आखिर हाईकोर्ट के दखल से गिरफ्तार हो ही गया शेख शाहजहां 

अंतत: महिलाओं के साथ दुष्कर्म और गरीबों की ज़मीन हड़प लेने का आरोपी, उत्तर 24 परगना जिला का तृणमूल कांग्रेस का नेता शेख शाहजहां, 55 दिनों के बाद 29 फरवरी, 2024 को सुबह अपने जिले के ही मीनाखान इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बारडबार कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को लगाई गयी फटकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अदालत इतनी सक्रिय न होती तो आरोपी का गिरफ्तार किया जाना शायद संभव ही नहीं होता। वास्तव में इस गिरफ्तारी के लिए कोलकाता हाईकोर्ट ने दस दिनों के भीतर दो बार राज्य सरकार  को फटकार लगई, तब कहीं जाकर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के कर्मचारियों पर अपने समर्थकों से हमला कराने वाले और साधारण मछली मजदूर से कई हज़ार करोड़ रूपये के मालिक बने शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया जा सका। उधर शेख शाहजहां को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निलम्बित भी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि संदेशखाली में पिछले 8 फरवरी, 2024  से महिलाओं द्वारा लगातार किए जाए रहे विरोध प्रदर्शन के बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं किया गया था, जबकि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 19 फरवरी, 2024 को प्रदेश सरकार को आरोपी को गिरफ्तार करने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन जिस तरह का रवैय्या पश्चिम बंगाल की सरकार धाहण कर रही थी, उससे लग रहा था कि पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वास्तव में कोई कोशिश ही नहीं कर रही। प्रदेश पुलिस लगातार बड़े ढुलमुल अंदाज़ में कह रही थी कि उसे ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह हमारी पहुंच से बाहर है। विधानसभा के भीतर और विधानसभा के बाहर ममता बनर्जी लगातार इस मामले को राष्ट्रीय स्वयं सेवा संघ (आरएसएस) का प्रोपेगंडा बता रही थीं। वह इस बात पर कोई कान ही नहीं दे रही थीं कि आरोप-प्रत्यारोप तो बाद में भी हो जाएगा, पहले आरोपी गिरफ्तार तो हो। पहले हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक आरोपी को गिरफ्तार करना इसलिए ज़रूरी था, क्योंकि उस पर लगे आरोप महज राजनीतिक आरोप भर नहीं थे, बल्कि लगातार पीड़ित अपनी व्यथा जताने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे।
शायद बंगाल पुलिस ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया होता अगर 26 फरवरी को कोलकाता हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट नहीं किया होता कि तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां को ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां भी गिरफ्तार कर सकती हैं और फिर 28 फवरी को कोलकाता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष को मीडिया के सामने आकर कहना पड़ा कि अगले सात दिनों के भीतर हर हाल में शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। ज़ाहिर है अब तक तृणमूल कांग्रेस को राजनीतिक रूप से यह बात समझ में गई थी कि उसे संदेशखाली में पुलिस की इस साफ-साफ  दिख रही गिरफ्तारी से टालमटोल की मंशा से राजनीतिक नुकसान हो सकता है क्योंकि पश्चिम बंगाल में भी इस मामले में विरोध और तनाव के स्वर फूटने लगे थे। इसके बाद ही कुशल रणनीतिकार ममता बनर्जी को अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह कहना पड़ा कि अगर उन्होंने जनता की बात नहीं सुनी तो जनता उठाकर बाहर कर देगी। अंतत: इन सब बाताें के बाद सरकारी एजेंसी पर हमला करवाने और दर्जनों महिलाओं के साथ यौन अपराध व गरीब लोगों की जमीन हड़पने के आरोपी शेख शाहजहां को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया और गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि इस दौरान पश्चिम बंगाल के एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुप्रतिम सरकार ने साफ कहा कि शेख शाहजहां पर कोई सेक्सुअल असाल्ट का मामला नहीं है। उसके खिलाफ जो भी गुजरी 8 और 9 फरवरी को मामले दर्ज हुए हैं, वे सब ज़मीन हड़पने के संबंध में है और दो तीन साल पुराने हैं, जिसकी जांच में समय लगेगा।
 तृणमूल कांग्रेस की सरकार शेख शाहजहां पर हाथ नहीं डाल रही थी, शायद इसकी बड़ी वजह यह हो कि हज़ारों करोड़ों दौलत का मालिक शेख शाहजहां के मामले में ममता सरकार सोच रही हो कि अगर उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा तो आगामी चुनावों में पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए मोटा माल कैसे देगा? शायद इसीलिए तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता इस आरोपी पर हाथ नहीं डाल रहा था और न ही हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहा था, क्योंकि टीएमसी पूरी तरह से इस रणनीति पर चल रही थी कि अपने-आप ही यह मामला कुछ दिनों के भीतर ठंडा पड़ जायेगा और जब ठंडा पड़ जायेगा तो इसे सब लोग भूल चुके होंगे। यही कारण है कि बिना कुछ कहे तृणमूल कांगे्रस शेख शाहजहां की गिरफ्तारी को मुश्किल बना रही थी, लेकिन अब जबकि शेख शाहजहां गिरफ्तार हो गया है तो ममता बनर्जी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरोपी के साथ आरोपी की तरह ही व्यवहार किया जाए, उसे विशेष महत्व देने की कोशिश न की जाए क्योंकि अगर ममता सरकार ऐसा करती है तो इस गिरफ्तारी का भी कोई मतलब नहीं होगा।
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