विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा का उभरता सवाल ?

भारत घूमने आए विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा का सवाल हमारे सामने यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है। विदेशी पर्यटकों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं जहां हमें कटघरे में खड़ा करती हैं, वहीं दूसरी ओर उनसे मारपीट, लूट और अधिक पैसे वसूलने की घटनाएं भी आम हैं। झारखंड के दुमका में एक स्पैनिश महिला के साथ कथित तौर पर गैंगरेप की घटना हमारे लिए चिंता और शर्म का विषय है। भारत हमेशा से विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां की प्राकृतिक बनावट और धार्मिक विविधता लोगों को यहां खींच लाती है। प्राकृतिक वातावरण विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद होता है। विदेशी पर्यटकों को भौगोलिक एवं प्राकृतिक बनावट के साथ विविधता में एकता की संस्कृति अपनी तरफ आकर्षित करती है।
दुमका में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना कोई पहली वारदात नहीं है। भारत में अक्सर विदेशी पर्यटक इस तरह की घटना का शिकार होते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से भारत का पर्यटन देश की संवृद्धि में अच्छी खासी भूमिका निभाता है लेकिन इस तरह की घटनाएं जहां हमारे देश की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, वहीं विदेशी पर्यटक यहां आने से डरते और घबराते हैं। हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक एक बार भारत आए तो भारत के ही होकर रह गए लेकिन विदेशी पर्यटकों के साथ इस तरह की घटनाएं मारपीट, ठगबाजी हमारी छवि को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा हमारे पर्यटन व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं। दुमका में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना हमारी संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है। इस घटना में शामिल दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार को राज्य सरकार से मिलकर आवश्यक कदम उठाने चाहिएं।
पर्यटन मंत्रालय को इस संबंध में विशेष कदम उठाने चाहिएं जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। बार-बार ऐसी घटनाएं होने के बाद भी हम आवश्यक कदम नहीं उठा पाते हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए खास सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिएं। भारत आने वाले पर्यटकों के लिए जो सरकारी स्तर पर विशेष गाइड की व्यवस्था सरकारी एजेंसी के माध्यम से होनी चाहिए। भारत आने वाले ऐसे पर्यटक कहां ठहर रहे हैं, कहां जा रहे हैं? उनके लिए कहां रुकना अच्छा रहेगा? सरकार की तरफ से उन्हें सारी सुविधा और सूचना उपलब्ध होनी चाहिए। सिविल पुलिस के बजाय इसके लिए अलग से विशेष पर्यटन पुलिस होनी चाहिए। पर्यटन पुलिस की विशेष जिम्मेदारी विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के संदर्भ में होनी चाहिए। विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को इस तरह की व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिएं। विदेशी पर्यटकों के साथ आमतौर पर भाषा की भी समस्या होती है। ऐसे में उसके समाधान के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिएं। दुमका में हुई घटना में भी पुलिस और पीड़ितों के बीच भाषा की समस्या देखने को मिली।
भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट गाइडलाइन भी होनी चाहिए। पर्यटकों को यह निर्देश होना चाहिए कि आप जहां जा रहे हैं, वहां की भौगोलिक स्थिति क्या है? अगर आप पहाड़ी या आदिवासी इलाके में घूमने जा रहे हैं तो वहां क्या समस्या हो सकती है। पहाड़ और दूसरी जगह पर जा रहे हैं तो क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए। 
स्थानीय लोगों के बारे में भी जानकारी देना आवश्यक है। भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है लेकिन दुमका जैसी घटनाएं पर्यटन उद्योग को कहीं न कहीं से प्रभावित करती हैं। दुमका की घटना को लेकर राजनीतिक तीर भी चलने लगे हैं लेकिन यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है। इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि यह मामला विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के साथ देश की अस्मिता से भी जुड़ा है।