अपनी परेशानियां छिपाती हैं शर्मीली बिल्लियां

बिल्लियां अपनी परेशानियां आम लोगों से ही नहीं अपने पालने वाले मालिकों से भी छिपाती हैं और वे इन्हें छिपाने में बहुत माहिर होती हैं। इसलिए चाहे ज्यादा सर्दी हो या ज्यादा गर्मी, बिल्लियां अगर अपनी परेशानियां न दिखाएं तो भी उन्हें पालने वालों को उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल बिल्ली को हाईपोथर्मिया से बचने के लिए उनके शरीर का तापमान 90 डिग्री से ऊपर होना चाहिए। लेकिन ठंड के दिनों में आमतौर पर घर बहुत ठंडे हो जाते हैं और बिल्लियों के लिए इनमें कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं। इसलिए ठंड के समय बिल्लियों को कंबल आदि से उनके रहने की जगह को सुरक्षित कर देना चाहिए। हालांकि बिल्लियां गर्मी पसंद होती हैं, लेकिन 50 डिग्री से ज्यादा का तापमान भी उन्हें परेशान करता है। 
अगर तापमान शून्य या इससे नीचे चला जाए तो बिल्ली बिना इंसानी सहारे के बच नहीं सकती। सिर्फ तीन से चार दिनों तक ही वह जीवित रहती है। आमतौर पर दिसम्बर और जनवरी के महीने में जब उत्तर भारत में 7 डिग्री से तापमान नीचे चला जाता है, बिल्लियों के लिए वह बहुत मुश्किलभरा समय होता है। ऐसे समय उनको बहुत हिफाजत से रखना चाहिए। अगर बिल्ली लगातार कांप रही हो या उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और वह कुछ खा पी न रही हो, तो उसे गर्म कंबल या तौलिए में लपेटना चाहिए और तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बिल्ली को ठंड लग गई हो तो उसे धूप में लेकर जाएं। धूप में बिल्ली जल्दी सही हो जाती है। इसलिए सर्दियाें में आपको उन्हें अपनी बालकनी या छत में धूप खिलाना चाहिए। धूप से उन्हें अच्छा महसूस होता है।
जंगली बिल्लियां अपने रहने की जगह आमतौर पर लकड़ी या जंगल की ऐसी सूखी जगह पर बनाती हैं, जहां आसानी से ठंड नहीं लगती। लेकिन पालतू बिल्लियों को या इंसानी बस्तियों में रहने वाली आवारा बिल्लियों को यह सुविधा नहीं होती, इसलिए इनकी मदद करना चाहिए। ज्यादा ठंडे मौसम में उन्हें घर के आउटपोस्ट में लकड़ी, फूस, फटे पुराने कंबल, पुआल और कागज की रद्दी से आश्रय बना देना चाहिए। बिल्ली के लिए पुआल सबसे अच्छे होता है। क्योंकि पुआल बिल्लियों को बिल खोदने की अनुमति देता है। अगर मूंगफली के छिलके और अखबारों की रद्दी का ढेर हो तो उनके बीच भी बिल्लियों का बहुत आरामदेह घर बन जाता है। लेकिन बिल्लियां बहुत साफ-सुथरी रहती हैं। इसलिए आपकी पालतू बिल्ली का पुआल वाला बिस्तर एकाध हफ्ते पुराना हो गया है तो उसे बदल दें, क्याेंकि बिल्लियां गंदगी में नहीं रहतीं। कंबल और तौलिए या मुड़े हुए अखबार लेटी हुई बिल्लियों को गरमाईश नहीं देते। इसलिए उनके लिए बेहतर सुरक्षा तैयार करनी चाहिए।
सर्दियों की तरह ही अगर ज़रूरत से ज्यादा गर्मियां हो जाएं तो भी बिल्लियां परेशान हो जाती हैं। ज्यादा गर्मी में बिल्लियां अपनी स्वाभाविक म्याऊं म्याऊं करना बंद कर देती हैं। गर्मियां बिल्लियों के लिए प्रजनन का मौसम भी होती हैं, इसलिए कई बार गर्मियों में बिल्लियां हर दूसरे तीसरे सप्ताह में गर्म हो जाती हैं। वैसे बिल्ली एक बार गर्म हुई तो वह 1 से 21 दिनाें तक प्रजनन हेतु उर्वर स्थिति में रहती है।  

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर