तेलंगाना विधानसभा चुनाव-विभिन्न पार्टियों के बीच जारी है रेवड़ियां बांटने की दौड़

भारत राष्ट्र समिति (बी.आर.एस.), कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तेलंगाना में जहां 30 नवम्बर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, में ज़ोर-शोर से प्रचार कर रही हैं। तेलंगाना में कांग्रेस ने कई वचनबद्धताएं व्यक्त की हैं, जिनमें जातिगत जनगणना करवाने तथा अन्य पिछड़ी श्रेणियों (ओ.बी.सी.) के लिये आरक्षण 42 प्रतिशत करने के साथ-साथ अनुसूचित जनजातियों (एस.टी.) के आरक्षण को बढ़ा कर 12 प्रतिशत करना आदि शामिल है। पार्टी ने प्रदेश में अनुसूचित जातियों (एस.सी.) तथा अनुसूचित जनजातियों (एस.टी.) को उप-श्रेणीबद्ध करने तथा स्थानीय संस्थाओं में पिछड़ी श्रेणियों के लिए आरक्षण को 42 प्रतिशत करने का भी वायदा किया है। 
कांग्रेस ने 6 गारंटियों का दावा किया है, जिसमें महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने के लिए ‘महालक्ष्मी’ योजना, 500 रुपये में गैस सिलेंडर तथा मुफ्त बस सेवा की पेशकश की गई है। ‘राइथू भरोसा’ योजना 15,000 रुपये प्रति एकड़ तथा अन्य कृषि लाभ किसानों तक पहुंचाने पर केन्द्रित है। ‘गृह ज्योति’ मुफ्त बिजली सुनिश्चित बनाती है, जबकि ‘इन्दरम्मा इंदलु’ तेलंगाना आन्दोलन सैनानियों के लिए आवास उपलब्ध करवाती है। ‘युवा विकासम’ नौजवानों के लिए शिक्षा सहायता पर केन्द्रित है और ‘चेयुथा’ योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैंशन तथा बीमा की गारंटी देती है। 
भाजपा ने ओ.बी.सी. मुख्यमंत्री तथा एस.सी. के उप वर्गीकरण के लिए तत्काल एक समिति बनाने का वायदा किया है। भाजपा अपने अभियान को बी.आर.एस. सरकार के शासन के दौरान अनियमितताओं की व्यापक जांच, किसान समर्थक उपायों, स्वास्थ्य पहल तथा आर्थिक पुनर्गठन पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। घोषणा-पत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा आधारभूत ढांचा योजनाएं शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि भाजपा गरीब महिलाओं के लिए वार्षिक चार मुफ्त सिलेंडर देने का वायदा भी कर रही है। दूसरी ओर बी.आर.एस. ने 15 लाख रुपये के ‘के.सी.आर. भीमा’ बीमा योजना तथा बढ़िया चावल के लिए ‘तेलंगाना अन्नपूर्णा योजना’ का वायदा किया है। राइथू बंधु के किसानों का बीमा बढ़ा कर 16,000 प्रति एकड़ करने की घोषणा की गई है, बीपीएल परिवारों के लिए सब्सिडी वाला सिलेंडर 400 रुपये में है। 
वामपंथी मोर्चे की तैयारी 
केरल में वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा (एल.डी.एफ.) सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीतिक तैयारी शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व में एल.डी.एफ. प्रदेश के लोगों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के लिए प्रदेश सरकार को लोगों तक पहुंच रखने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रम ‘नया केरल सदास’ पर उम्मीदें लगा रहा है। पूरा प्रदेश मंत्रिमंडल जनता की शिकायतों को दूर करने तथा केरल के लिए भविष्य की कार्रवाई तथा विकास योजनाओं व उसकी उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एकजुट होकर काम करेगा। सभी चुनाव क्षेत्रों में नव केरल सदन की शुरूआत से तीन घंटे पहले नामांकन काऊंटर शिकायतें स्वीकार करेंगे। 
एक आसान और सुचारू प्रक्रिया की सुविधा के लिए सीनियर नागरिकों, अलग-अलग तौर पर दिव्यांग पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग काऊंटर स्थापित किए गये हैं। पिनाराई और उनकी कैबिनेट ने अधिकारियों को 45 दिन के अंदर सभी शिकायतों का निपटारा करने के आदेश दिए हैं। लोगों तक पहुंच के लिए शुरू किया गया यह प्रोग्राम 23 दिसम्बर को तिरुवनंतपुरम के वटियूरकावू चुनाव क्षेत्र में समाप्त होगा। इस बार एल.डी.एफ. का मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाईटेड डैमोक्रेटिड फ्रंट के साथ है, जिसने 2019 के लोकसभा चुनावों में 20 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें जीती थी। एल.डी.एफ. की नज़र इस बार कम से कम आधी सीटों पर है।
कांग्रेस में फूट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत के दलितों, ओ.बी.सी., गरीबों की स्थिति का बेहतर मूल्यांकण करने और महिला आरक्षण में ओ.बी.सी. कोटे की वकालत करने के उद्देश्य से देश व्यापी जाति जणगणना करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार एक अलग राय रखती है और इसलिए इस मुद्दे पर बंटी हुई दिखाई देती है। जाति जणगणना के मुद्दे पर उप-मुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक अर्जी पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जाति जणगणना रिपोर्ट को खारिज़ करने की अपील की गई है, जिसको जल्द ही पेश किए जाने की उम्मीद है। जहां सिद्धारमैया जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित बनाने के लिए इसको लागू करने के लिए तैयार थे, वहीं प्रमुख वोकालिगा और वीरशैवलिंगायत भाईचारों के मंत्री यह कह कर लगातार इसका विरोध कर रहे हैं कि जनगणना को वैज्ञानिक तरीके से साथ नहीं करवाया गया था।
प्रकाश अम्बेदकर और इंडिया गठबंधन
लोकसभा चुनावों के निकट आने के साथ, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मुम्बई में एक बैठक की, जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। शिव सेना (यू.बी.टी.), एन.सी.पी. (शरद पवार) और कांग्रेस, ‘इंडिया’ गठबंधन के बैनर तले 2024 के चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। अपने हिस्से की सीटों को सुरक्षित करने के लिए शिव सेना (यू.बी.टी.) सक्रियता से बातचीत कर रही है और इस संबंधी रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना दलों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर चल रही सुनवाई पर भी विचार किए गए।