बिहार में ‘इंडिया’ के सहयोगियों में सीटों के बटवारे संबंधी गतिरोध जारी

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, तीन वामपंथी दलों—भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई.), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सी.पी.आई.-एम.) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लैनिनवाद) के बीच सीटों के विभाजन को अंतिम रूप दे दिया गया है और एक-दो दिन में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। राजद ने बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के साथ तथा वीरवार को सी.पी.आई. (एम-एल) के साथ सीटों के विभाजन बारे चर्चा की। सूत्रों के अनुसार राजद कम से कम 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और कांग्रेस 8 से 9 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जबकि सी.पी.आई. (एम-एल) के लिए 3 से 4 सीटें, सी.पी.आई.-एम. तथा सी.पी.आई. के लिए एक-एक सीट छोड़ी जाएगी। हालांकि सी.पी.आई. (एम.एल.) सीवान सहित प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए आठ सीटें मांग रही है। 
राजद सी.पी.आई. (एम-एल) को आरा, नालंदा तथा काराकाट सीट की पेशकश कर रहा है, परन्तु सी.पी.आई. (एम-एल) सीवान भी चाहती है और यह राजद तथा सी.पी.आई. (एम-एल) के बीच विवाद का कारण बना गया है। सूत्रों के अनुसार यदि सी.पी.आई. (एम-एल) को सीवान सीट नहीं मिली तो राजद तथा सी.पी.आई. (एम-एल) के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। हालांकि कांग्रेस को पश्चिम चम्पारन, औरंगाबाद, किशनगंज, पटना साहिब, पूर्निया, मुज्जफरपुर व समस्तीपुर सीटें मिलेंगी। इसके अतिरिक्त कांग्रेस बेगुसराय, कटिहार, नवादा तथा पूर्वी चम्पारन सीटें चाहती है और यह राजद तथा कांग्रेस के बीच विवाद का कारण बन गया है। सी.पी.आई. को बेगूसराय सीट तथा सी.पी.आई.-एम. को खगड़िया लोकसभा सीट मिल सकती है। मुकेश साहनी की विकासशील इन्सान पार्टी के साथ बातचीत चल रही है और राजद उसे एक सीट दे सकता है। 
भाजपा तथा बीजू जनता दल
उडीसा में भाजपा व बीजू जनता दल (बीजद) के मध्य सम्भावित गठबंधन को लेकर तीन मुख्य पार्टियों—बीजद, भाजपा तथा कांग्रेस की ओर से 21 लोकसभा तथा 147 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हो रही है। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता यह जानने के लिए बेसब्री से इन्तज़ार कर रहे हैं कि क्या वे चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे या मित्र बनेंगे। ओडिशा में चुनाव चार चरणों में 13 मई, 20 मई, 25 मई तथा एक जून को होंगे। सूत्रों के अनुसार बीजद विधानसभा सीटों के संबंध में भाजपा को अधिक स्थान देने की इच्छुक नहीं है। बीजद के पास इस समय 12 लोकसभा तथा 111 विधानसभा सीटें हैं जबकि भाजपा के पास इस समय 8 लोकसभा तथा 22 विधानसभा सीटें हैं। हालांकि बीजद भाजपा से गठबंधन के बिना अपनी सम्भावनाओं को लेकर बहुत उत्साहित तथा आशावादी भी है, क्योंकि पटनायक आबादी के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने वाली जन-कल्याण योजनाओं की घोषणा से बेहद लोकप्रिय बने हुए हैं। 
कांग्रेस-वामपंथी मोर्चा बनाम टीएमसी 
कांग्रेस पश्चिम बंगाल में वामपंथियों तथा भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के साथ सीटों के विभाजन समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि आईएसएफ 6 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हो गई है। दूसरी ओर कांग्रेस ने वीरवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 56 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की है। कांग्रेस ने अपनी तीसरी सूची में पश्चिम बंगाल की आठ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी ने बेरहामपुर से अधीर रंजन चौधरी को फिर से मैदान में उतार है, जिससे अनुभवी कांग्रेस नेता तथा क्रिकेटर से नेता बने युसफ पठान की बीच बहुत कड़ा मुकाबला होने संभावना बन गई है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस ने मालदाहा दक्षिण से ईशा खान चौधरी को, मालदाहा उत्तर से मुस्ताक आलम को तथा पुरुलिया से निपाल महतो को मैदान में उतारा है। 
चंडीगढ़ से कौन?
कांग्रेस चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार पर फैसले के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के अनुसार तीन लोगों—चंडीगढ़ से पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल, आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी तथा चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की के नाम केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजे गए हैं। सूत्रों के अनुसार पवन कुमार बंसल या मनीष तिवारी इस सीट के लिए सबसे आगे हैं। पार्टी की केन्द्रीय चयन समिति के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अंतिम फैसला लेने के लिए अधिकार दे दिये हैं। (आई.पी.ए. सेवा)