड़े ब्रांड जुड़ने के लिए बेकरार रहते हैं। विराट कोहली ने अपना पहला एड कैम्पेन 2010 में किया था। फास्ट्रैक का ये कैम्पेन उन्होंने अभिनेत्री जिनिलिया डिसूजा के साथ किया था। वो डील थी सिर्फ 25 लाख की और आज जानकार कहते हैं कि कोहली 7 करोड़ रुपये रोज़ के हिसाब से लेते हैं, किसी ब्रांड के विज्ञापन के लिए। विराट कोहली मात्र पैसे कमाने के लिए ही किसी भी उत्पाद को प्रमोट नहीं करते हैं। विराट कोहली शीतल पेय पदार्थ ‘पेप्सी’ और रंग को गोरा बनाने वाली एक उत्पाद के प्रचार करने से मना कर दिया था। विराट कोहली मानते हैं कि ये उत्पाद जंक फूड और नस्लवाद को बढ़ावा देते हैं। वे मानते हैं कि वो सिर्फ उन्हीं उत्पादों का प्रचार करेंगें, जिससे वह खुद को भावनात्मक रूप से जोड़ सकें, जिसका इस्तेमाल वह खुद भी कर सकें। 
विराट कोहली को अंडरगारमेंट्स और पान मसाला के ब्रांड्स ने भी अपना ब्रांड एंबैसेडर बनाना चाहा। लेकिन उन्होंने साफ इनकार किया। कोहली के बायें हाथ पर एक योद्धा तलवार लेकर खड़ा दिखाई देता है। ये समुरई योद्धा है। इनका संबंध जापान से माना जाता है। समुरई योद्धाओं के संबंध में कहा जाता है कि ये अपने बॉस के प्रति गहरी निष्ठा रखते है। इनके जीवन में अनुशासन का बहुत मतलब है। विराट कोहली भी किसी समुरई योद्धा से कम तो नहीं हैं। वे मैदान रूपी जंग के मैदान में पूरे जोश और बैखौफ अंदाज के साथ उतरते और लड़ते हैं। अब विराट कोहली उस बुलंदी पर पहुंच गए हैं जहां पर विपक्षी टीमें भी उन्हें प्रेम और सम्मान देती हैं। वे क्रिकेट के सर्वप्रिय खिलाड़ी बन चुके हैं। पाकिस्तान में भी उनके लाखों चाहने वाले हैं। यह खेल ही है जो देश की सीमाओं से आगे जाता है। खेल अनुशासन और बंधुत्व की भावना को मजबूत करते हैं। खेलों की दुनिया में शत्रुता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। विराट कोहली विरोधी टीमों के भी प्रिय बनकर साबित कर चुके हैं खेल जोड़ते हैं।